रतन टाटा की कंपनी छोड़ी तो IAS ऑफिसर बन गया ये IITian, 1989 में मिलती थी इतनी सैलरी
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रतन टाटा की कंपनी छोड़ी तो IAS ऑफिसर बन गया ये IITian, 1989 में मिलती थी इतनी सैलरी

IAS Officer salary In 1989: रिटायर्ड IAS ऑफिसर रोहित कुमार सिंह ने सोशल मीडिया पर टीसीएस की पहली जॉब ऑफर की फोटो शेयर की, जिसमें ₹1,300 महीने की सैलरी थी. 40 साल पहले जब वो काम करने लगे थे तो ₹1,300 बहुत अच्छी सैलरी थी.

 

रतन टाटा की कंपनी छोड़ी तो IAS ऑफिसर बन गया ये IITian, 1989 में मिलती थी इतनी सैलरी

Ratan Tata TCS Compney Employee IAS Officer: रिटायर्ड IAS ऑफिसर रोहित कुमार सिंह ने सोशल मीडिया पर टीसीएस की पहली जॉब ऑफर की फोटो शेयर की, जिसमें ₹1,300 महीने की सैलरी थी. राजस्थान कैडर के 1989 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी रोहित कुमार सिंह ने कहा कि 40 साल पहले जब वो काम करने लगे थे तो ₹1,300 बहुत अच्छी सैलरी थी. 26 जून 1984 को दिनांकित उनके जॉब ऑफर में लिखा था कि रोहित कुमार सिंह को टीसीएस मुंबई में ट्रेनी के रूप में काम पर रखा गया था.

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में भारत सरकार के पूर्व सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज उनका पहला काम था, और उन्हें आईआईटी-बीएचयू में कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से मिला था. रिटायर्ड IAS ऑफिसर ने लिखा, "लगभग 40 साल पहले, मुझे आईआईटी बीएचयू में कैंपस प्लेसमेंट के माध्यम से टीसीएस मुंबई में अपनी पहली नौकरी मिली. ₹1,300 रुपये की शानदार सैलरी के साथ नरीमन पॉइंट पर एयर इंडिया बिल्डिंग की 11वीं मंजिल से समुद्र का दृश्य बहुत ही शानदार था!"

 

 

रोहित कुमार सिंह वर्तमान में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के सदस्य के रूप में कार्य करते हैं. एनसीडीआरसी की वेबसाइट के अनुसार, उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से विद्युत इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की. टीसीएस में शामिल होने के बाद रोहित कुमार सिंह भारत छोड़कर न्यूयॉर्क के क्लार्कसन विश्वविद्यालय से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में मास्टर्स करने चले गए. उन्होंने अपनी मास्टर डिग्री लेने के बाद यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा दी और आईएएस अधिकारी बन गए. तब से उन्होंने तीन दशकों से ज्यादा समय तक कई पदों पर काम किया.

अपने पोस्ट के कमेंट सेक्शन में एक यूजर ने रोहित कुमार सिंह से पूछा: "आईएएस में प्रोबेशनर के रूप में आपकी शुरुआती सैलरी कितनी थी?" रिटायर्ड अधिकारी ने बताया कि जब वो 1989 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए तो उन्हें ₹2,200 महीने की सैलरी मिली. एक अन्य यूजर ने लिखा, "टीसीएस से सिविल सेवा तक! वाकई बहुत बढ़िया सफर."

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एक्स यूजर ने मजाक किया,, "मैंने कैलकुलेट किया ताकि किसी और को नहीं करना पड़े, कुछ ऑनलाइन कैलकुलेटर वेबसाइट के अनुसार 1984 में 1300 INR की सैलरी आज के समय में 21000 INR के बराबर होगी, जिसका मतलब है कि टीसीएस के पास 30+ साल का इतिहास है और वो अच्छे से सैलरी नहीं देता." 

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