कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है. कई नेता साथ आए तो कुछ 'हाथ' का साथ छोड़ गए लेकिन कांग्रेस का मुख्यालय अब नई कहानी कह रहा है. कई नेता जो भाजपा या दूसरी पार्टी बनाकर अलग हो गए, पार्टी ने अपने नए हेडक्वार्टर की तस्वीरों में उन्हें भी जगह दी है.
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पिछले एक दशक में कई नेताओं ने अलग-अलग कारणों से कांग्रेस को अलविदा कह दिया, लेकिन देश के मुख्य विपक्षी दल ने उन्हें याद रखा. हां, अपने नए मुख्यालय में अतीत की यादों को संजोते हुए इनमें से कई नेताओं को जगह दी गई है. कांग्रेस के 9ए कोटला मार्ग स्थित नए मुख्यालय इंदिरा भवन में ऐसे कई नेताओं के चित्र देखने को मिलते हैं जो कभी कांग्रेस का हिस्सा होते थे लेकिन बाद में उससे अलग हो गए.
इनमें दिवंगत विश्वनाथ प्रताप सिंह, गुलाम नबी आजाद, सुरेश पचौरी और रीता बहुगुणा जोशी के नाम प्रमुख हैं. कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन का कहना है कि इंदिरा भवन उन लाखों कार्यकर्ताओं के अनुदान से बना है, जो इस बात में आस्था रखते हैं कि कांग्रेस का अर्थ सर्वहारा वर्ग के उत्थान का संघर्ष, भारत के सद्भाव की रक्षा और समावेशी विकास में आस्था है.
इंदिरा भवन
लोकतंत्र, राष्ट्रवाद, धर्म निरपेक्षता, समावेशी विकास और सामाजिक न्याय की नींव पर बना कांग्रेस का नया मुख्यालय।
कांग्रेस के 140 साल पुराने गौरवशाली इतिहास को खुद में संजोए, यहां की दीवारें सत्य, अहिंसा, त्याग, संघर्ष और देश प्रेम की महागाथा बयां कर रही हैं।… pic.twitter.com/sxV9RJW2Ez
— Congress (@INCIndia) January 15, 2025
उन्होंने कहा कि इमारत के निर्माण पर 200 से 225 करोड़ रुपये खर्च हुआ है जो भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भवनों के खर्च का पांचवां हिस्सा है. माकन के मुताबिक, इंदिरा भवन का निर्माण करने वाली कंपनी "एल एंड टी" को अभी कुछ पैसे देने बाकी हैं. कांग्रेस ने अपने इस नए मुख्यालय में पार्टी के 140 साल पुराने इतिहास को चित्रों, नेताओं के प्रसिद्ध वक्तव्यों के माध्यम से संजोया है.
कांग्रेस ने इस नए भवन में गांधी-नेहरू परिवार के साथ ही दूसरे नेताओं एवं उनके योगदान को पूरी तवज्जो देने का प्रयास किया है. कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने पिछले बुधवार को ‘इंदिरा भवन’ का उद्घाटन किया था. पिछले करीब पांच दशक से पार्टी का मुख्यालय ‘24 अकबर रोड’ था. इंदिरा भवन के भूतल पर ही एक ऐसी तस्वीर लगी है जो पहली नजर में ध्यान खींचती है. इस तस्वीर में चार नेता एक साथ नजर आते हैं. इस तस्वीर में सुरेश पचौरी, रीता बहुगुणा जोशी, सुधाकर रेड्डी और अशोक तंवर एक साथ हैं.
इन चारों नेताओं ने बीते एक दशक की अवधि के दौरान कांग्रेस छोड़ दी, हालांकि तंवर पिछले साल हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में वापस आ गए थे. इसी तरह भवन की चौथी मंजिल में एक तस्वीर है जिसमें गुलाम नबी आजाद हैं. यह तस्वीर पांच साल पहले संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ राजघाट पर पार्टी की ओर से आयोजित धरने की है.
भवन के भीतर एक अन्य तस्वीर लगी है जिसमें राजीव गांधी के साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पीवी नरसिम्हा राव, वीपी सिंह और पूर्व राष्ट्रपतिके आर नारायणन हैं. कांग्रेस ने एक अन्य तस्वीर में कांग्रेस से भाजपा गये रवनीत सिंह बिट्टू भी दिखाई दे रहे हैं.
कांग्रेस नेता मनीष चतरथ ने कहा, 'अगर हमारे साथ कोई अतीत में था और किसी मोड़ पर उसकी कोई तस्वीर है तो हम उसे हटा नहीं सकते. कांग्रेस की सोच ऐसी नहीं है कि लोगों की तस्वीर से हटा दे.' कांग्रेस मुख्यालय की चौथी मंजिल पर एक तस्वीर लगाई गई जिसमें सोनिया गांधी और दिवंगत सीताराम केसरी एकसाथ हैं. यह तस्वीर जनवरी, 1998 की है जो हरियाणा के रोहतक की एक जनसभा की है.
माकन ने बताया कि इंदिरा भवन- यह एक पांच मंजिला इमारत है, कुल 2,100 वर्ग मीटर में है. इस भवन में 276 सीट का अपना एक सभागार है. इस भवन में एक भव्य पुस्तकालय बनाया गया है जिसका नामकरण ‘डॉक्टर मनमोहन सिंह पुस्तकालय’ किया गया है. कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. सिंह के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए यह फैसला किया है. डॉ. सिंह का बीते 26 दिसंबर को निधन हो गया था.
मुख्य विपक्षी दल के मुख्यालय में दाखिल होते ही कांग्रेस के पहले अध्यक्ष ब्योमेश चंद्र बनर्जी और वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की तस्वीरें लगाई गई हैं. इस पांच मंजिला भवन में कुल 246 दुर्लभ चित्र हैं जिनमें महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर, सुभाष चंद्र बोस, खान अब्दुल गफ्फार खां और स्वतंत्रता आंदोलन के कई नेताओं के चित्र शामिल हैं. इनमें उनके कथनों तथा योगदान का भी उल्लेख है. (भाषा)