Greta Thunberg News: थनबर्ग ने एक विशाल भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, 'क्लाइमेट जस्टिस आंदोलन के रूप में, हमें उन लोगों की आवाज़ सुननी होगी जो उत्पीड़ित हो रहे हैं और जो स्वतंत्रता और न्याय के लिए लड़ रहे हैं.
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Israel-Hamas War: नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उस वक्त विवाद खड़ा हो गया जब एक शख्स ने क्लाइमेट एक्सपर्ट ग्रेटा थनबर्ग से माइक छीन लिया. यह तब हुआ जब थनबर्ग ने एक फिलिस्तीनी और एक अफगान महिला को बोलने के लिए आमंत्रित किया, जिसके बाद उस व्यक्ति ने उन पर कार्यक्रम में राजनीति करने का आरोप लगाया.
फिलिस्तीनी और अफगान महिलाओं को मंच पर आमंत्रित करने से पहले, थनबर्ग ने एक विशाल भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, 'क्लाइमेट जस्टिस आंदोलन के रूप में, हमें उन लोगों की आवाज़ सुननी होगी जो उत्पीड़ित हो रहे हैं और जो स्वतंत्रता और न्याय के लिए लड़ रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता के बिना कोई क्लाइमेट जस्टिस नहीं हो सकता है.'
मंच पर विरोध करने वाले ने कही ये बात
महिलाओं के बोलने और थनबर्ग द्वारा अपना भाषण फिर से शुरू करने के बाद, एक व्यक्ति अपना असंतोष व्यक्त करते हुए मंच पर आ गया. उसने थनबर्ग से माइक छीनते हुए कहा, 'यहां क्लाइमेट प्रोटेस्ट के लिए आया हूं, राजनीतिक नजरिए के लिए नहीं.'
FOOTAGE: Climate activist Greta Thunberg is interrupted by a climate activist after expressing solidarity with Palestinians. pic.twitter.com/NTENTnVW0p
— Mario Nawfal (@MarioNawfal) November 13, 2023
थनबर्ग ने उससे ‘शांत रहने’ की अपील की. इस बीच सुरक्षाकर्मियों ने उस व्यक्ति को मंच से बाहर कर दिया.
थनबर्ग को बाद में, भीड़ के साथ 'कब्जे वाली भूमि पर कोई क्लामेट जस्टिस नहीं' का नारा लगाते हुए सुना गया.
अफगान और फिलिस्तीनी महिला ने क्या कहा?
अफगान महिला, सहर शिरज़ाद ने समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि थनबर्ग ने उदारतापूर्वक उन्हें अपने साथ मंच साझा करने की अनुमति दी, उन्होंने कहा, 'मूल रूप से, उन्होंने अपना समय हमें दिया.' फिलिस्तीनी कार्यकर्ता, सारा रचदान, जो मंच पर भी थीं, ने गाजा में 'मौत और शोक' के बारे में बात की.
यह घटना- एम्स्टर्डम में एक बड़े क्लाइमेट मार्च के बाद हुई जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया. आयोजकों ने घोषणा की कि 70,000 लोगों ने मार्च में भाग लिया, इसे नीदरलैंड में अब तक का सबसे बड़ा जलवायु विरोध करार दिया. ग्रेटा थनबर्ग भी इस कार्यक्रम में शामिल हुई थी.