Keadarnath Badrinath Yatra: 2023 में चारधाम यात्रा 22 अप्रैल यानी अक्षय तृतीया से शुरू हो रही है, अक्षय तृतीया की तिथि को बहुत ही पुण्यदायी माना गया है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन से त्रेतायुग का आरंभ और परशुराम जयंती मनाई जाती है.
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Chardham Yatra Update: हिंदू धर्म में चारधाम यात्रा का विशेष महत्व है. शास्त्रों में आस्था और विश्वास से जुड़े उत्तराखंड के चारधाम को बहुत ही शुभ बताया गया है. इस साल 2023 में चारधाम यात्रा 22 अप्रैल यानी अक्षय तृतीया से शुरू हो रही है, अक्षय तृतीया(Akashya Tritiya) की तिथि को बहुत ही पुण्यदायी माना गया है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन से त्रेतायुग का आरंभ और परशुराम जयंती मनाई जाती है. जिन चार धाम गंगोत्री, यमुनोत्री,केदारनाथ (Kedarnath) और बदरीनाथ (Badrinath Yatra) धाम की यात्रा इन दिनों की जाती है, उसका बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व माना गया है क्योंकि कभी इन्हीं पावन स्थानों पर आदि शंकराचार्य ने साधना-आराधना की थी. उत्तराखंड (Uttarakhand) राज्य के चारधाम यात्रा में श्रद्धालु पश्चिम से पूर्व की ओर चलते हुए यानि यमुनोत्री से चलकर गंगोत्री, केदारनाथ और अंत में बद्रीनाथ पहुंचकर अपनी यात्रा को पूरा करता है. आइए चार धाम यात्रा के बारे में विस्तार से जानते हैं.
इस दिन से खुलेंगे केदारनाथ के कपाट
देवों के देव महादेव के 11वें ज्योतिर्लिंग यानी केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल मेष लग्न में प्रातः काल में खुल जाएंगे, केदारनाथ धाम के कपाट खोलने का पूजन कार्यक्रम इससे पहले ही 21 अप्रैल 2023 से प्रारंभ हो जाएगा और बाबा की डोली ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर से चलकर एक दिन पहले ही केदारनाथ पहुंच जाएगी. इसके साथ ही केदारनाथ के कपाट खुलते ही महादेव के भक्तों का तांता लग जाएगा.
बदरीनाथ के कपाट खुलेंगे इस दिन
श्री हरि के प्रसिद्ध मंदिरों में से बदरीनाथ का मंदिर एक है. आपको बता दें कि बदरीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को ब्रह्म मुहूर्त में खोले जाएंगे. जिसके साथ ही आम तीर्थयात्री भगवान बदरीनाथ का दर्शन कर सकेंगे.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)