Rajsamand News: राजसमंद में नगर परिषद कार्यालय के बाहर आज पुलिस का पहरा देखा गया. बता दें कि राजसमंद शहर की दो थाने की पुलिस जाप्ता नगर परिषद कार्यालय के बाहर तैनात है. दरअसल यह पूरा मामला दो आयुक्त के बीच फंसा हुआ है.
Trending Photos
Rajsamand News: राजस्थान के राजसमंद में नगर परिषद कार्यालय के बाहर आज पुलिस का पहरा देखा गया. बता दें कि राजसमंद शहर की दो थाने की पुलिस जाप्ता नगर परिषद कार्यालय के बाहर तैनात है. दरअसल यह पूरा मामला दो आयुक्त के बीच फंसा हुआ है.
यह भी पढ़ें- Makar Sankranti: मकर संक्रांति पर पतंगबाजी को लेकर शासन सचिव डॉ. समित शर्मा का सलाह
आयुक्त दुर्गेश रावल और आयुक्त ब्रजेश राय के बीच फंसा हुआ है. दोनों ही अधिकारी राजसमंद नगर परिषद में आयुक्त के पद पर कार्य करना चाहते हैं. ऐसे में दोनों ही आयुक्तों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. याचिकाकर्ता दुर्गेश रावल की ओर से याचिका दायर कर कोर्ट में बताया गया है कि दो साल में लगभग 6 बार ट्रांसफर किया जा चुका है.
अभी ढाई महीने पहले ही राजसमंद में पोस्टिंग हुई थी, तो वहीं याचिकाकर्ता बृजेश राय का कहना है कि प्रशासन के जो आदेश हैं उसका पालन किया जा रहा है. ऐसे में कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगते हुए निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता और प्रतिवादी की पोस्टिंग में यथास्थिति बनाए रखें. जोधपुर हाईकोर्ट ने टिप्पणी की है कि यह ट्रांसफर पॉलिसी का उल्लंघन है.
अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी. बता दें कि जोधपुर हाईकोर्ट के जस्टिस अरूण मोंगा की बैंच ने नगरीय निकाय विभाग के अफसर का 2 साल में 6 बार तबादला करने के मामले में सख्ती दिखाई है. हाइकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह ट्रांसफर पॉलिसी का उल्लंघन है ही साथ में संबंधित सक्षम अधिकारी द्वारा अपने पॉवर का मनमानी इस्तेमाल किया गया है.
याचिकाकर्ता दुर्गेश रावल की ओर से याचिका दायर कर कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ता नगरीय निकाय का अफसर है और उसका वर्ष 2020 से 2022 के बीच 6 बार ट्रांसफर किया गया. इसके अलावा 2022 से चार बार और तबादला कर दिया गया. अभी उसे ढाई महीने पहले ही राजसमंद में पोस्टिंग दी थी. गत 5 जनवरी को फिर से उसका राजसमंद से चितौड़गढ़ ट्रांसफर कर दिया गया.
दूसरी ओर याचिकाकर्ता रावल की जगह आए प्रतिवादी अफसर ब्रिजेश राय से वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि इसी तरह की स्थिति उनके मुवक्किल की भी है, जिनका पिछले पांच वर्ष में कई बार स्थानांतरण हो चुका है. अब अगर कोर्ट ने ट्रांसफर आदेश में दखल दिया, तो उनपर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता रावल और प्रतिवादी राय की पोस्टिंग में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं. भले ही रावल को राजसमंद से रिलीव कर दिया हो. अगर रावल को रिलीव नहीं किया गया है, तो प्रतिवादी राय पूर्वत जगह पर काम करते रहेंगे. कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगते हुए निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता और प्रतिवादी की पोस्टिंग में यथास्थिति बनाए रखें. भले ही याचिकाकर्ता को रिलीव कर दिया हो. इस मामले में अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी.