Universe Expanding Speed: ब्रह्मांड के विस्तार की दर क्या है, इस बारे में एडविन हबल ने 100 साल पुरानी गणनाओं का लेकर वैज्ञानिकों के बीच मतभेद के स्वर उभर रहे हैं.
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Science News in Hindi: एडविन हबल ने जब दुनिया को बताया कि ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है, खगोल विज्ञान के क्षेत्र में तहलका मच गया था. हबल की 1929 में की गई खोज ने यह दिखाया था कि ब्रह्मांड लगातार फैल रहा है. उन्होंने ब्रह्मांड के विस्तार की दर की गणना करके भी बताई, जिसे 'हबल स्थिरांक' या Hubble Constant कहा जाता है. पिछले 100 सालों से ब्रह्मांड के विस्तार की दर पर खगोलशास्त्रियों के बीच विवाद बना हुआ है. हालांकि, नई रिसर्च से यह खुलासा हुआ है कि ब्रह्मांड की यह विस्तार दर (Hubble Constant) सिद्धांतों द्वारा बताई गई दर से तेज है.
'हबल टेंशन' क्या है?
ब्रह्मांड के विस्तार के दरों की इस असमानता को 'हबल टेंशन' कहा जाता है. यह खगोलशास्त्रियों और भौतिकविदों के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुकी है. ड्यूक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डैन स्कॉलनिक ने कहा, 'अब यह तनाव एक संकट में बदल रहा है.' स्कॉलनिक और उनकी टीम ने ब्रह्मांड के विस्तार की दर को मापा और पाया कि यह भौतिकी के मौजूदा मॉडल्स के अनुसार नहीं है.
ब्रह्मांडीय मॉडल पर सवाल?
वैज्ञानिक ब्रह्मांड के शुरुआती दौर और वर्तमान स्थिति की स्टडी करके यह पता लगाते हैं कि ब्रह्मांड बिग बैंग के बाद से कितना बढ़ा है. परंपरागत 'स्टैंडर्ड मॉडल ऑफ कॉस्मोलॉजी' इसी विस्तार को समझाने के लिए विकसित किया गया था. लेकिन स्कॉलनिक की रिसर्च दिखाती है कि यह मॉडल ब्रह्मांड की असली विस्तार दर से मेल नहीं खा रहा है. स्कॉलनिक ने कहा, 'यह दिखा रहा है कि हमारी कॉस्मोलॉजी का मॉडल शायद गलत हो सकता है.'
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कैसे नापी ब्रह्मांड के विस्तार की रफ्तार?
ब्रह्मांडीय विस्तार को मापने के लिए स्कॉलनिक और उनकी टीम ने 'कॉस्मिक लैडर' तरीके का इस्तेमाल किया. इस तरीके में हर नया माप पिछले माप पर निर्भर करता है. उनकी टीम ने डार्क एनर्जी स्पेक्ट्रोस्कोपिक इंस्ट्रूमेंट (DESI) के डेटा का यूज किया, जो हर रात 100,000 से अधिक आकाशगंगाओं की स्टडी करता है.
DESI डेटा का उपयोग करते हुए, स्कॉलनिक की टीम ने 'पहले पायदान' को अधिक सटीकता से मापा. यह पायदान कोमा क्लस्टर है, जो पृथ्वी से 320 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर है. यह दूरी 3,000 मिल्की वे आकाशगंगाओं के व्यास के बराबर है. इस जानकारी ने ब्रह्मांडीय विस्तार दर (Hubble Constant) को 76.5 किमी प्रति सेकंड प्रति मेगापार्सेक के रूप में मापा.
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स्कॉलनिक ने कहा, 'हम उन मॉडलों को चुनौती दे रहे हैं जिन्हें हम ढाई दशकों से उपयोग कर रहे हैं. यह हमारी सोच को बदल सकता है कि ब्रह्मांड कैसे काम करता है.' उनकी रिसर्च Astrophysical Journal Letters में छपी है.