Advertisement

Science News

alt
Ancient Star Discovered: वैज्ञानिकों ने हमारी आकाशगंगा (Milky Way) के बाहर मौजूद सबसे पुराने तारों में से एक की खोज की है. ब्रह्मांड के शुरुआती दिनों में बना यह सितारा मिल्की वे की सैटेलाइट गैलेक्सी- लार्ज मैजेलेनिक क्लाउड (LMC) में स्थित है. LMC को करीब 2.4 बिलियन साल के भीतर मिल्की वे में मिल जाना है. वैज्ञानिकों ने यूरोपियन स्पेस एजेंसी के गैया स्पेस टेलीस्कोप के डेटा में LMC के पुराने तारों को खोजा. फिर उन्होंने चिली में मौजूद टेलीस्कोप की मदद से 10 ऐसे तारों की खोज की जिनमें बाकी तारों से करीब 100 गुना कम आयर्न मिला. इसका मतलब यह था कि ये तारे बेहद प्राचीन थे. LMC-119 नाम के तारे ने वैज्ञानिकों का ध्यान खींचा. रिसर्च के मुताबिक, LMC-119 कम से कम 13 बिलियन साल पुराना है. अगर तुलना करनी ही है तो जान लें कि ब्रह्मांड की आयु 13.8 बिलियन साल मानी जाती है. इस तारे पर रिसर्च से वैज्ञानिकों को उस समय के बारे में पता चला है जब हमारा सूर्य बना भी नहीं था. यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में चली रिसर्च के नतीजे Nature Astronomy जर्नल में छपे हैं. (Photos : ESO/ESA/NASA)
Apr 25,2024, 15:43 PM IST
alt
Russian Nuclear Submarine Wreckage: सोवियत काल की एक पनडुब्बी समुद्र की तलहटी में लगातार रेडिएशन उगल रही है. यह Komsomolets पनडुब्बी 1989 में नॉर्वे के तट के पास हादसे का शिकार हुई थी. तब से यह वहीं पर है. इसके 42 सदस्यीय क्रू की मौत हो गई थी. पनडुब्बी के भीतर एक न्यूक्लियर रिएक्टर और दो न्यूक्लियर टारपीडो मौजूद हैं. रूस लगातार दावा करता रहा कि उसने रिएक्टर में लीक को रोकने के लिए कई मिशन भेजे. हालांकि, अब नॉर्वे के रिसर्चर्स ने पाया है कि Komsomolets पनडुब्बी का मलबा भयानक रेडिएशन उगल रहा है. रेडिएशन की मात्रा समुद्र के नॉर्मल लेवल से एक लाख गुना ज्यादा पाई गई. इस पनडुब्बी का अंदरूनी हल टाइटेनियम से बना है. यहां 1500 psi तक दबाव झेल सकती थी और 3,350 फीट की गहराई तक जा सकती थी. इसकी अधिकतम रफ्तार 370 किलोमीटर प्रति घंटा हुआ करती थी. लेकिन अब यह पनडुब्बी रेडिएशन का ज्वालामुखी बन गई है. (Photos: EPA-YouTube/@havforskningen)
Apr 22,2024, 13:02 PM IST
alt
China Tiantong Satellite: मोबाइल तकनीक के मामले में चीन बाकी दुनिया से कई कदम आगे निकल गया है. चीन ने दुनिया का पहला ऐसा सैटेलाइट बना लिया है जिससे सीधे स्मार्टफोन से कॉल हो सकती है. इसके लिए धरती पर टावरों का नेटवर्क या अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं पड़ेगी.  