यह शख्स 1982 में Bajaj Chetak से पहुंच गया दुनिया की सबसे ऊंची जगह पर; जानिए पूरी कहानी
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यह शख्स 1982 में Bajaj Chetak से पहुंच गया दुनिया की सबसे ऊंची जगह पर; जानिए पूरी कहानी

Bajaj Chetak Scooter: आज भी लोग लद्दाख जाने का सपना देखते हैं. कुछ लोगों ने लद्दाख की यात्रा की भी है, लेकिन बुलेट या फिर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के जरिए. लगभग सभी के पास शेयर करने के लिए एक अनूठी लद्दाख की कहानी होगी.

 

यह शख्स 1982 में Bajaj Chetak से पहुंच गया दुनिया की सबसे ऊंची जगह पर; जानिए पूरी कहानी

Bajaj Chetak: भारत में ज्यादातर लोगों ने बॉलीवुड फिल्म '3 इडियट्स' (3 Idiots) तो जरूर देखी होगी. इसमें एक सीन आपने देखा होगा, जिसमें लद्दाख में कुछ बच्चे इनोवेटिव आइडिया पर काम करते हैं. फिल्म को रिलीज हुए 10 साल से अधिक समय हो गए हैं, लेकिन आज भी इस मूवी का उदाहरण दिया जाता है. आज भी लोग लद्दाख जाने का सपना देखते हैं. कुछ लोगों ने लद्दाख की यात्रा की भी है, लेकिन बुलेट या फिर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के जरिए. लगभग सभी के पास शेयर करने के लिए एक अनूठी लद्दाख की कहानी होगी. सड़क मार्ग से लद्दाख पहुंचना उतना कठिन नहीं है, जितना पहले हुआ करता था.

30 साल पहले लद्दाख में कुछ ऐसे शुरू की थी यात्रा

अब लद्दाख के लिए सड़क अच्छी हो चुकी हैं और इंटरनेट कनेक्टिविटी की बदौलत लोग आराम में यात्रा कर सकते हैं. जहां मन करे वहां पर फोटो क्लिक कर सकते हैं और खाने-पीने की ज्यादा समस्या नहीं है. यहां एक रोड ट्रिप की एक और असामान्य कहानी है. बजाज ऑटो (Bajaj Auto) द्वारा अपने लिंक्डइन हैंडल पर अपलोड की गई एक पोस्ट के अनुसार, राज कृष्ण अपने बजाज चेतक पर लेह गए थे. राज कृष्ण ने बजाज चेतक स्कूटर पर दुनिया की सबसे ऊंची सड़क पर दोपहिया यात्रा की. पोस्ट में उनकी चुनौतियों के बारे में बताया गया है.

देखें यह पोस्ट-

 

जानें कैसा था बजाज चेतक से 16 घंटे का सफर

राज कृष्णन (Raj Krishan) ने पुराने ICE-संचालित बजाज चेतक स्कूटर का इस्तेमाल किया. उन्होंने हरियाणा के हिसार में अपने साहसिक कार्य की शुरुआत की, और खतरनाक जोजी-ला दर्रे (Zoji-La Pass) के पार श्रीनगर से लेह (Srinagar To Leh) तक जाने में उन्हें 16 घंटे लगे. जबकि ट्रेक कठिन था, उन्होंने खुलासा किया कि लेह में हवा बहुत कम थी, जहां बहुत कम ऑक्सीजन सैचुरेशन थी. एक महत्वपूर्ण यात्रा फेज पर जाने से पहले वह दो दिनों के लिए शहर में रुके थे. अपने बजाज चेतक स्कूटर पर विशाल खारदुंगला दर्रे को माउंट करने के लिए अधिकारियों से सहमति प्राप्त करने के बाद कृष्ण ने शिखर पर अपनी यात्रा शुरू की.

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