Idi Amin Cruelty: इस तानाशाह ने पार कर दी थीं क्रूरता की सारी हदें, फ्रीज में रखता था दुश्मनों के कटे सिर, खाता था इंसान का गोश्त
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Idi Amin Cruelty: इस तानाशाह ने पार कर दी थीं क्रूरता की सारी हदें, फ्रीज में रखता था दुश्मनों के कटे सिर, खाता था इंसान का गोश्त

Idi Amin: श्रद्धा मर्डर केस के आरोपी आफताब की क्रूरता ने हर किसी को अचंभित किया है. उसने जो किया उसके बारे में सुकर ही लोग सिहर उठते हैं, पर क्रूरता का यह पहला मामला नहीं है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे क्रूर तानाशाह के बारे में जो इंसानों को मारकर उनका मांस खाता था.

ईदी अमीन

दिल्ली में हुए श्रद्धा मर्डर केस ने हर किसी को हिला कर रख दिया है. इस केस में आरोपी आफताब की हैवानियत जैसे-जैसे सामने आ रही है, लोग इसे सुनकर दंग हो जा रहे हैं. पुलिस ने बताया है कि आफताब हर रात फ्रिज में रखे श्रद्धा के कटे हुए सिर को देखता था. लोग हैरान हो रहे हैं कि 28 साल का लड़का कैसे इतना क्रूर हो सकता है. पर क्रूरता का यह अकेला किस्सा नहीं है. ऐसे कई लोग होते इंसान हैं, लेकिन उनकी हरकतें और शौक राक्षस जैसे होते हैं. ऐसा ही एक शख्स था युगांडा का तनाशाह ईदी अमीन. ईदी को इंसान के सिर काटकर रखने और इंसान का मीट खाने का शौक था. 

युगांडा के मंत्री हेनरी क्येम्बा ने किया है जिक्र

युगांडा के मंत्री हेनरी क्येम्बा ने अपनी किताब ‘द स्टेट ऑफ ब्लड: द इनसाइड स्टोरी ऑफ ईदी अमीन’ (State of Blood: The Inside Story of Idi Amin) में ईदी अमीन के बारे में बहुत कुछ लिखा है. उन्होंने किताब में बताया है कि कैसे ईदी अमीन को इंसानी मांस खाना पसंद था. अमीन के कार्यकाल के दौरान युगांडा में भारतीय राजदूत रहे मदनजीत सिंह ने भी अपनी किताब (Culture of the Sepulchre: Idi Amin's Monster Regime) में उसके द्वारा फ्रिज में कटे सिर रखने के बारे में बताया गया है.

काकवा जनजाति से था अमीन का संबंध

ईदी अमीन ने वर्ष 1971 में मिल्टन ओबोटे को हटा कर सत्ता हासिल की थी. 4 अगस्त 1972 को ईदी अमीन ने अचानक एक फरमान दिया कि सारे एशियाइ फौरन युगांडा छोड़कर चले जाएं. उसका कहना था कि उसे अल्लाह ने सपने में कहा है कि वह युगांडा से सभी एशियाइयों कों बाहर निकाल दें. हेनरी क्येम्बा की किताब द स्टेट ऑफ ब्लड: द इनसाइड स्टोरी ऑफ ईदी अमीन में बताया गया है कि ईदी पहले अपने दुश्मनों को मौत के घाट उतारता और फिर उनके शवों के साथ बर्बरता करता था. ईदी मारे गए लोगों के पास कुछ समय अकेले रुकता था. दरअसल, ईदी अमीन काकवा जनजाति से आता था. माना जाता है कि इस जनजाति के लोग अपने दुश्मनों का खून पिया करते थे. क्येम्बा ने अपनी किताब में ये भी बताया है कि कैसे ईदी अमीन आदमी का मांस खाते थे. ईदी अमीन का एक नौकर मोजेज अलोगा जो कीविया भाग कर आ गया था, ने ईदी के जीवन को लेकर कई हैरतअंगेज खुलासे किए थे.

फ्रीज में रखता था दुश्मनों के कटे हुए सिर

मदनजीत सिंह की किताब कल्चर ऑफ द सेपल्करे में लिखा गया है कि ईदी अमीन अपने पुराने घर का एक कमरा हमेशा बंद रखता था. अमीन की पांचवीं बीबी सारा क्योलाबा एक बार जिद में इस कमरे में घुसी थी, वहां का मंजर देखने के बाद उसके होश उड़ गए थे. ईदी अमीन के उस कमरे में दो फ्रीज थे जिसको अमीन की पत्नी सारा ने खोलकर देखा था. उसे फ्रीज के अंदर उसके दुश्मनों के कटा हुए सिर रखे मिले थे.

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