Canada में मिला करोड़ों साल पुराना पेड़, वैज्ञानिक भी रह गए हैरान
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Canada में मिला करोड़ों साल पुराना पेड़, वैज्ञानिक भी रह गए हैरान

350 Million Year Old: अनोखे 3डी मुकुट के आकार के इस पेड़ की खोज कनाडा (Canada) के न्यू ब्रंसविक में सैनफोर्डियाकॉलिस नामक जीवाश्म पेड़ (Fossilised Tree) की प्रजाति पर शोध के दौरान हुई.

Canada में मिला करोड़ों साल पुराना पेड़, वैज्ञानिक भी रह गए हैरान

Canada News: वैज्ञानिकों ने 350 मिलियन वर्ष पुरानी एक पेड़ की प्रजाति की खोज की है.  यह आज पृथ्वी (Earth) पर पाए जाने वाले किसी भी पेड़ से अलग दिखाई देती है. अनोखे 3डी मुकुट के आकार के इस पेड़ की खोज कनाडा (Canada) के न्यू ब्रंसविक में सैनफोर्डियाकॉलिस नामक जीवाश्म पेड़ (Fossilised Tree) की प्रजाति पर शोध के दौरान हुई. ऐसा माना जाता है कि यह प्रजाति जंगल ऊंचे पेड़ों के नीचे पनपती थी.

इंडिपेंडेंट के मुताबिक वॉटरविले, मेन के कोल्बी कॉलेज के रॉबर्ट गैस्टाल्डो ने कहा, ‘जिस तरह से इस पेड़ ने अपने धुरीदार तने के चारों ओर बहुत लंबी पत्तियां पैदा कीं, और तने की थोड़ी सी लंबाई पर उनकी संख्या चौंकाने वाली है.’

अनूठा विकास रूप
गैस्टाल्डो ने कहा , ‘जिस जीवाश्म पर हम रिपोर्ट कर रहे हैं वह जीवन के इतिहास में एक अनूठा विकास रूप है. यह उस समय के दौरान विकास के प्रयोगों में से एक है जब वन पौधों का जैवविविधीकरण हुआ, और यह एक ऐसा रूप है जो अल्पकालिक प्रतीत होता है.’

एक नमूने में पेड़ के टॉप से पत्तियां आश्चर्यजनक तरीके से फैली हुई थी, जिससे यह ‘बिल्कुल अनोखा’ बन गया. एक और उल्लेखनीय पहलू इन प्राचीन वृक्ष जीवाश्मों में मुकुट पत्ती का संरक्षण है. गैस्टाल्डो के मुताबिक, ‘मुकुट वाला कोई भी जीवाश्म वृक्ष जीवन के इतिहास में दुर्लभ है.’

पेड़ ने लाइट कैप्चर के लिए स्वयं को अनुकूलित किया
शोधकर्ताओं का मानना है कि पेड़ ने संभवतः लाइट कैप्चर को अनुकूलित करने और जमीनी स्तर के पौधों के साथ प्रतिस्पर्धा को कम करने के लिए अपने लिए खास ग्रोथ पैटर्न बनाया. उनका सुझाव है कि यह ऊंचे पेड़ों के नीचे उगने वाले छोटे पेड़ों के शुरुआती साक्ष्य का प्रतिनिधित्व करता है,  जो प्रारंभिक कार्बोनिफेरस अवधि के दौरान अधिक जटिल पौधों के जीवन का संकेत देता है.

इस खोज से पता चलता है कि सैनफोर्डियाकॉलिस उस समय अस्तित्व में था जब पौधे अलग-अलग रूपों या वास्तुकला में खुद को ढाल रहे थे. वैज्ञानिकों का कहना है कि ये जीवाश्म लाखों साल पहले मौजूद अपरंपरागत पेड़ों की याद दिलाते हैं.

Photo: An illustration of the specimen/Tim Stonesifer

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