Hardeep Singh Nijjar Murder Case: क्या कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार भारत से तनाव को और बढ़ाने के मूड में है. वह अब ऐसा कदम उठाने जा रही है, जिससे दोनों देशों के संबंध और बिगड़ सकते हैं.
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Canada on Hardeep Singh Nijjar Murder Case: कनाडा में रह रहे खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में ट्रूडो सरकार भारत पर बेतुके आरोप लगाए थे. इसके बावजूद वह अब तक अंधेरे में तीर मारने को मजबूर है. हालांकि अब वहां की रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने 2 लोगों पर गोलीबारी में शामिल होने का शक जताया है. कनाडियन पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपी अब भी कनाडा में हैं और उन पर पुलिस की निगरानी रखी जा रही है. माना जा रहा है कि अगले कुछ हफ्तों में उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है.
जल्द अरेस्ट होंगे निज्जर के हमलावर!
कनाडाई न्यूजपेपर द ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट के मुताबिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद संदिग्ध हमलावर कनाडा में थे और पुलिस की निगरानी में रहे. संभावना है कि RCMP जल्द ही गिरफ्तारियां करेगा और व्यक्तियों के खिलाफ आरोप लगाए जाएंगे. सूत्रों के मुताबिक आरोपियों और भारत सरकार की कथित संलिप्तता के बारे में अधिक जानकारी का खुलासा बाद में पुलिस करेगी. माना जा रहा है कि ट्रूडो सरकार की यह हरकत पहले से ही तनावपूर्ण चल रहे दोनों देशों के संबंधों को और बिगाड़ सकती है.
इस साल मारा गया था खालिस्तानी आतंकी
WION में छपी खबर के अनुसार, भारत में खालिस्तानी अलगाववाद फैलाने में लगे हरदीप सिंह निज्जर को इस साल 18 जून को कनाडा में सर्ररे के एक गुरुद्वारे से बाहर निकलते वक्त गोलियां मारी गई थीं. इस हमले से पहले कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा ने उसे संभावित खतरे की चेतावनी दी थी. इसके बावजूद हमलावर उसे निपटाने में कामयाब रहे.
भारत-कनाडा के तनावपूर्ण रिश्ते
निज्जर की हत्या के बाद से भारत और कनाडा के रिश्तों में गिरावट आ गई है. कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने वोट बैंक राजनीतिक की वजह से भारत पर निज्जर की हत्या में भूमिका निभाने का आरोप लगाया था, जिसका भारत ने पुरजोर खंडन किया था. विवाद यहां तक बढ़ा कि भारत ने अस्थाई रूप से कनाडा में अपना वीजा संचालन रोक दिया था और भारत में 41 कनाडाई राजनयिकों को देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का जिम्मेदार ठहराते हुए वापस भेज दिया था.
आतंकियों की शरणस्थली बना कनाडा
रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने कनाडा पर आतंकियों की शरणस्थली बनने का आरोप लगाया है. भारत का कहना है कि लगातार आग्रह और दबाव के बावजूद ट्रूडो सरकार ने खालिस्तानी अलगाववादियों पर कोई कार्रवाई नहीं की. यही नहीं भारत ने यह भी आश्वासन दिया कि अगर कनाडा सरकार कोई ठोस सबूत मुहैया करवाती है तो भारत सरकार उस पर गौर करने को तैयार है.
सामने आया अमेरिका का दोहरा रूप
इसी बीच खालिस्तानी आतंकवाद के सबसे बड़े स्रोत गुरपतवंत सिंह पन्नून के मुद्दे पर अमेरिका- भारत आमने-सामने आ गए हैं. पन्नून न्यूयार्क में बसा हुआ है और उसे कनाडा की भी नागरिकता है. अमेरिका ने पन्नून की हत्या की साजिश रचे जाने का आरोप लगाया है. उसने इस साजिश को रचने का आरोप निखिल गुप्ता नाम के भारतीय पर लगाया है. अमेरिका के दबाव पर गुप्ता फिलहाल चेक गणराज्य की जेल में बंद है और अमेरिका उन्हें अपने देश में प्रत्यर्पित करने की कोशिश कर रहा है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)