Kapalbhati Health Benefits: योग करने से आत्मा, मन और शरीर एकसाथ होते हैं. संपूर्ण सेहत के लिए योग अत्यंत फायदेमंद है. यहां जानिए कपालभाति प्राणायाम करने से सेहत को होने वाले अनगिनत फायदों के बारे में.
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Kapalbhati Health Benefits: पतंजलि के अनुसार, नियमित योग करने से हम अपने दिमाग पर नियंत्रण पा सकते हैं. व्यक्ति के मन में कई तरह के भाव उत्पन्न होते रहते हैं जैसे घृणा, क्रोध, दुख आदि. अक्सर इन भावों को नियंत्रित करना हमारे लिए कठिन हो जाता है. लेकिन अगर व्यक्ति रोजाना योग का अभ्यास करता है तो वह अपने मन पर काबू पा सकता है और बुरे विचारों को मस्तिष्क पर हावी होने से रोक सकता है.
योग का अभ्यास सारी परेशानियों का हल है. योग हमारे मन को शांत करके हमारी सोचने की दिशा को सकारात्मक रूप देता है. योग करने से आप हमेशा खुश महसूस करते हैं. गुरू वशिष्ट जो कि भगवान राम के गुरू थे उनका ऐसा मानना था कि मन से ही शरीर का संचालन होता है. अगर मन प्रसन्नचित रहता है तो शरीर भी शांत और नियंत्रित रहता है. आइये जानते हैं कपालभाति आसन के बारे में जिसे करने से आपके शरीर को अनगिनत फायदे होंगे.
कपालभाति करने के फायदे
पतंजलि में योग का महत्व है. इसमें सबसे ज्यादा कपालभाति आसन के फायदे बताए गए हैं. अगर आप रोजाना कपालभाति का अभ्यास करते हैं तो इससे लिवर और किडनी से जुड़ी समस्याएं ठीक हो जाती हैं. हर सुबह कपालभाति करने से शरीर में ऊर्जा की कमी नहीं होती है. त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए कपालभाति करना बहुत फायदेमंद माना जाता है. नियमित रूप से इसे करने से आंखों के नीचे पड़े कोले घेरे धीरे-धीरे खत्म हो जाते हैं. साथ ही ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखने और मेटाबॉलिज्म में सुधार करने के लिहाज से कपालभाति बहुत फायदेमंद है.
कपालभाति करने का सही तरीका
बेहतर परिणाम के लिए आपको सुबह 10 से 15 मिनट के लिए कपालभाति जरूर करना चाहिए. कपालभाति प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले योग आसन पर बैठें और आंखों को बंद करके ध्यान मुद्रिका में जानें की कोशिश करें. इसके लिए आप दोनों पैरों को पलथी लगाकर बैठें. हथेलियों को दोनों घुटनों पर आकाश की तरफ घुमाकर रखें. अब ध्यान की मुद्रा में जाते हुए गहरी और लंबी सांस लें. इस आसन को करते समय आपको अपनी कमर और गर्दन बिल्कुल सीधी रखनी है. गहरी सांस लेने के बाद नाक से सांस को तेजी से बाहर निकालें. आपने चेहरे को बिना किसी सिकुड़ने के सीधा और सिंपल रखें. ध्यान रहे कि आपका पेट न तो ज्यादा बाहर निकला हो न ही अधिक अंदर. जब आप सांस अंगर लेंगे तो पेट अपने आप अंदर जाएगा. ऐसे ही सांस को तेजी से छोड़ने पर पेट अपने आप बाहर होगा. इस अभ्यास को कम से कम 15 मिनट कर करें.
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