Emotional eating: दुखी, उदास या तनावग्रस्त होने पर जंक फूड, चॉकलेट व कैफीन युक्त चीजें अधिक खाते हैं तो संभल जाएं. ऐसा करना दिल की सेहत पर भारी पड़ सकता है.
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Emotional eating: दुखी, उदास या तनावग्रस्त होने पर जंक फूड, चॉकलेट व कैफीन युक्त चीजें अधिक खाते हैं तो संभल जाएं. ऐसा करना दिल की सेहत पर भारी पड़ सकता है. फ्रांस में यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ऑफ नैंसी के वैज्ञानिकों ने 1109 लोगों पर करीब 13 साल तक किए अध्ययन के नतीजे पेश किए. इमोशनल ईटिंग करने वालों की धमनियों में 38 प्रतिशत कड़ापन अधिक देखने को मिला, जो दिल की बीमारी व स्ट्रोक की आशंका को बढ़ाता है.
शोध प्रमुख प्रो. निकोलस के अनुसार, बात केवल यह नहीं है कि तनाव होने पर अधिक कैलोरी वाली चीजें खाना दिल की बीमारी को बढ़ाता है. मुख्य बात यह है कि ऐसे लोग किसी एक समय बहुत खाते हैं और बाद में कम. नियमित कैलोरी सेवन की तुलना में कैलोरी का यह असंतुलन दिल की सेहत पर अधिक बुरा असर डालता है. इमोशनल इटर पेट के लिए नहीं दिमाग के लिए खाते हैं. ऐसे में माइंडफुल ईटिंग इस आदत को बदल सकती है.
भावनाओं में बहकर ज्यादा खाने से होने वाली कुछ अन्य समस्याएं
वजन बढ़ना: भावनाओं में बहकर ज्यादा खाने से कैलोरी की अधिकता हो जाती है, जो वजन बढ़ने का कारण बन सकती है.
पाचन समस्याएं: भावनाओं में बहकर ज्यादा खाने से पेट दर्द, कब्ज और अन्य पाचन समस्याएं हो सकती हैं.
स्वास्थ्य समस्याएं: भावनाओं में बहकर ज्यादा खाने से मोटापा, दिल की बीमारी, डायबिटीज और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है.
बचने के लिए क्या उपाय अपनाएं?
अपनी भावनाओं को पहचानें और उनका प्रबंधन करें
जब आप किसी भावना का अनुभव कर रहे हों, तो उसे पहचानें और उसके कारण को समझने की कोशिश करें. भावनाओं को नियंत्रित करने के लिए स्वस्थ तरीके खोजें, जैसे कि व्यायाम, योग या ध्यान करना.
अपनी भूख को पहचानें
भूख लगने पर जल्दी से कुछ खाने के बजाय, कुछ देर रुकें और अपनी भूख को पहचानने की कोशिश करें. क्या आप वास्तव में भूखे हैं या सिर्फ कुछ खाने की इच्छा है?
खुद भोजन चुनें
जब आप खाने के लिए जाते हैं, तो स्वस्थ विकल्प चुनें. चीनी, फैट और नमक की मात्रा कम वाले भोजन का सेवन करें.
कम मात्रा में खाएं
एक बार में बहुत ज्यादा खाने के बजाय, कम मात्रा में खाएं और थोड़ी-थोड़ी देर में खाएं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.