साइंस मिस्ट्री: आसमान में दिखी ग्रे कलर की रहस्यमय धुंधली रोशनी क्या थी? वैज्ञानिकों ने पता लगाया
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साइंस मिस्ट्री: आसमान में दिखी ग्रे कलर की रहस्यमय धुंधली रोशनी क्या थी? वैज्ञानिकों ने पता लगाया

Strange Light In Sky: वैज्ञानिकों ने आसमान में दिखी हल्के स्लेटी रंग की रोशनी (ऑरोरा) का रहस्य सुलझाने का दावा किया है. उनका कहना है कि यह एक नए प्रकार की परिघटना हो सकती है.

साइंस मिस्ट्री: आसमान में दिखी ग्रे कलर की रहस्यमय धुंधली रोशनी क्या थी? वैज्ञानिकों ने पता लगाया

Science News in Hindi: पृथ्‍वी के ध्रुवीय क्षेत्रों और आसपास रात को आसमान में रंग-बिरंगी रोशनी नजर आती है. इन्हें 'ऑरोरा' कहा जाता है. आमतौर पर यह रोशनी लाल या हरी रंगत लिए होती है. वैज्ञानिकों ने इस बीच एक रहस्यमय ग्रे और सफेद आभा को पहली बार स्पष्ट रूप से कैद किया है. यह नई खोज कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलगरी के वैज्ञानिकों द्वारा की गई है. उनका मानना है कि इस दुर्लभ प्रकाशीय घटना ने आसमान की केमिस्ट्री से जुड़ी नई जानकारियां दी हैं. रिसर्चर्स के मुताबिक, यह खगोलीय घटना एकदम नई है. यह रिसर्च Nature Communications जर्नल में छपी है.

आसमान में 'ग्रे' पैच

यह रहस्यमयी आभा सफेद और ग्रे रंग के पैच की तरह नजर आती है, नॉर्दर्न लाइट्स के भीतर देखी गई है. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलगरी में फिजिसिस्ट, एम्मा स्पैंस्विक ने कहा, 'यह एक संरचित पैच की तरह दिखती है, जो डायनामिक और लाल रंग की रोशनी के बीच अचानक प्रकट होती है.' यह घटना कुछ हद तक 'STEVE' नामक एक अन्य प्रकाशीय घटना से मिलती-जुलती है.

STEVE, जिसका मतलब Strong Thermal Emission Velocity Enhancement है, एक मावे (mauve) और ग्रे-टोन्ड लाइट स्ट्रक्चर है. हालांकि STEVE, पारंपरिक नॉर्दर्न लाइट्स से अलग है और आकाश में एक बड़ी पट्टी के रूप में देखा जाता है, जबकि यह नई ग्रे आभा नॉर्दर्न लाइट्स के भीतर नजर आती है.

आसमान की रंगीन रोशनी

नॉर्दर्न लाइट्स या अन्य  ऑरोरा, सूर्य से आने वाले आवेशित कणों के पृथ्वी के वायुमंडल से टकराने के कारण पैदा होती हैं. पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र इन कणों को ध्रुवीय क्षेत्रों की ओर निर्देशित करता है, जहां वे वायुमंडलीय अणुओं से टकराकर ऑक्सीजन और नाइट्रोजन की रंगीन चमक पैदा करते हैं. आमतौर पर इन लाइट्स में हरे और गुलाबी रंग देखे जाते हैं. लेकिन सफेद और ग्रे रंग की चमक की वजह अब तक अज्ञात थी.

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ग्रे कलर के पीछे क्या रहस्य

रिसर्चर्स ने पाया कि यह रहस्यमयी ग्रे आभा नॉर्दर्न लाइट्स के भीतर गर्मी पैदा होने के चलते, रासायनिक प्रतिक्रियाओं से बनती है. इन प्रतिक्रियाओं से विद्युत चुंबकीय तरंगों का एक व्यापक स्पेक्ट्रम उत्सर्जित होता है, जिससे यह सफेद और ग्रे रंग की चमक दिखाई देती है. स्पैंस्विक ने कहा, 'यह बहुत हद तक नाइटग्लो (nightglow) जैसा है, जो वायुमंडलीय परतों में रासायनिक टूटफूट और पुनर्गठन से बनता है.'

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ट्रांजीशन रीजन एक्सप्लोरर के रेड, ग्रीन और ब्लू स्पेक्ट्रोमीटर द्वारा कैप्चर किए गए ग्रे पैचेज की तस्वीरें (Spanswick et al., Nature Communications, 2024)

शोधकर्ताओं को यह असाधारण घटना समझने में Transition Region Explorer नामक नई हाई-रेजोल्यूशन स्काई-इमेजिंग ऑब्जर्वेटरी ने मदद की. यह उपकरण रंगीन प्रोफाइल में नॉर्दर्न लाइट्स का विस्तृत रिकॉर्ड प्रदान करता है, जिससे वैज्ञानिकों को सफेद आभा के पीछे की तरंग दैर्ध्य (wavelength) की संरचना को समझने में मदद मिली.

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रिसर्च से पता चला कि ये ग्रे पैच आकार में कुछ दर्जन किलोमीटर से सैकड़ों किलोमीटर तक हो सकते हैं और ये सक्रिय नॉर्दर्न लाइट्स के भीतर दिखाई देते हैं.

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