Mental Stress: मानसिक तनाव में व्यक्ति किसी भी काम को एकाग्रता से नहीं कर पाता और उसके काम करने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
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Mental Stress: मानसिक तनाव हमारे दिमाग से संबंधित बीमारी है, जिसमें व्यक्ति किसी भी काम में एकाग्र नहीं हो पाता है और उसके काम करने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. हालांकि, क्या आप जानते हैं कि मानसिक तनाव से डायबिटीज होने का भी खतरा रहता है. कई रिसर्च और रिपोर्ट यह स्पष्ट हो जाता है कि तनाव और डायबिटीज एक दूसरे से संबंधित हैं. हालांकि मानसिक तनाव हमेशा डायबिटीज का कारण नहीं बनता है, बल्कि यह बीमारी के खतरे को बढ़ा सकता है.
आयुर्वेद भी मानता है कि तनाव का प्रभाव सेहत और तंदुरुस्ती पर पड़ता है, जो उसे कई बीमारियों की शुरुआत के लिए एक महत्वपूर्ण रिस्क फैक्टर मानता है. हालांकि आयुर्वेद में भी तनाव और डायबिटीज के बीच संबंध का संकेत दिया गया है. हाल के शोधों ने इन विचारों का समर्थन किया है और उनके बीच संबंधों पर ज्यादा जानकारी इकट्ठा की है.
लंबे समय तक चलने वाला तनाव शरीर में कोर्टिसोल और कॉर्टिकॉट्रोपिन के लेवल में वृद्धि का कारण बनता है. हार्मोन के लेवल में इस वृद्धि के परिणामस्वरूप एंग्जाइटी और मूड डिसऑर्डर होते हैं. इसलिए, ज्यादा तनाव लेने से सोने में परेशानी हो सकती है या आप ठीक ढंग से नहीं सो पाते. नींद की कमी से तनाव की प्रतिक्रिया में घातक परिवर्तन हो सकते हैं.
योग और मेडिटेशन
डायबिटीज के लिए आयुर्वेदिक उपचारों में योग भी शामिल है. रोजाना कुछ योगासन करने से लाभ मिल सकते हैं. डायबिटीज के मरीजों को आसन और प्राणायाम करने के अलावा नियमित रूप से मेडिटेशन करना चाहिए. इसके अलावा, योग करने से मेटाबॉलिज्म ठीक ढंग से काम करता है और आप बीमारियों से दूर रहते हैं.
डायबिटीज के लक्षण (Diabetes symptoms)
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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