Spy stories World War II: दुनियाभर में अब तक हुई बड़ी लड़ाइयों में जासूसों यानी सीक्रेट एजेंट्स की अहम भूमिका रही है. इस कड़ी में आज बात द्वितीय विश्व युद्ध में अपनी छाप छोड़ने वाले उस डबल एजेंट की जिसकी वजह से इस युद्ध की कहानी ही बदल गई थी.
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Juan Pujol Garcia Spy WW 2: जासूसों की अपनी एक अलग दुनिया है. लंबे समय से खुफिया एजेंसियां और एजेंट्स दुनियाभर में ऑपरेट करती आई हैं. जासूसों की सच्ची कहानियों (True Spy Stories) में आज बात जुआन पुजोल ग्रेशिया (Juan Pujol Garcia) की जिसे नाजियों से इतनी नफरत थी कि उन्हें हराने के लिए वो एक आम आदमी की सुकूनभरी जिंदगी छोड़कर जासूस (Spy) बन गया. जुआन पुजोल ग्रेशिया इतना शातिर था जो अपनी बात को सच मनवाने के लिए इस हद तक गया कि अपने एक फेक एजेंट को मरवाकर उसकी विधवा को इनाम तक दिलवा दिया था.
मुर्गी पालने वाला बन गया सबसे शातिर जासूस
जासूस हाईटेक हो चुके हैं. जासूसी के लिए हिडेन कैमरों, चिप, GPS और AI का इस्तेमाल होने लगा है. लेकिन जरा सोचिए 100 साल पहले जब तकनीक नहीं थी तब जासूस कैसे काम करते होंगे. यहां पर बात जुआन पुजोल ग्रेशिया की जो मुर्गियां पालने वाला ऐसा शख्स था, जिसने नाजियों से अपनी नफरत के चलते हिटलर को तगड़ा चूना लगा दिया था.
स्पेन की रईस फैमिली में जन्मा जुआन पुजोल ग्रेशिया एक सामान्य बच्चा था. जवानी में उसे नहीं पता था कि उसे क्या करना है. वो कभी पुस्तैनी रूई का कारोबार संभालता तो कभी दूसरों की दुकानों पर नौकरी करता. पिता की मौत के बाद रूई का कारखाना बंद करके मुर्गी पालन करने का मन बनाया. आगे चलकर उसने शादी कर ली. इसी समय स्पेन में गृह युद्ध छिड़ गया. वहीं दूसरी ओर सेकेंड वर्ल्ड वार की पटकथा लिखी जाने लगी थी.
उसे जर्मनी के नाजियों से सख्त नफरत थी. इसी बीच उसे लगा कि वो जासूसी कर सकता है. तब उसे लगा कि ब्रिटेन के अंग्रेज ही नाजियों को रोक सकते हैं. जुआन ब्रिटिश सेना के पास जा पहुंचा और बोला हम स्पेन से हैं. हमारे अंदर एक जासूस की खूबियां हैं, हमें ट्रेनिंग देकर मोर्चे पर भेज देना चाहिए. ब्रिटेन के फौजी अफसरों ने नई उम्र के इस लड़के की दलीलों को फौरन खारिज कर दिया.
वो डबल एजेंट जिसने पूरे दूसरे विश्व युद्ध में उठापटक मचा दी
कहा जाता है कि इसी जासूस की वजह से दूसरे विश्व युद्ध की कहानी बदल गई थी. दूसरे विश्व युद्ध में जर्मन्स की हार के पीछे इसी का हाथ माना जाता है. दरअसल जब ब्रिटेन ने उसे भगा दिया तो उसने सोचा अब वो जर्मनी की जासूसी का नाटक करेगा. इससे उसके पास नाजियों के राज आ जाएंगे. फिर ब्रिटेन उसे अपना एजेंट बना देगा. उसकी ये तरकीब काम कर गई. वो खुद को नाजियों का घनघोर समर्थक बताने लगा. उसने उनके लिए सैकड़ों छोटे-मोटे काम किए. यहां तक कि ब्रिटेन के कुछ राज चुराकर जर्मनी तक पहुंचा दिए. ब्रिटिश स्पाई बनने की चाहत यानी अपनी नई प्रोफाइल बनाने के लिए उसका इतना करना काफी था.
इतना शातिर की जमकर करता सूचनाओं की हेराफेरी
अब जुआन डबल एजेंट था, जो जर्मनी से प्यार का दिखावा करता, लेकिन उसका असली मिशन जर्मन्स और नाजियों को हरवाना था. नाजियों तक वो जो भी जानकारी पहुंचाता वो या तो वे फेक होती थीं या इतनी देर से मिलती थीं कि उसका उन्हें कोई फायदा न मिलता. यानी जर्मन सेना के लिए वो खबरें किसी काम की नहीं होती थीं. ब्रिटिश सेना उसका राज जानती थी और आराम से अपनी कम नुकसान होने वाली खबरें लीक कर देती थी.
ऑपरेशन ओवरलोड और पलट गई दूसरे विश्व युद्ध की कहानी
1944 में ब्रिटेन और अमेरिकी फौज ने नॉर्मेंडी से होते हुए नाजियों को हराने का प्लान बनाया. जुआन को इसमें बड़ा काम मिला. उसे हिटलर और उसकी फौज को यकीन दिलाना था कि नॉर्मेंडी पर हल्की-फुल्की लड़ाई चल रही है, असल हमला केले शहर के पास होगा. इस प्लान को ऑपरेशन ओवरलोड नाम दिया गया. अपनी बात को सच साबित करने के लिए जुआन ने ब्रिटिश और अमेरिकी सेना अधिकारियों की झूठी बातों की रिकॉर्डिंग जर्मन्स को भेजीं. यहां तक कि फेक एयरफील्ड, टैंकों और शिप्स की आवाज और नक्शे भेज दिए. उसका खेल काम कर गया. जर्मनी की फौज केले सिटी के पास अलर्ट थीं, जबकि असल हमला नॉर्मेंडी से हुआ. इसके बाद दूसरे विश्व युद्ध की कहानी पलट गई. नाजियों की हार हो गई.
खुद की मौत का नाटक रचा
जंग खत्म होने के बाद जुआन के डबल एजेंट होने का खुलासा नाजियों के सामने हो चुका था. अब अपनी जान पर मंडरा रहे खतरे को टालने के लिए उसने 1949 में खुद की मौत का नाटक रचा. माना जाता है कि उसके काम से खुश होकर ब्रिटिश फौज ने उसे वेनेजुएला में किसी सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया था. जहां उसे और उसके परिवार को कोई खतरा नहीं था.