मेनस्ट्रीम होने के बाद, सैटेलाइट फोन की जरूरत भी नहीं रह जाएगी. सैटेलाइट कम्युनिकेशंस की फील्ड में चीन की यह उपलब्धि 'मील का पत्थर' साबित साबित हो सकती है. चीन ने इस प्रोजेक्ट को 'टियांटांग' (Tiantong) नाम दिया है जिसका मतलब होता है, 'स्वर्ग से जुड़ना'. Tiantong-1 सैटेलाइट सीरीज का पहला लॉन्‍च 6 अगस्त, 2016 को हुआ था. अब ऐसे तीन सैटेलाइट 36,000 किलोमीटर वाले ऑर्बिट में मौजूद हैं. इनकी मदद से चीन पूरे एशिया-पैसिफिक को कवर कर लेता है. पिछले साल सितंबर में Huawei ने दुनिया का पहला स्मार्टफोन लॉन्च किया था जिससे सैटेलाइट कॉल की जा सकती थी. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, Xiaomi, Honor और Oppo जैसे अन्य मोबाइल निर्माता भी ऐसे स्मार्टफोन डेवलप कर रहे हैं. चीन की यह खोज आपातकालीन परिस्थितियों में कारगर साबित हो सकती है. (Photo : Dall-E AI)
Apr 15,2024, 15:14 PM IST
alt
NASA LRO Images: अमेरिकी स्पेस एजेंसी, नासा के लूनर ऑर्बिटर (LRO) ने चांद के चक्कर लगाते हुए दिलचस्प तस्वीरें भेजी हैं. इन तस्वीरों में सर्फबोर्ड जैसी कोई चीज चांद पर मंडराती दिख रही है. यह कोई UFO या एलियन ऑब्जेक्ट नहीं है. दरअसल, NASA के LRO ने साउथ कोरिया के लूनर ऑर्बिटर 'दानुरी' को देख लिया था. दोनों ही स्पेसक्राफ्ट चांद के चक्कर लगाते हैं. चूंकि दोनों लगभग समानांतर कक्षा में घूम रहे थे, इसलिए नासा की टीम फोटो ले पाई. यह घटना 5-6 मार्च के बीच हुई. नासा के LRO में जो कैमरा लगा है, उसका शार्ट एक्सपोजर टाइम बेहद कम (0.338 मिली सेकंड) है. इस वजह से दानुरी का फोटो लेना बड़ा मुश्किल हो गया था. फिर भी LRO ने दो-तीन फोटो तो ले ही लिए. 'दानुरी' साउथ कोरिया का पहला स्पेसक्राफ्ट है जो चांद की कक्षा में पहुंचा था. (All Photos: NASA/Goddard/Arizona State University)
Apr 11,2024, 17:48 PM IST
alt
अंटार्कटिका को बाकी दुनिया बर्फ में दबे एकांत महाद्वीप के रूप में जानती है. लेकिन यह बात पूरी तरह सच नहीं. बाकी भूभाग की तरह, अंटार्कटिका के नीचे भी जमीन धधक रही है. अंटार्कटिका में बर्फ की मोदी चादर के नीचे सैकड़ों ज्वालामुखी मौजूद हैं. यहां पर मौजूद बर्फ की पश्चिमी परत को दुनिया का सबसे बड़ा ज्वालामुखी क्षेत्र माना जाता है. वहां कम से कम 138 ज्वालामुखी मौजूद हैं. इनमें से 91 की खोज पहली बार 2017 में छपी एक स्टडी में की गई थी. क्या अंटार्कटिका में मौजूद ज्वालामुखियों में कभी विस्फोट हो सकता है? जियोलॉजिस्‍ट्स की मानें तो यह ज्वालामुखी पर निर्भर करता है. 2017 वाली स्‍टडी में रिसर्चर्स ने कहा था कि तमाम ज्वालामुखी बेहद नौजवान हैं. वैज्ञानिक यह पता नहीं लगा पाए थे कि वे ज्वालामुखी के लिहाज से सक्रिय हैं या नहीं. अभी अंटार्कटिका के केवल दो ज्वालामुखियों को सक्रिय माना जाता है- डिसेप्‍शन आइलैंड और माउंट एरेबस. (All Photos : NASA)
Apr 8,2024, 15:11 PM IST
alt
