Yoga for constipation: जब कभी आप कब्ज से राहत पाने के बारे में सोचते हैं तो योग के बारे तो जरूर नहीं सोचते होंगे, लेकिन कुछ सबूत हैं कि योग कब्ज से राहत दिला सकता है.
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Yoga for constipation: कब्ज एक आम समस्या है, जिससे लगभग हर कोई गुजरता है. जब आप कब्ज से राहत के बारे में सोचते हैं तो योग के बारे में नहीं सोचते होंगे, लेकिन कुछ सबूत हैं कि योग कब्ज से राहत दिला सकता है. हालांकि नुस्खे वाली दवाएं और ओवर-द-काउंटर उपचार सहायक हो सकते हैं, लेकिन कुछ लोगों को योग जैसी वैकल्पिक दवाओं में रुचि हो सकती है. आज हम आपको कब्ज को दूर करने के लिए 5 योग आसनों के बारे में बताएंगे.
1. दंडासन
इसे करने के लिए सबसे पहले अपने दोनों पैरों को मिलाकर व तानकर रखें. अब छाती के बिल्कुल सीध में हाथों के बीच थोड़ी दूरी रखते हुए कोहनियों से मोड़कर रखें. अब शरीर का पूरा भार दोनों हाथ पर देते हुए पूरे शरीर को ऊपर उठाएं. ध्यान रहे कि इस पोजिशन में आपके हाथ मुड़े न हों.
2. मलासन
खड़े होकर अपने दोनों हाथों को बगल में लाएं, फिर घुटनों को झुकाकर स्क्वाट पोजिशन में आएं. अपने पैरों को मजबूती से जमीन पर टिकाकर रखें. नमस्कार करते हुए अपने हाथों को छाती के सामने रखे. इस मलासन पोजिशन में कुछ देर रहने के बाद नॉर्मल पोजिशन में आ जाएं.
3. कैट काउ पोज
घुटनों के बल बैठ जाएं, हथेलियों को कंधों के नीचे और घुटनों को कूल्हों के नीचे रखें. अब श्वास लें, ऊपर देखते हुए अपनी रीढ़ की हड्डी को मोड़ें. फिर सांस छोड़ते हुए, अपनी रीढ़ को ऊपर की ओर खीचें, ताकी एक आर्च बन सके और अपनी गर्दन को नीचे आने दें.
4. वज्रासन
अपने घुटनों के बल बैठ जाओ और हथेलियों को अपनी जांघों पर रखें. अब अपनी एड़ियों को थोड़ा अलग रखते हुए और हिप्स को उन पर टिकाएं. फिर अपनी पीठ को सीधा करें और आगे की ओर देखें.
5. प्रपादासन
मलासन या वज्रासन में शुरुआत करें. अपनी एड़ी को फर्श से ऊपर उठाने के लिए अपने पैरों को मिलाएं. अपने शरीर को अपने पैर की उंगलियों पर बैलेंस करें और अपनी पीठ को सीधा रखें. अब अपनी हथेलियों को आपस में मिलाएं और अपनी भौंहों के बीच में ध्यान केंद्रित करें. इस पोजिशन में 10-20 सेकेंड तक सांस लेते रहें और वापस नॉर्मल पोजिशन में आ जाएं.
कब्ज अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह पार्किंसंस रोग, डायबिटीज या स्ट्रोक सहित अन्य बीमारियों का संकेत हो सकता है. यदि आप कब्ज का अनुभव करते हैं, तो आप अपने मलाशय के साथ समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं, जैसे आंतों में रुकावट या चिड़चिड़ा बाउल सिंड्रोम (IBS). पुरानी कब्ज के सटीक डायग्नोसिस के लिए डॉक्टर से मिलें.
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