Ajit Pawar: महाराष्ट्र के 'त्रिमूर्ति' की प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी! अजित पवार आखिर इतना खुश क्यों हैं?
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Ajit Pawar: महाराष्ट्र के 'त्रिमूर्ति' की प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी! अजित पवार आखिर इतना खुश क्यों हैं?

Ajit Pawar: देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने जा रहे हैं. वहीं अजित पवार भी उपमुख्यमंत्री बनेंगे. हालांकि एकनाथ शिंदे के रोल को लेकर अभी-भी संशय बना हुआ है. अजित पवार ने खुद हंसी-मजाक करते हुए प्रेस कांफ्रेंस में अपना रोल बता दिया.

Ajit Pawar: महाराष्ट्र के 'त्रिमूर्ति' की प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी! अजित पवार आखिर इतना खुश क्यों हैं?

Mahrashtra New CM: 23 को नवंबर को नतीजे आने के बाद आज यानी 5 दिसंबर को महाराष्ट्र में सरकार का गठन होने जा रहा है. देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे. शपथ ग्रहण समारोह मुंबई के आजाद मैदान में होगा. इससे पहले उन्हें बुधवार को विधायक दल का नेता चुना गया था. इसके अलावा कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ शाम को प्रेस कांफ्रेंस भी की थी. हालांकि इस प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक ऐसा लम्हा आया जब वहां मौजूद हर कोई ठहाके मारकर हंसने लगा था. हंसने की वजह पहले तो अजित पवार ने दी और फिर एकनाथ शिंदे ने भी कुछ ऐसा कह दिया कि कोई भी अपने आपको नहीं रोक पाया. 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के लिए तस्वीर साफ होने के बाद हर किसी के मन में यह सवाल था कि क्या एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री बनेंगे? क्योंकि शिवसेना प्रमुख ने कई संकेत दिए हैं कि वह भाजपा को मुख्यमंत्री पद सौंपने से खुश नहीं हैं. फडणवीस ने कहा कि उन्होंने पिछले ढाई साल से मुख्यमंत्री रहे शिंदे से कल शाम मुलाकात की और उन्हें नई सरकार में शामिल होने का दावत भी दी. जब प्रेस कांफ्रेंस में फडणवीस और पवार के बीच बैठे शिंदे से पूछा गया कि क्या वह उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे? तो उन्होंने सवाल टालते हुए कहा,'शाम तक इंतजार करें.' 

क्यों लगे प्रेस कांफ्रेंस में ठहाके?

इसी बीच शिंदे के बाईं ओर बैठे अजित पवार ने तुरंत बीच में टोकते हुए कहा,'इनके बारे में नहीं पता लेकिन मैं कल शपथ ले रहा हूं.' पवार की इस बात पर वहां मौजूद लोगों जोर-जोर से हंसने लगे इसी बीच शिंदे ने भी चुटकी लेते हुए कहा,'अजित दादा को सुबह और शाम दोनों समय शपथ लेने का अनुभव है.' फिर पवार ने कहा,'तब तो थोड़े समय के लिए (उपमुख्यमंत्री) था. इस बार पांच साल तक रहूंगा.' साल 2014 से पहले कांग्रेस-राकांपा गठबंधन की 15 साल तक चली सरकार के दौरान भी अजित पवार दो बार उपमुख्यमंत्री रहे थे. हालांकि मुख्यमंत्री का पद हमेशा उनसे दूर रहा है.

अजित पवार ने कब ली थी सुबह-शाम शपथ

दरअसल चुनाव नतीजों के बाद शिवसेना के भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद नवंबर 2019 में अजित पवार ने फडणवीस के तहत बिल्कुल सुबह के समय उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन फडणवीस-पवार सरकार सिर्फ तीन दिन ही चली क्योंकि पवार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के पर्याप्त विधायकों का समर्थन हासिल करने में नाकाम साबित हो गए थे. उस समय NCP के अध्यक्ष शरद पवार थे. हालांकि, अजित इसके बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-कांग्रेस-NCP सरकार में उपमुख्यमंत्री बने. शिंदे की बगावत की वजह से ठाकरे सरकार गिरने के बाद, अजित पवार ने एक बार फिर सबको चौंकाते हुए शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री बने. 

चाचा को दी शिकस्त?

2024 के विधानसभा चुनावों में 41 सीटें जीतकर पवार ने न सिर्फ अपने चाचा और दिग्गज राजनेता शरद पवार पर जीत हासिल की, बल्कि अपनी पार्टी को असली एनसीपी के रूप में सफलतापूर्वक पेश किया. इससे उनकी पार्टी में और भी लोगों के आने की संभावना है. अपने चाचा के खिलाफ जाने की वजह से अजित पवार को परिवार के अंदर भी विरोध का सामना करना पड़ा, क्योंकि उनके भाइयों समेत कई लोगों ने उनका राजनीतिक रूप से विरोध किया. उनकी जीत ने उन्हें उन सभी के खिलाफ भावनात्मक रूप से भी बढ़त दिलाई. ऐसे में उनके लिए यह राहत की बात है. 

गठन के बाद से हमेशा सत्ता में रही NCP

याद रहे कि 1999 में अपने गठन के बाद से 2014-19 में पांच साल के कार्यकाल को छोड़ दें तो, एनसीपी हमेशा सरकार का हिस्सा रही है. 2019 के बाद भी, चाहे वह एमवीए हो या महायुति, एनसीपी सत्ता में रही है. पार्टी सत्ता में पनपती है. इस बार महायुति के पक्ष में भारी जनादेश के साथ सरकार अगले पांच वर्षों तक सुचारू रूप से चलने की उम्मीद है और फिलहाल उन्हें कोई चुनौती नहीं है नजर नहीं आ रही है. महायुति का हिस्सा बनने से पहले अजित पवार और उनके रिश्तेदारों को कई तरह का सामना करना पड़ा था. उनके ऊपर केंद्रीय एजेंसियों ने कई बार छापेमारी भी की, हालांकि भाजपा से हाथ मिलाने के बाद राहत की सांस ली है.

लड़ सकते हैं दिल्ली विधानसभा चुनाव

महाराष्ट्र चुनाव में कामयाबी का स्वाद चखने के बाद अजित पवार ने दिल्ली में अपनी पार्टियों के नेताओं के साथ मुलाकात के दौरान कहा कि हम अपनी पार्टी को वापस नेशनल दर्जा दिलाएंगे. उन्होंने कहा कि घोषणा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ेगी. 

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