650 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर! हबल स्पेस टेलीस्कोप की इस फोटो में बहुत बड़े धमाके का रहस्य छिपा है
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650 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर! हबल स्पेस टेलीस्कोप की इस फोटो में बहुत बड़े धमाके का रहस्य छिपा है

Hubble Telescope Captures Supernova: हबल स्पेस टेलीस्कोप ने पृथ्‍वी से करीब 650 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर हुए एक दुर्लभ सुपरनोवा विस्फोट की तस्वीर खींची है.

650 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर! हबल स्पेस टेलीस्कोप की इस फोटो में बहुत बड़े धमाके का रहस्य छिपा है

Hubble Space Telescope: NASA/ESA के हबल स्पेस टेलीस्कोप ने एक दुर्लभ सुपरनोवा का फोटो कैप्चर किया है. यह पृथ्वी से लगभग 650 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर मिथुन (Gemini) तारामंडल में स्थित है. यह सुपरनोवा LEDA 22057 नामक एक सर्पिल आकाशगंगा (spiral galaxy) में देखा गया. ESA द्वारा जारी की गई तस्वीर में LEDA 22057 आकाशगंगा के घुमावदार आकार को साफ देखा जा सकता है. इसका केंद्र अंडाकार (oval-shaped) है, जो सफेद चमक से भरा हुआ है. केंद्र से घुमावदार भुजाएं (arms) फैलती हैं, जो गैस और धूल के मोटे बैंड्स के बीच ब्रह्मांड में फैली हुई हैं.

इस सुपरनोवा का नाम SN 2024PI रखा गया है. यह तस्वीर में आकाशगंगा के चमकीले केंद्र से थोड़ा नीचे और दाईं ओर हल्के नीले बिंदु (Pale Blue Dot) के रूप में चमकता दिखाई देता है. यह दुर्लभ घटना तब कैद की गई जब सुपरनोवा की खोज के लगभग छह सप्ताह बाद हबल ने इसे तस्वीर में लिया. उस समय, यह अपनी अधिकतम चमक से काफी कम चमकदार था.

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हबल टेलीस्कोप से लिया गया सुपरनोवा SN 2024PI  का फोटो (ESA/Hubble & NASA, R. J. Foley (UC Santa Cruz)

सुपरनोवा क्या है?

सुपरनोवा तब होता है जब कोई तारा बूढ़ा हो जाता है और आखिरकार अपने गुरुत्वीय पतन (gravitational collapse) के बाद विस्फोट करता है. SN 2024PI खास इसलिए है क्योंकि इसे टाइप Ia सुपरनोवा के रूप में वर्गीकृत किया गया है. ऐसा सुपरनोवा तभी संभव है जब एक सफेद बौना तारा (white dwarf), जो एक मृत और अत्यधिक घना तारा होता है, किसी द्वि-तारकीय प्रणाली (binary star system) का हिस्सा हो.

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बाइनरी सिस्टम में सफेद बौना अपने साथी तारे से पदार्थ (material) खींचता है. जब सफेद बौना अत्यधिक द्रव्यमान (mass) प्राप्त कर लेता है और खुद को सहारा देने में असमर्थ हो जाता है, तो उसमें अनियंत्रित परमाणु संलयन (runaway nuclear fusion) होता है. यह संलयन सफेद बौने तारे को पूरी तरह से नष्ट कर देता है और सुपरनोवा विस्फोट होता है. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने इस प्रक्रिया को हबल की तस्वीर के ब्योरे में समझाया है.

SN 2024PI की खोज कैसे हुई

इस दुर्लभ सुपरनोवा की खोज इस महीने एक ऑटोमेटेड सर्वे के जरिए हुई. यह सर्वे हर दो दिन में हमारे रात के आसमान के उत्तरी आधे भाग को स्कैन करता है. अब तक, इस तरीके से 10,000 से अधिक सुपरनोवा की पहचान की जा चुकी है.

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SN 2024PI टाइप Ia सुपरनोवा की श्रेणी में आता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं. ये सुपरनोवा खगोलशास्त्रियों को ब्रह्मांड के विस्तार की दर (rate of expansion) और दूरस्थ आकाशगंगाओं की दूरी को मापने में मदद करते हैं. इनका अध्ययन डार्क एनर्जी (dark energy) को समझने के लिए भी किया जाता है.

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