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Explainer: प्रपोजल से लेकर प्रजेंटेशन तक...कैसे तैयार किया जाता है बजट? जानिए सब कुछ

India Budget: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्ण बजट पेश करेंगी. बजट सिर्फ एक बही-खाता नहीं होता है. बल्कि यह देश की आर्थिक स्थिति और आगामी फाइनेंशियल ईयर के लिए सरकार का ब्लूप्रिंट होता है.

साल 2025 का बजट

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साल 2025 का बजट

बजट सरकार के आगामी वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) के लिए अनुमानित खर्चों और राजस्व की योजना पेश करता है. ऐसे में यह जानना महत्वपूर्ण हो जाता है कि बजट तैयार कैसे किया जाता है.

 

प्रपोजल तैयार करना

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प्रपोजल तैयार करना

बजट की प्रक्रिया हर साल अगस्त में शुरू हो जाती है. वित्त मंत्रालय अलग-अलग मंत्रालयों, राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और स्वायत्त निकायों को दिशानिर्देश जारी करता है. इन निर्देशों के तहत विभागों से उनके अनुमानित खर्चों और राजस्व का विश्लेषण करके प्रस्ताव मांगे जाते हैं.

 

विभागीय समीक्षा

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विभागीय समीक्षा

प्रस्तावों के जमा होने के बाद सरकारी अधिकारी इन्हें सावधानीपूर्वक समीक्षा करते हैं. यह सुनिश्चित किया जाता है कि सभी प्रस्ताव सरकार के व्यापक वित्तीय ढांचे के अनुरूप हों. अनुमोदित आंकड़ों को फिर वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाता है, जो विभिन्न क्षेत्रों और विभागों में राजस्व का आवंटन करता है.

 

विवाद का समाधान और परामर्श

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विवाद का समाधान और परामर्श

अगर धन आवंटन को लेकर किसी प्रकार का विवाद होता है, तो इसे केंद्रीय कैबिनेट या प्रधानमंत्री के पास भेजा जाता है. साथ ही वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों और राजस्व विभाग अलग-अलग हित धारकों जैसे व्यवसायियों, किसानों, अर्थशास्त्रियों और विदेशी निवेशकों के साथ परामर्श करता है. इन चर्चाओं का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि बजट देश के सभी आर्थिक क्षेत्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार हो.

 

बजट से पहले की बैठकें

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बजट से पहले की बैठकें

बजट तैयार करने की प्रक्रिया में वित्त मंत्री अलग-अलग क्षेत्रों के प्रतिनिधियों से मिलते हैं. इन बैठकों में राज्य अधिकारियों, बैंकरों, कृषि संगठनों, अर्थशास्त्रियों और व्यापार संघों के साथ विचार-विमर्श किया जाता है. ये बैठकें सरकार को समाज के विभिन्न वर्गों की प्राथमिकताओं और चुनौतियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती हैं.

 

बजट का अंतिम मसौदा

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बजट का अंतिम मसौदा

इन परामर्शों और प्रधानमंत्री के साथ चर्चा के बाद वित्त मंत्री बजट को अंतिम रूप देते हैं. इस अंतिम दस्तावेज को छपाई के लिए भेजा जाता है. बजट छपाई प्रक्रिया की शुरुआत हलवा समारोह के साथ होती है, जो एक परंपरागत कार्यक्रम है और बजट प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

 

प्रजेंटेशन

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प्रजेंटेशन

फाइनल बजट 1 फरवरी को संसद में पेश किया जाता है. इस दौरान इसे संसद में बहस और चर्चा के लिए रखा जाता है. बजट के प्रजेंटेशन के बाद इसके प्रावधानों को लागू करने के लिए सरकार आवश्यक कदम उठाती है.

 

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