World Heart Day 2023: अपनी लाइफस्टाइल में करें 4 बदलाव और दिल की समस्याओं को कहें बाय-बाय
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World Heart Day 2023: अपनी लाइफस्टाइल में करें 4 बदलाव और दिल की समस्याओं को कहें बाय-बाय

भारत में दिल की बीमारी मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है. इंटरनेट पर इसके रोकथाम और हेल्दी लाइफस्टाइल के बारे में बहुत कुछ लिखा गया है, लेकिन कम ही लोग दिल को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक बदलाव करते हैं.

World Heart Day 2023: अपनी लाइफस्टाइल में करें 4 बदलाव और दिल की समस्याओं को कहें बाय-बाय

Healthy lifestyle for heart health: भारत में दिल की बीमारी मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है. इंटरनेट पर इसके रोकथाम और हेल्दी लाइफस्टाइल के बारे में बहुत कुछ लिखा गया है, लेकिन कम ही लोग दिल को स्वस्थ और धड़कता हुआ रखने के लिए आवश्यक बदलाव करते हैं. चूंकि दिल संबंधी समस्याएं एक सेकंड में हो सकती हैं, इसलिए उन्हें 'साइलेंट किलर' भी कहा जाता है. इस बीमारी का असर स्वस्थ व्यक्ति में भी घातक हो सकता है.

इसके अलावा, शहरी लाइफस्टाइल और तनाव से लोग रोजाना जूझते हैं, जिससे लाइफस्टाइल में बदलाव लाना जरूरी हो जाता है, ताकि दिल की सेहत से किसी भी तरह का समझौता न हो. विश्व हृदय दिवस पर हम आपको बताते हैं कि दिल को हेल्दी रखने के लिए अपनी लाइफस्टाइल में क्या-क्या बदलाव करने चाहिए.

स्वस्थ आहार खाएं
स्वस्थ आहार खाने से हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है. अपने आहार में फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और कम फैट वाले प्रोटीन को शामिल करें. सैचुरेटेड और ट्रांस फैट, चीनी और नमक का सेवन सीमित करें.

नियमित रूप से व्यायाम करें
नियमित रूप से व्यायाम करने से दिल को मजबूत और स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है. वयस्कों को प्रति सप्ताह कम से कम 150 मिनट मध्यम-तीव्रता वाला एरोबिक व्यायाम या 75 मिनट उच्च-तीव्रता वाला एरोबिक व्यायाम करने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा, मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए सप्ताह में कम से कम दो दिन वजन ट्रेनिंग करना भी महत्वपूर्ण है.

धूम्रपान न करें
धूम्रपान करने से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे छोड़ने का प्रयास करें.

अपने वजन को नियंत्रित रखें
मोटापा दिल की बीमारी का एक रिस्क फैक्टर है. अपने वजन को स्वस्थ सीमा में रखने के लिए एक स्वस्थ आहार खाएं और नियमित रूप से व्यायाम करें.

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युवाओं में क्यों बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामले?
नोएडा स्थित फोर्टिस अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ. संजीव गेरा बताते हैं कि हम हर महीने 15 से 20 युवा हृदय रोगियों का इलाज कर रहे हैं. हाल में ऐसे 3 युवा हृदय रोगियों का इलाज किया गया जिनकी उम्र 30 से 40 साल के बीच थी और तीनों ने सीने में दर्द की शिकायत की थी. अस्‍पताल पहुंचने के 1 घंटे के भीतर उनकी पूरी जांच के बाद तत्‍काल इलाज किया गया. मरीजों ने इलाज पर अच्‍छा रिस्‍पॉन्‍स दिया और आज वे एक सामान्‍य जीवन बिता रहे हैं. युवाओं में, सेडेन्‍ट्री लाइफस्टाइल, जंक फूड का बढ़ता चलन, शराब और तंबाकू का सेवन हृदय रोगों का कारण बन रहा है.

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