Rajasthan News: राजस्थान में जलदाय विभाग में घोटालों और गड़बडियों में फंसे इंजीनियर्स को चार्जशीट से पहले आलाधिकारियों ने प्रमोशन का तोहफा दे दिया. जल जीवन मिशन में 55 करोड़ के एडवांस पैमेंट के भुगतान में फंसे 50 में से 30 इंजीनियर्स को चार्जशीट से पहले प्रमोशन दे दिया गया.
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Rajasthan News: राजस्थान में जलदाय विभाग में घोटालों और गड़बडियों में फंसे इंजीनियर्स को चार्जशीट से पहले प्रमोशन का तोहफा दे दिया. जल जीवन मिशन में पिछले दो साल के वित्तीय वर्ष में एडवांस पेमेंट की जांच में फंसे इंजीनियरों को भी इसी साल की वैकेंसी में प्रमोशन दिया है, जबकि चीफ इंजीनियर ने इन आरोपी इंजीनियरों को नोटिस देकर चार्जशीट देने के आदेश दिए थे.
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अब उन्हीं दागियों को पीएचईडी पोस्टिंग की तैयारी में जुटा है. जलदाय विभाग में इंजीनियर्स के प्रमोशन एक बार फिर से विवादों में घिर गए हैं. जल जीवन मिशन में 55 करोड़ के एडवांस पैमेंट के भुगतान में फंसे 50 में से 30 इंजीनियर्स को चार्जशीट से पहले प्रमोशन दे दिया गया. हैरानी की बात ये है कि डीपीसी भी इसी साल की है.
मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद 12 अधिकारियों के खिलाफ एसीबी में मुकदमा दर्ज किया गया था, लेकिन विभाग की ओर से अभी तक इन इंजीनियरों को सस्पेंड कर इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है. सरकार की जीरों टोलरेंस की नीति पर आला अफसर पानी फेर रहे हैं.
जांच धीमी मगर प्रमोशन में तेजी
जलदाय विभाग ने पिछले एक साल में डीपीसी के जरिए 800 से ज्यादा इंजीनियरों के प्रमोशन किए हैं. जिसमें से कई इंजीनियर ऐसे भी शामिल थे, जिसके क्षेत्राधिकार में जल जीवन मिशन और पेयजल स्कीम के कार्यों में गड़बड़ियां हुई. फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ.
विभागीय जांच के साथ ही CBI, प्रवर्तन निदेशालय और ACB की जांच भी चल रही है. इन्हें कारण बताओ नोटिस और चार्जशीट मिलने की प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन चार्जशीट देने के बजाय विभाग ने डीओपी और आरपीएससी के साथ डीपीसी कर प्रमोशन का फायदा दे दिया.
अनारक्षित पदों पर एसटी-एससी को प्रमोशन
विभाग की विभागीय पदोन्नति कमेटी में मूल वरिष्ठता में वरिष्ठ होने के कारण एसटी और एससी के तीन दर्जन से ज्यादा इंजीनियरों को अनारक्षित पदों पर प्रमोशन के आरोप लगे हैं. एसटी-एसटी के आरक्षित पदों पर भी इसी वर्ग के इंजीनियरों को प्रमोशन दिया गया है.
अनारक्षित पदों पर आरक्षित वर्ग को प्रमोशन के मामले में कुछ इंजीनियरों ने प्रमुख सचिव भास्कर ए. सावंत को विरोध भी दर्ज करवाया है. अब सवाल ये है कि जलदाय विभाग के जिम्मेदार आला अफसर दोषियों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं.