MIG 21 फाइटर जेट बार-बार क्यों हो जाता है क्रैश? ये हैं 5 बड़ी वजहें
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MIG 21 फाइटर जेट बार-बार क्यों हो जाता है क्रैश? ये हैं 5 बड़ी वजहें

MIG 21 Crash Reasons: मिग 21 (MIG 21) फाइटर जेट (Fighter Jet) क्रैश होने की खबर आप कई बार पढ़ चुके होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये लड़ाकू विमान बार-बार हादसे का शिकार क्यों हो जाता है.

MIG 21 फाइटर जेट बार-बार क्यों हो जाता है क्रैश? ये हैं 5 बड़ी वजहें

MIG 21 Crash: राजस्थान (Rajasthan) के हनुमानगढ़ (Hanumangarh) में एक मिग 21 (MIG 21) फाइटर जेट (Fighter Jet) क्रैश हो गया है. हादसे में पायलट और को-पायलट समय रहते कूद गए जिससे उनकी जान बच गई. दोनों सुरक्षित बताए जा रहे हैं. पायलट पैराशूट की मदद से सकुशल उतर गए लेकिन इस हादसे में 4 ग्रामीणों की मौत हो गई. ये घटना हनुमानगढ़ के गांव बहलोल नगर में हुई. जिस वक्त गांव में जब मिग-21 फाइटर जेट क्रैश हुआ उस वक्त तेज धमाके की आवाज सुनाई दी, ये विमान गांव के एक घर पर गिरा. फिलहाल स्थानीय पुलिस और एयरफोर्स के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं । हादसा किस वजह से हुआ ये पता लगाया जा रहा है. लेकिन क्या कारण है जिसकी वजह से मिग 21 फाइटर जेट बार-बार हादसे का शिकार हो जाता है आइए इसके बारे में जानते हैं.

क्यों बार-बार क्रैश होता है MIG 21?

पहला कारण- मिग सीरीज के जेट (MIG 21) की ताकत ही उसकी सबसे बड़ी वीकनेस है. जैसे- उसकी रफ्तार. आकाश में ये मिग 21 विमान 2,500 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से उड़ान भर सकते हैं, जो इसे सबसे तेज लड़ाकू विमानों की श्रेणी में शामिल करता है. लैंडिंग के वक्त मिग 21 की रफ्तार लगभग 350 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, जो काफी तेज है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इतनी ज्यादा रफ्तार की वजह से इस मिग 21 को ऑपरेट करना बेहद मुश्किल हो जाता है. इसी कारण से हादसे की संभावना बढ़ जाती है.

दूसरा कारण- मिग 21 के बार-बार क्रैश होने का कारण इसका डिजाइन भी है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मिग 21 की कैनोपी (Canopy) साइज में बहुत छोटी है. विमान के उस भाग को कैनोपी में कहते हैं, जिसमें बैठकर पायलट जेट को चलाता है. कहते हैं कि कैनोपी के साइज में छोटे होने के कारण कई बार पायलट रनवे को सही से देख नहीं पाता है. और शायद फिर स्पीड काफी ज्यादा होने के कारण कई बार हादसा हो जाता है.

तीसरा कारण- मिग सीरीज के विमानों की उम्र काफी हो चुकी है. भारत को साल 1963 में मिग सीरीज का पहला जेट मिला था पर कई दशकों के बाद भी ये जेट इंडियन एयरफोर्स में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. कई मिग फाइटर जेट रिटायर भी हो चुके हैं और आज म्यूजियम में रखे हुए हैं.

चौथा कारण- गौरतलब है कि मिग विमानों का निर्माता रूस साल 1990 से इनका निर्माण नहीं कर रहा है. इसी वजह से मिग सीरीज के विमानों को सेवा में बनाए रखने के लिए देश को इजरायल और दूसरे अन्य देशों से उसके Spare Parts मंगाने पड़ते हैं. मानना है कि दूसरी कंपनियों के Spare Parts इस्तेमाल करने से भी हादसों की संभावना बढ़ी है.

पांचवां कारण- मिग सीरीज के जेट सिंगल इंजन वाले फाइटर जेट हैं. ऐसे में जब कभी उड़ान के दौरान एक इंजन में खराबी आती है तो सपोर्ट के लिए दूसरा इंजन नहीं होता है. यही कारण है कि ऐसे में दुर्घटना को रोक पाना नामुमकिन सा हो जाता है.

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