Science News: आंख के पीछे और ब्रेन के नीचे था ट्यूमर, डॉक्टरों ने तीन घंटे में कैसे कर दिया ऑपरेशन?
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Science News: आंख के पीछे और ब्रेन के नीचे था ट्यूमर, डॉक्टरों ने तीन घंटे में कैसे कर दिया ऑपरेशन?

Brain Tumour Surgery: ब्रिटेन के डॉक्टरों ने चमत्कारी ऑपरेशन किया है. पहली बार एक ऐसा ऑपरेशन किया गया, जिसमें मरीज की आंख के सॉकेट के जरिये ब्रेन ट्यूमर को हटाया गया. इस कीहोल सर्जरी को लीड्स टीचिंग हॉस्पिटल्स एनएचएस ट्रस्ट के सर्जनों ने बखूबी अंजाम दिया.

Science News: आंख के पीछे और ब्रेन के नीचे था ट्यूमर, डॉक्टरों ने तीन घंटे में कैसे कर दिया ऑपरेशन?

Brain Tumour Surgery: ब्रिटेन के डॉक्टरों ने चमत्कारी ऑपरेशन किया है. पहली बार एक ऐसा ऑपरेशन किया गया, जिसमें मरीज की आंख के सॉकेट के जरिये ब्रेन ट्यूमर को हटाया गया. इस कीहोल सर्जरी को लीड्स टीचिंग हॉस्पिटल्स एनएचएस ट्रस्ट के सर्जनों ने बखूबी अंजाम दिया. यह सर्जरी सिर्फ तीन घंटे में पूरी हो गई. इस ऑपरेशन को मेडिकल साइंस की दुनिया में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है.

चौंकाने वाली सर्जरी

40 साल की रूविंबो कविया इस चौंका देने वाली सर्जरी से गुजरने वाली ब्रिटेन की पहली मरीज बनीं. उनके ब्रेन के एक हिस्से कैवर्नस साइनस में ट्यूमर था. यह हिस्सा ब्रेन के नीचे और आंखों के पीछे होता है. जहां तक पहुंचना बेहद मुश्किल होता है. पहले इस तरह के ट्यूमर को या तो इनऑपरेबल (असाध्य) माना जाता था या फिर इसके लिए खोपड़ी का बड़ा हिस्सा हटाना पड़ता था. जिससे दौरे या अन्य जटिलताओं का खतरा रहता था.

सर्जरी से पहले की तैयारी

डॉक्टरों ने सर्जरी की सफलता सुनिश्चित करने के लिए खास तैयारी की. उन्होंने कविया के सिर के 3डी मॉडल का उपयोग करके ऑपरेशन की प्रैक्टिस की. इसके अलावा उन्होंने कैडावर लैब में ट्रेनिंग ली ताकि ऑपरेशन के दौरान कोई गलती न हो.

ट्यूमर का पता कैसे चला?

2023 में रूविंबो कविया को गंभीर सिरदर्द की समस्या होने लगी. जिसके बाद उनकी जांच में मेनिनजियोमा नामक ट्यूमर का पता चला. अक्टूबर में डॉक्टरों ने उनके ब्रेन में एक और ट्यूमर पाया. इसके बाद स्पेन के एक्सपर्ट्स से सलाह लेने के बाद यह नया ऑपरेशन करने का फैसला लिया गया. फरवरी 2024 में यह सर्जरी सफलतापूर्वक की गई.

कविया का हौसला

कविया के परिवार को इस सर्जरी को लेकर शुरुआत में संदेह था. लेकिन कविया ने इसे कराने का दृढ़ निश्चय किया. उन्होंने कहा कि मुझे यह करना ही था. या तो मैं इसे कराती या यह ट्यूमर बढ़ता और शायद मेरी जान चली जाती.

तेज रिकवरी और न्यूनतम साइड इफेक्ट्स

सर्जरी के कुछ ही दिनों बाद कविया को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. उनकी आंख के पास सिर्फ एक छोटा सा निशान था और तीन महीने तक उन्हें हल्का डबल विजन हुआ. इसके अलावा उन्हें किसी तरह के बड़े साइड इफेक्ट्स का सामना नहीं करना पड़ा.

चिकित्सा क्षेत्र में नई उम्मीद

यह सर्जरी मेडिकल साइंस में एक नई उम्मीद लेकर आई है. इस तकनीक से उन ट्यूमर को भी हटाया जा सकेगा जिन्हें पहले असंभव माना जाता था. रूविंबो कविया का यह ऑपरेशन न केवल चिकित्सा क्षेत्र की बड़ी सफलता है बल्कि उन मरीजों के लिए भी आशा की किरण है, जो इस तरह की जटिल स्थितियों से जूझ रहे हैं. इस सर्जरी ने यह साबित कर दिया कि मेडिकल साइंस अब असंभव को भी संभव बना रहा है. आंख के पीछे और ब्रेन के नीचे छिपे ट्यूमर को हटाने की यह तकनीक भविष्य में लाखों जिंदगियां बचा सकती है.

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