Megadroughts In Australia: ऑस्ट्रेलिया पर भयानक सूखे का खतरा मंडरा रहा है. वैज्ञानिकों ने चेताया है कि जल्द ऐसा सूखा पड़ सकता है जो 20 साल से ज्यादा समय तक रहेगा. Hydrology and Earth System Sciences जर्नल में यह स्टडी छपी है. ऑस्‍ट्रेलिया की कई यूनिवर्सिटीज ने मिलकर एक मॉडल तैयार किया है. इसके मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में जल्‍दी ही एक मेगाड्रॉट (भयंकर सूखा) देखने को मिल सकता है दशकों तक चलेगा. रिसर्चर्स ने अभी इस मॉडल में औद्योगिक क्रांति के बाद से जलवायु पर पड़े इंसानी प्रभाव को शामिल नहीं किया है. साइंटिस्‍ट्स ने यह भी पाया कि 20वीं सदी में पड़े सूखे भी औद्योगिक क्रांति से पहले के सूखों से ज्यादा लंबे थे. मेगाड्रॉट बेहद गंभीर, लंबे चलने वाले और बड़े इलाके में फैले सूखे को कहते हैं. वे कई दशकों यहां तक कि सदियों तक चल सकते हैं. अमेरिका के दक्षिणपश्चिमी इलाके में 21वीं सदी की शुरुआत में सूखा पड़ा था. अभी तक उस एरिया को सूखे से राहत नहीं मिली है. (Photo : Reuters)
Apr 3,2024, 16:52 PM IST
alt
Six Legged Mouse Embryo: पुर्तगाल के बायोसाइंटिस्‍ट्स ने लैब में छह पैरों वाला चूहा बनाया है. चूहे के भ्रूण में जहां पर जननांग होने चाहिए थे, वहां पर दो अतिरिक्त पैर हैं. 'नेचर कम्युनिकेशंस' जर्नल में छपी स्टडी में पुर्तगाली वैज्ञानिकों ने इस अजीब प्रयोग की जानकारी दी. नई रिसर्च से यह समझने में मदद मिली कि DNA के 3D स्‍ट्रक्‍चर में बदलाव का भ्रूण के विकास पर कैसा असर होता है. पुर्तगाली वैज्ञानिक एक तरह के रिसेप्‍टर प्रोटीन Tgfbr1 पर स्‍टडी कर रहे थे. इसके लिए उन्होंने लैब में चूहे के कई भ्रूण बनाए. जब भ्रूण आधे विकसित हो चुके थे, तब उन्‍होंने Tgfbr1 जीन को निष्क्रिय कर दिया, यह देखने के लिए उससे स्‍पाइनल कॉर्ड के विकास पर क्‍या असर पड़ता है. फिर एक दिन, जूनियर साइंटिस्ट ने देखा कि एक भ्रूण के जननांग ऐसे दिख रहे हैं जैसे कि एक्स्ट्रा पैर हों.
Mar 30,2024, 14:08 PM IST
alt
Ancient Shipwreck Discovery: समुद्र की गहराइयों में न जाने कितने राज दफन हैं. हाल ही में, ग्रीक रिसर्चर्स ने विदेशी एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर महत्वपूर्ण खोज की है. उन्‍हें कासोस आइलैंड के पास 5000 साल से भी पुराने जहाज का मलबा मिला है. पुरातत्व विज्ञानियों और इतिहासकारों के लिए यह किसी 'खजाने' से कम नहीं. रिसर्चर्स ने 20 से 47 मीटर गहरे पानी में कुल 10 जहाजों के मलबे खोजे हैं. इनमें से एक जहाज तो 3000 BC (ईसा पूर्व) पुराना है. ग्रीक की मिनिस्‍ट्री ऑफ कल्चर (संस्कृति मंत्रालय) ने बताया कि उन्हें क्‍लासिकल पीरियड (460 ईसा पूर्व), हेलेनिस्टिक पीरियड (100 ईसा पूर्व से 100 ईस्वी), रोमन पीरियड (200 ईसा पूर्व से 300 ईस्वी), बीजान्टिन पीरियड (800 से 900 ईस्वी) के साथ-साथ मिडल पीरियड और ओटोमन पीरियड के भी अवशेष मिले हैं. रिसर्चर्स ने 20,000 से ज्‍यादा तस्वीरें ली हैं और काफी सारा मैटीरियल अपने साथ लेकर आए हैं. प्राचीन काल से जुड़ी इस खोज के बारे में आगे विस्तार से जानिए. (All Photos : Greek Ministry of Culture)
Mar 24,2024, 16:01 PM IST
Read More

Trending news