Marburg Virus: इस देश में सामने आया कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक वायरस, WHO ने जारी की चेतावनी
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Marburg Virus: इस देश में सामने आया कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक वायरस, WHO ने जारी की चेतावनी

Marburg Virus Fatality Ratio: अफ्रीकी देश इक्वेटोरियल गिनी (Equatorial Guinea) में एक नए वायरस मारबर्ग (Marburg Virus) ने दस्तक दी है और इसके संक्रमण से अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है.

Marburg Virus: इस देश में सामने आया कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक वायरस, WHO ने जारी की चेतावनी

Marburg Virus found in Equatorial Guinea: कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर अभी पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ, तब तक अफ्रीकी देश इक्वेटोरियल गिनी (Equatorial Guinea) में एक नए वायरस ने दस्तक दे दी है. मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) के संक्रमण से अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है और यह कोविड-19 (Covid-19) से भी ज्यादा खतरनाक है.

इबोला वायरस की तरह हैं मारबर्ग वायरस के लक्षण

इक्वेटोरियल गिनी (Equatorial Guinea) में मिले मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) के लक्षण इबोला वायरस (Ebola Virus) की तरह हैं और बड़ी संख्या में लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं. मारबर्ग वायरस के आम लक्षणों में मरीज को बुखार और छाती में दर्द की समस्या रहती है. यह इतना खतरनाक है कि समय पर इलाज नहीं मिलने पर मरीज की मौत भी हो सकती है.

WHO ने जारी की चेतावनी

मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) मिलने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी जारी की है और लोगों को सावधान रहने का निर्देश दिया है. डब्ल्यूएचओ के बयान के अनुसार, संक्रमित लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, आइसोलेट करने और बीमारी के लक्षण दिखाने वाले लोगों के इलाज और देखभाल करने के लिए प्रभावित जिलों में एडवांस टीमों को तैनात किया गया है.

88 फीसदी तक हो जा सकती है मृत्यु दर

मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) काफी ज्यादा खतरनाक है और इसके संक्रमण के बाद मृत्यु दर 88 फीसदी तक जा सकती है. डब्लूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मातशिदिसो मोइती ने बताया कि मारबर्ग वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता है. वायरस के प्रसार को रोकने के लिए डब्ल्यूएचओ ने स्वास्थ्य आपातकाल विशेषज्ञ, संक्रमण को फैलने से रोकने वाली टीमें, लैब और कम्यूनिकेशन सपोर्ट सिस्टम को तैनात कर दिया है.

चमगादड़ों से इंसानों में फैला मारबर्ग वायरस

मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) चमगादड़ों से इंसानों में फैला है. इसके बाद संक्रमित मरीज, सतहों और सामग्रियों के शारीरिक तरल पदार्थों के सीधे संपर्क के माध्यम से इंसानों से इंसानों में फैल रहा है. अब तक इस वायरस के इलाज के लिए कोई टीका या उपचार नहीं मिला है, हालांकि, समय पर इलाज मिलने से मरीज की जान बचाई जा सकती है.
(इनपुट- न्यूज एजेंसी एएनआई)

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