SC-ST Reservation: विधानसभा चुनाव से पहले इस राज्य सरकार का बड़ा फैसला, SC-ST वर्ग का आरक्षण बढ़ाने को दी मंजूरी
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SC-ST Reservation: विधानसभा चुनाव से पहले इस राज्य सरकार का बड़ा फैसला, SC-ST वर्ग का आरक्षण बढ़ाने को दी मंजूरी

Karnataka Government: राज्य सरकार ने कहा, 'इस फैसले शिक्षा और भर्ती में मदद मिलेगी और सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों को सशक्त बनाने का निर्णय लिया है. अनुसूचित जाति वर्ग के अंतर्गत 103 और अनुसूचित जनजाति वर्ग के अंतर्गत 56 से 57 जातियां हैं. उन्होंने कहा कि इन समुदायों की उपेक्षा नहीं की जा सकती.'

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई

Karnataka SC-ST Reservation: कर्नाटक कैबिनेट ने जस्टिस नागमोहन दास समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों के अनुसार राज्य में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण बढ़ाने को मंजूरी दे दी. कर्नाटक में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण को तुरंत 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 17 प्रतिशत और अनुसूचित जनजातियों के लिए 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत करने का एक सरकारी आदेश जारी करने का निर्णय लिया गया है.

कानून मंत्री का ऐलान

कर्नाटर के कानून मंत्री जेसी मधुस्वामी ने कहा कि, आंतरिक आरक्षण के संबंध में कानून मंत्री की अध्यक्षता में एक उप समिति का गठन किया गया है. आरक्षण बढ़ाने के संबंध में सरकार का आदेश एक-दो दिन में आ जाएगा.

इससे शिक्षा और भर्ती में मदद मिलेगी और सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों को सशक्त बनाने का निर्णय लिया है. अनुसूचित जाति वर्ग के अंतर्गत 103 और अनुसूचित जनजाति वर्ग के अंतर्गत 56 से 57 जातियां हैं. उन्होंने कहा कि इन समुदायों की उपेक्षा नहीं की जा सकती.

सीएम का बयान

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शनिवार को कहा, मैं खुद को धन्य महसूस करता हूं क्योंकि मुझे एससी/एसटी के लिए आरक्षण बढ़ाने का अवसर मिला है. हमारे सभी प्रयास मानवता की ओर होने चाहिए. धर्म उस तक पहुंचने के लिए एक वाहन की तरह है. अगर वे इसे समझ लेंगे तो राज्य में ही नहीं बल्कि देश और दुनिया में प्यार और स्नेह होगा. हमारे देश को एक संस्कृति की जरूरत है. प्रत्येक नागरिक की संस्कृति, विरासत और इतिहास के आधार पर किसी भी देश का मूल्य बढ़ेगा.

ऐसे आएगा बदलाव

राष्ट्रीय बसव प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित 'सर्वधर्म संस्थान-2022' का उद्घाटन करने के बाद बोलते हुए उन्होंने कहा कि, जब बदलाव लाने के लिए समान अवसर दिए जाएंगे, तो वे अपनी ताकत और क्षमता के अनुसार सामने आएंगे. एक स्वस्थ समाज का निर्माण संभव नहीं है यदि उन्हें अवसरों से वंचित कर दिया जाए और वे पीड़ित रहें और पीढ़ियों तक समस्याओं का सामना करें.

(इनपुट: IANS)

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