एक हाथ जेब में, दूसरे से बड़े आराम से ओलंपिक में निशाना... वो शूटर नहीं 'कमांडो' है
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एक हाथ जेब में, दूसरे से बड़े आराम से ओलंपिक में निशाना... वो शूटर नहीं 'कमांडो' है

Who is Yusuf Dikec: एक हाथ जेब में डाले, बिना किसी सुरक्षा गियर के, बिना कोई खास लेंस पहने , अपने रोजमर्रा के चश्मे के साथ एकदम सहजता से पेरिस ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले तुर्की के पिस्टल निशानेबाज यूसुफ डिकेच के ‘स्वैग’ के चर्चे सोशल मीडिया पर खूब हो रहे हैं. 

एक हाथ जेब में, दूसरे से बड़े आराम से ओलंपिक में निशाना... वो शूटर नहीं 'कमांडो' है

Who is Yusuf Dikec: एक हाथ जेब में डाले, बिना किसी सुरक्षा गियर के, बिना कोई खास लेंस पहने , अपने रोजमर्रा के चश्मे के साथ एकदम सहजता से पेरिस ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाले तुर्की के पिस्टल निशानेबाज यूसुफ डिकेच के ‘स्वैग’ के चर्चे सोशल मीडिया पर खूब हो रहे हैं. सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीर काफी वायरल हो गई है, जिसमें वह सफेद रंग की टी शर्ट पहने एक हाथ जेब में डाले निशाना साध रहे हैं. उन्होंने दस मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में सिल्वर जीता जो ओलंपिक निशानेबाजी में तुर्की का पहला मेडल है. यह वही स्पर्धा है, जिसमें भारत की मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था.

यूसुफ डिकेच के ‘स्वैग’ की दुनिया कायल 

निशानेबाजों को आजादी होती है कि वे जैसी चाहें ड्रेस पहन सकते हैं. पेरिस से करीब 300 मीटर दूर शेटराउ में ओलंपिक रेंज पर निशानेबाज रोशनी कम करने के लिए वाइजर या बेहतर फोकस के लिए एक आंख पर ब्लाइंडर पहने नजर आ रहे हैं, लेकिन यूसुफ डिकेच कान में पीले इयरप्लग पहने हुए थे जो कैमरे के एंगल से नजर नहीं आए. सिल्वर मेडल जीतने के बाद 51 साल के यूसुफ डिकेच ने कहा,‘मैं अब 2028 में स्वर्ण लेने की कोशिश करूंगा.’ 

यूसुफ डिकेच कोई आम इंसान नहीं 

यूसुफ डिकेच का जन्म साल 1973 में तुर्की के कहरामनमारस प्रांत के गोकसुन जिले के तासोलुक गांव में हुआ था. यूसुफ डिकेच तुर्की जेंडरमेरी के रिटायर्ड नॉन कमीशंड अफसर हैं. यूसुफ डिकेक ने 2001 में शूटिंग शुरू की थी. यूसुफ डिकेच तुर्की की नेशनल टीम और मिलिट्री टीम में एक साथ शूटिंग करते रहे. यूसुफ डिकेच ने अपनी प्राथमिक शिक्षा तासोलुक गांव में पूरी की. तुर्की के इस शूटर ने अंकारा के गाजी विश्वविद्यालय से शारीरिक शिक्षा और खेल में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. 

मिलिट्री स्कूल में हुई ट्रेनिंग 

यूसुफ डिकेच ने साल 1994 में अंकारा के जेंडरमेरी के मिलिट्री स्कूल में प्रवेश लिया, जहां उन्होंने साल 2000 में सार्जेंट के पद पर स्नातक की उपाधि प्राप्त की. यूसुफ डिकेच ने एक साल तक इस्तांबुल में अपनी सेवाएं दी और फिर तुर्की जेंडरमेरी के खेल क्लब में ट्रांसफर हो गए. मिलिट्री में कुछ समय तक अपनी सेवाएं देने के बाद साल 2001 में यूसुफ डिकेच शूटिंग के खेल में हाथ आजमना शुरू किया और तभी से वो मिलिट्री नेशनल टीम की तरफ से नेशनल गेम्स में हिस्सा लेते रहे हैं. यूसुफ डिकेच के पास 4 अन्य यूरोपीय चैंपियनशिप खिताब, एक आईएसएसएफ वर्ल्ड कप खिताब और एक सीआईएसएफ वर्ल्ड चैंपियनशिप गोल्ड मेडल है.

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