मां की ममता क्या होती है? इस मार्मिक खबर को पढ़कर दिल कचोट उठेगा आपका; इमोशनल हुए लोग
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मां की ममता क्या होती है? इस मार्मिक खबर को पढ़कर दिल कचोट उठेगा आपका; इमोशनल हुए लोग

Trending News: ऐसा कहा जाता है कि लाख या उससे अधिक रुपये प्रति माह मेट्रो शहर में आराम से रहने के लिए पर्याप्त है. चलिए आज हम आपको एक ऐसा किस्सा सुनाते हैं, जिसके बारे में जानकर आप भी इमोशनल हो जाएंगे.

 

मां की ममता क्या होती है? इस मार्मिक खबर को पढ़कर दिल कचोट उठेगा आपका; इमोशनल हुए लोग

Mother Emotional Post: सोशल मीडिया पर ऐसे कई पोस्ट हैं जिनमें लोग पूछ रहे हैं कि मेट्रो शहर में रहने के लिए उनकी महीने की सैलरी कम से कम कितनी होनी चाहिए. लोग अपना परिवार चलाने के लिए कम से कम 20000 रुपये या फिर उससे ज्यादा की मांग रखते हैं. हालांकि, दिल्ली-मुंबई जैसे शहरों में 20000 रुपये न के बराबर कहा जाता है, क्योंकि रहने के लिए किराए का मकान से लेकर, खाने-पीने, ट्रेवेलिंग में खर्च हो जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि लाख या उससे अधिक रुपये प्रति माह मेट्रो शहर में आराम से रहने के लिए पर्याप्त है. चलिए आज हम आपको एक ऐसा किस्सा सुनाते हैं, जिसके बारे में जानकर आप भी इमोशनल हो जाएंगे.

दिल्ली में बच्चे को पालना बेहद ही मुश्किल

एक महिला, जो सिंगल मदर है और दिल्ली में रहती है. उसने Reddit पर अपने जीवन के बारे में पोस्ट किया और बताया कि कैसे वह 20,000 रुपये से कम में अपने सभी खर्चों को मैनेज करती है. @GarimaSoul यूजर नाम वाली महिला ने कहा कि वह ज्यादातर समय 25,000 रुपये से अधिक के किराए के बारे में पोस्ट देखती है. उन्होंने कहा कि उन्हें आश्चर्य होता है कि क्या दिल्ली में कोई गरीब लोग हैं.

हर महीने की कमाई है सिर्फ इतनी

उन्होंने आगे कहा कि वह एक सिंगल मदर हैं और एक छोटे स्कूल में पढ़ाती हैं. वह कुछ बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाती हैं. उनकी मासिक कमाई 18,500 रुपये है. वह उत्तर पूर्वी दिल्ली में सड़क किनारे एक इमारत में 1बीएचके ग्राउंड फ्लोर अपार्टमेंट में रहती है और किराए के रूप में 5,500 रुपये का भुगतान करती हैं. उन्होंने लिखा, "मेरा अपार्टमेंट अच्छा नहीं है लेकिन बुरा भी नहीं है."

 

Anyone in Delhi reddit who runs a family in less than 20k a month like me??
byu/GarimaSoul indelhi

 

बच्चे की देखभाल के लिए करना होता है ऐसा

उन्हें कोई बिजली बिल नहीं देना पड़ता है क्योंकि उनका यूज शायद ही कभी 200 यूनिट से ज्यादा होता हो. उन्होंने कहा कि उनका बेटा चार साल का हो गया है और ऑटिस्टिक (माइल्ड) है. यही वजह है कि वह अच्छी तरीके से बोल नहीं पाता. वह उसे उस स्कूल में ले जाती है जहां वह खुद भी पढ़ाती है और उसके लिए उसे पेमेंट नहीं करना पड़ता. बच्चे की मां ने कहा कि वह उसे इलाज के लिए नहीं ले जा सकती क्योंकि यह काफी महंगा है लेकिन कभी-कभी, वह उसे मुफ्त भोजन या पौष्टिक नाश्ता दिलाने के लिए आंगनवाड़ी भेजती है क्योंकि फल खरीदना बेहद ही मुश्किल है.

उसने कहा कि वह महीने के अंत तक कुछ भी नहीं बचा पाती. जब वह किराए के लिए 30,000 रुपये से 35,000 रुपये का भुगतान करने वाले लोगों के बारे में पोस्ट पढ़ती है, तो वह सपने देखती है कि अगर उसकी इनकम ज्यादा होती तो वह कितनी सेविंग कर सकती थी. उसने सीखा कि आप जितना अधिक कमाते हैं, डिमांड बढ़ जाती हैं क्योंकि एक लाख से अधिक कमाने वाले लोग भी बचत नहीं कर पाते हैं.

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