जर्मनी की सियासी फिजा क्या बदल रही है? एक राज्य के चुनाव नतीजों ने ऐसे ही संकेत दिए हैं. दूसरे विश्वयुद्ध के बाद ऐसा परिणाम पहली बार देखने को मिला है.
Trending Photos
जर्मनी में एक धुर दक्षिणपंथी पार्टी ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद देश में पहली बार एक पूर्वी राज्य के चुनाव में जीत दर्ज की है और एक अन्य राज्य के चुनाव में उसके मुख्यधारा की कंजरवेटिव पार्टी के बाद दूसरे स्थान पर रहने की संभावना है. चुनाव में एक मशहूर वामपंथी नेता द्वारा स्थापित नई पार्टी ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है, जबकि चांसलर ओलाफ स्कोल्ज की सरकार में शामिल दलों के लिए नतीजे बेहद निराशाजनक रहे हैं.
सरकारी टेलीविजन चैनल ‘एआरडी’ और ‘जेडडीएफ’ ने चुनाव पूर्व सर्वेक्षण (एक्जिट पोल) और आंशिक गणना के आधार पर अनुमान जताया कि धुर दक्षिणपंथी 'ऑल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी)' थुरिंगिया में 32-33 प्रतिशत वोट जीत रही है, जो मुख्य राष्ट्रीय विपक्षी पार्टी मध्यमार्गी-दक्षिपंथी क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) से 24 फीसदी अधिक है.
अनुमानों के मुताबिक, पड़ोसी राज्य सैक्सोनी में सीडीयू को 31.5-31.8 प्रतिशत और एएफडी को 30.8-31.4 प्रतिशत वोट मिल रहे. सीडीयू 1990 से राज्य का नेतृत्व कर रही है. राष्ट्रीय गठबंधन सरकार में शामिल ग्रीन्स पार्टी के एक नेता ओमिद नूरिपुर ने कहा, ‘1949 के बाद एक धुर दक्षिणपंथी पार्टी राज्य की संसद में मजबूत ताकत के रूप में उभरी है और इससे कई लोगों में गहरी चिंता एवं आशंका पैदा हुई है।’
दूसरी पार्टियों का कहना है कि वे गठबंधन में शामिल होकर एएफडी को सत्ता में नहीं लाएंगी. एएफडी की वरिष्ठ नेता एलिस वीदेल ने ‘एआरडी’ से कहा, ‘यह हमारे लिए एक ऐतिहासिक सफलता है.’ उन्होंने चुनावी नतीजों को स्कोल्ज की गठबंधन सरकार के लिए खतरे की घंटी करार दिया. (भाषा)
Latest News in Hindi, Bollywood News, Tech News, Auto News, Career News और Rashifal पढ़ने के लिए देश की सबसे विश्वसनीय न्यूज वेबसाइट Zee News Hindi का ऐप डाउनलोड करें. सभी ताजा खबर और जानकारी से जुड़े रहें बस एक क्लिक में.