मैं अकेले रो लूंगी उसे सजा दे दो... आरजी कर केस के मुजरिम की मां और बहन क्या बोली?
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मैं अकेले रो लूंगी उसे सजा दे दो... आरजी कर केस के मुजरिम की मां और बहन क्या बोली?

RJ Kar Case: आरजी कर केस के मुजरिम ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि उसे गलत फंसाया जा रहा है. हालांकि दूसरी तरफ उसकी मां का कहना है कि अगर वो मुजरिम है तो उसे सजा दी जाए, मैं अकेले में रो लूंगी.

मैं अकेले रो लूंगी उसे सजा दे दो... आरजी कर केस के मुजरिम की मां और बहन क्या बोली?

आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए संजय रॉय की मां ने रविवार को कहा कि अगर उनका बेटा दोषी है तो उसे वह सजा मिलनी चाहिए जिसके वह हकदार है, भले ही इसके लिए उसे फांसी ही क्यों न देनी पड़े. उन्होंने कहा कि वह 'अकेले रोएंगी' लेकिन उसकी सजा को नियति मानकर स्वीकार करेंगी.

सियालदह अदालत के ज़रिए 18 जनवरी को संजय को दोषी ठहराए जाने के बाद शुरू में मीडिया से बात करने से कतराने वाली संजय की मां मालती रॉय ने रविवार सुबह पत्रकारों से कहा कि एक महिला और तीन बेटियों की मां होने के नाते, मैं उस महिला डॉक्टर की मां की पीड़ा और दर्द को महसूस कर सकती हूं जो मेरी बेटी की तरह है.'

झुग्गी दरवाजे पर खड़े होकर 70 वर्षीय मां ने कहा,'अगर अदालत उसे फांसी पर लटकाने का फैसला करती है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि कानून की नजर में उसका अपराध साबित हो चुका है, मैं अकेले में रोऊंगी लेकिन इसे भाग्य का खेल मान कर स्वीकार करूंगी, जो नियति की मर्जी है.' यह पूछे जाने पर कि क्या वह किसी अदालती सुनवाई के दौरान वहां गई थी या लॉकअप में रॉय से मिली थी? उन्होंने जवाब दिया कि नहीं मैं नहीं मिली थी. मैं क्यों जाऊं? अपने खराब स्वास्थ्य के बावजूद अगर आरोप झूठे पाए जाते तो मैं उससे मिलने की कोशिश करती.

संजय की तीन बहनें हैं और उनमें से एक की कई साल पहले मौत हो गई थी. मालती के घर के पास ही उसके ससुराल में रहने वाली बड़ी बहनों में से एक ने शनिवार को कहा कि अगर वह दोषी साबित होता है, तो कानून को उसे सजा देनी चाहिए और परिवार की किसी भी अदालत में खुद से आदेश को चुनौती देने की कोई योजना नहीं है.

जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या उसे लगता है कि उसका भाई वास्तव में दोषी है, तो उसने कहा,'कृपया मुझे अकेला छोड़ दें. हम टूट चुके हैं. लेकिन अगर उसने कोई जुर्म किया है तो उसे उचित सजा मिलनी चाहिए. हमारे पास आदेश को चुनौती देने की कोई योजना नहीं है. मैं अपने ससुराल में रह रही हूं. 2007 में मेरी शादी के बाद से मेरा अपने परिवार से कोई संपर्क नहीं है, जबकि मेरी मां की तबीयत ठीक नहीं है.'

महिला जो अपनी पहचान या नाम का खुलासा नहीं करना चाहती थी ने कहा कि उसका भाई बचपन के दिनों में किसी भी सामान्य लड़के की तरह ही था. लेकिन जैसे- जैसे वह बड़ा हुआ, उसने शराब पीना शुरू कर दिया लेकिन इसके अलावा मैंने खुद कभी संजय के किसी महिला के साथ दुर्व्यवहार करने का कोई मामला नहीं सुना. बेशक, चूंकि पिछले कुछ सालों में हमारा उससे नियमित संपर्क नहीं था और वह एक अलग इलाके में रहता था, इसलिए मुझे उसके संबंधों और किसी आपराधिक अपराध में शामिल होने के बारे में कोई उचित जानकारी नहीं है.'

हालांकि महिला ने कहा,'मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि संजय अपराध स्थल पर अकेला नहीं था. इसलिए मुझे उम्मीद है कि इस तरह के अपराध में सिर्फ एक व्यक्ति की संलिप्तता का पता लगाने के लिए गहन जांच की जानी चाहिए. अगर कोई अन्य व्यक्ति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल था, तो उसकी भी जांच की जानी चाहिए और उसे सजा मिलनी चाहिए.' बड़ी बहन ने कहा,'संजय की गिरफ्तारी के बाद से हम कलंक में थे और पड़ोसियों से लेकर रिश्तेदारों तक सभी ने हम पर उंगली उठाई और कहा कि हम संजय के परिवार के हैं. मुझे उम्मीद है कि अब हम अपनी गलती सुधार रहे हैं.'

जबकि दूसरी तरफ से मुजरिम ठहराए गए संजय रॉय ने अपनी बेगुनाही पर जोर दिया और कहा कि उन्हें 'झूठा फंसाया जा रहा है'. उसने कहा कि 9 अगस्त को एक पीजी मेडिक की मौत की वजह से हुई घटना में एक आईपीएस अधिकारी शामिल था. उसने कहा कि मैं हमेशा अपने गले में रुद्राक्ष की चेन पहनता हूं. अगर मैंने अपराध किया होता तो मेरी चेन घटना के स्थान पर ही टूट जाती. मैं यह अपराध नहीं कर सकता.

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