महिलाओं के लिए घातक क्यों है स्ट्रोक? लंबे समय तक जीने के लिए लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव
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महिलाओं के लिए घातक क्यों है स्ट्रोक? लंबे समय तक जीने के लिए लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव

Stroke: स्ट्रोक से होने वाली मौतों की संख्या दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही है, खासकर निम्न और मध्यम आय वाले देशों में. स्ट्रोक एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जो दिमाग में खून के फ्लो को बाधित करती है. 

महिलाओं के लिए घातक क्यों है स्ट्रोक? लंबे समय तक जीने के लिए लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव

Stroke in women: स्ट्रोक से होने वाली मौतों की संख्या दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही है, खासकर निम्न और मध्यम आय वाले देशों में. स्ट्रोक एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जो दिमाग में खून के फ्लो को बाधित करती है. यह पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन महिलाओं के लिए यह अधिक घातक हो सकता है. इसके कई कारण होते हैं, जिनमें लंबी जिंदगी की उम्मीद, एक समय में एक से ज्यादा बीमारी और मेनोपोज के दौरान बायोलॉजिकल परिवर्तन शामिल हैं.

प्रेग्नेंसी के दौरान और तुरंत बाद हार्मोनल गोलियों या रिस्क फैक्टर का उपयोग करने से भी महिलाओं में स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है. इसके अलावा कुछ और कारण महिलाओं में स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं जैसे- 

- हाई ब्लड प्रेशर स्ट्रोक का एक प्रमुख रिस्क फैक्टर है. महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर का खतरा पुरुषों की तुलना में अधिक होता है.
- डायबिटीज स्ट्रोक का एक अन्य प्रमुख जोखिम कारक है. महिलाओं में डायबिटीज का खतरा पुरुषों की तुलना में अधिक होता है.
- मोटापा स्ट्रोक का एक प्रमुख जोखिम कारक है. महिलाओं में मोटापे का खतरा पुरुषों की तुलना में अधिक होता है.
- धूम्रपान स्ट्रोक का एक प्रमुख जोखिम कारक है. महिलाओं में धूम्रपान का खतरा पुरुषों की तुलना में अधिक होता है.

लंबे समय तक जीने के लिए लाइफस्टाइल में क्या बदलाव करें?
- एक स्वस्थ आहार खाएं: स्वस्थ आहार का मतलब है भरपूर मात्रा में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसायुक्त प्रोटीन खाना.
- नियमित रूप से व्यायाम करें: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मध्यम-तीव्रता वाला एरोबिक व्यायाम या 75 मिनट उच्च-तीव्रता वाला एरोबिक व्यायाम करें.
- अपने वजन को नियंत्रित करें: अपने शरीर के वजन सूचकांक (बीएमआई) को 25 से कम रखें.
- धूम्रपान छोड़ दें: यदि आप धूम्रपान करती हैं, तो आज ही इसे छोड़ दें.
- नियमित जांच: नियमित रूप से अपनी ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाएं. इन सभी स्थितियों को नियंत्रित करने से स्ट्रोक का खतरा कम हो सकता है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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