भारत में बच्चे के जन्म से पहले लिंग के बारे में पता करना गैर कानूनी होता है. लेकिन कुछ लोग फूड्स क्रेविंग के आधार पर बच्चे का लिंग बता देते हैं जैसे मीठा खाने का मन है तो लड़की होगी. तीखा खाने का मन है तो लड़का होगा. डाइटीशियन शिखा शर्मा अग्रवाल से जानते हैं इस दावे में कितनी सच्चाई है.
प्रेग्नेंसी क्रेविंग को अधिकतर लोग लिंग से जोड़कर रखते हैं. प्रेग्नेंसी के दौरान मीठा खाने की क्रेविंग को बेटी और खट्टा-चटपटा खाने के बेटे से जोड़कर देखा जाता है. शिखा शर्मा अग्रवाल के अनुसार यह मिथ है. फूड्स क्रेविंग का बच्चे के लिंग से कोई लेना-देना नहीं है.
एक्सपर्ट के अनुसार प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं. इन्हीं हार्मोनल बदलाव की वजह से मीठा या तीखा खाने का मन होता है.
एक्सपर्ट का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान मीठे या तीखे खाने की क्रेविंग हो सकती है लेकिन यह बच्चे के लिए अच्छा नहीं होता है. प्रेग्नेंसी के दौरान मीठा और तीखा भोजन का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए. प्रेग्नेंसी के दौरान हेल्दी डाइट का सेवन करना चाहिए.
फूड्स क्रेविंग या फिर पेट का आकार देखकर बच्चे के लिंग का पता नहीं किया जा सकता है. एक्सपर्ट के अनुसार यह दावा गलत है. प्रेग्नेंसी के दौरान क्रेविंग होना नॉर्मल होता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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