ओपी राजभर के बेटे के रिसेप्शन में BJP नेताओं की मौजूदगी, 2024 के लिए नए सियासी समीकरण के संकेत
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ओपी राजभर के बेटे के रिसेप्शन में BJP नेताओं की मौजूदगी, 2024 के लिए नए सियासी समीकरण के संकेत

UP Politics: राजभर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले नए समीकरण बनाना चाहते हैं. हालांकि सपा से अलग होकर उन्होंने अपने पत्ते अब तक नहीं खोले हैं लेकिन सपा से गठबंधन टूटने के बाद से ही राजभर का नजरिया भाजपा को लेकर बेहद नरम हुआ है.

साभार @kpmaurya1

OP Rajbhar News: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के बेटे की शादी के बाद हुए रिस्पेशन में विभिन्न दलों के नेता पहुंचे. हालांकि फंक्शन में बीजेपी नेताओं की मौजूदगी ने सियासी चर्चाओं को जन्म दे दिया है.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और सूर्य प्रताप शाही, RLD के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद देने पहुंचे.

क्या बनेंगे नए समीकरण
पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने बधाई संदेश भी भेजे जिन्हें लेकर भी काफी चर्चा हो रही है. रिसेप्शन में भाजपा नेताओं की मौजूदगी ने नए सियासी गठबंधन की अटकलों को हवा दी है. बताया जा रहा है कि समारोह के दौरान बीजेपी नेताओं ने राजभर से लंबी चर्चा भी की.

राजभर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले नए समीकरण बनाना चाहते हैं. हालांकि सपा से अलग होकर उन्होंने अपने पत्ते अब तक नहीं खोले हैं लेकिन सपा से गठबंधन टूटने के बाद से ही राजभर का नजरिया भाजपा को लेकर बेहद नरम हुआ है.

राजभर को मिली है Y-श्रेणी की सुरक्षा
पिछले कुछ समय से राजभर के निशाने पर समाजवादी पार्टी बनी हुई है जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वो लगातार तारीफ कर रहे हैं. उनकी बीजेपी से बढ़ती नजदीकियों को इससे भी समझा जा सकता है कि सरकार ने उन्हें Y-श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध करा रखी है.

बीजेपी का ध्यान पूर्वांचल पर
दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का फोकस विशेष रूप से पूर्वांचल पर है जिसके चलते इन संभावनाओं को बल मिलता है कि सुभासपा और बीजेपी में गठबंधन हो सकता है. 2019 के लोकसभा चुनाव पार्टी को पूर्वांचल में खासी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था. दूसरी तरफ राजभर का राजनीतिक कद लगातार बढ़ रहा है. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में सुभासपा ने 4 सीटें जीती थीं. जबकि 2022 में सुभासपा के विधायकों की संख्या 4 से बढ़कर 6 हो गई.

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