Jaipur News: कम दृश्यता की स्थिति में एयरपोर्ट पर LVP लागू किया जाता है, जो अभी पूरी तरह लागू नहीं हो सका है. इसके चलते लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
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Jaipur News: वैसे तो इन दिनों जयपुर एयरपोर्ट दिल्ली, लखनऊ, अमृतसर आदि उत्तर भारत के ज्यादातर एयरपोर्ट की डायवर्ट फ्लाइट्स को सुरक्षित रूप से हैंडल कर रहा है, लेकिन बात जब जयपुर में कोहरे की हो, तो उस स्थिति में यहां भी इंतजामों में देरी लग रही है. मौजूदा सीजन में कई बार यह दिक्कत हो चुकी है.
31 दिसंबर की रात जयपुर एयरपोर्ट पर रात 11 बजे अचानक घना कोहरा छा गया. इंडिगो की एक फ्लाइट ने लैंडिंग के लिए अप्रोच किया तो पता चला कि रनवे विजुअल रेंज कम है, जिसके चलते लैंडिंग नहीं कराई जा सकती.
एयर ट्रैफिक कंट्रोल से कम्युनिकेशन के दौरान पायलट को विमान को कुछ देर होल्ड पर रखने को कहा गया. बताया गया कि LVP लागू करने को लेकर निर्देश दिए जा चुके हैं, लेकिन अभी यह पूरी तरह लागू नहीं हो सका है. इस कारण कुछ देर इंतजार करना पड़ेगा.
इसके बाद पायलट ने जयपुर के आसमान में 3 से 4 बार चक्कर लगाए. एलवीपी से मतलब है कि कोहरे की स्थिति में जब रनवे दृश्यता कम हो जाए तो एयरपोर्ट पर रनवे सेफगार्डिंग प्रोसेज करते हुए लो विजिबिलिटी प्रोटोकॉल लागू कर दिया जाता है. इस दौरान कम दृश्यता में ही विमान की सुरक्षित रूप से लैंडिग और टेक ऑफ करवाया जाता है. एलवीपी लागू करने में देरी के चलते 31 दिसंबर को 3 फ्लाइट्स को करीब आधे घंटे तक होल्ड पर रखना पड़ा था.
क्या होता है LVP?
कम दृश्यता की स्थिति में एयरपोर्ट पर लागू किया जाता है LVP
ATC रनवे सेफगार्डिंग प्रोसीजर स्टार्ट करने के लिए निर्देश देती है
लो विजिबिलिटी प्रोटोकॉल के दौरान सभी तरह के कार्य बंद कर दिए जाते
सिविल, इलेक्ट्रिकल वर्क बंद करा दिए जाते हैं
सीएनएस के अधिकारी अपने इक्विपमेंट चैक करते हैं
इलेक्ट्रिकल वाले अपने ऑपरेशन्स को डीजल जैनरेटर मोड पर डाल देते
सीआईएसएफ सारे गेट बंद कर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करती है
इस दौरान CAT थ्री बी और ILS की मदद से विमान की लैंडिंग कराई जाती
जयपुर एयरपोर्ट पर मात्र 75 मीटर दृश्यता में भी विमान की लैंडिंग कराना संभव
दरअसल एटीसी की ओर से जब एलवीपी प्रोटोकॉल लागू करने के निर्देश दिए जाते हैं तो अलग-अलग एजेंसियां अपनी जिम्मेदारी पूरी कर एटीसी को रिपोर्ट करती हैं. चूंकि एयरपोर्ट का संचालन अभी निजी हाथों में है, ऐसे में कुछ एजेंसियों की ढिलाई की बात सामने आ रही हैं. एजेंसियों के एलवीपी प्रोटोकॉल लागू करने में देरी होने के चलते विमान को होल्ड पर रखा जाता है. इस दौरान विमान का फ्यूल तो बर्बाद होता ही है, विमान में सवार यात्रियों की सांस भी अटकी रहती है.
31 दिसंबर को अटक गई थी 400 यात्रियों की सांसें
इंडिगो की बेंगलूरु से जयपुर फ्लाइट 6E-6273, रात 11:55 बजे होना था लैंड
रात 11:10 बजे लैंडिंग के लिए अप्रोच किया, लेकिन रात 11:37 बजे लैंड हो सकी
इंडिगो की बेंगलूरु से जयपुर फ्लाइट 6E-838, रात 10:35 बजे होना था लैंड
बेंगलूरु से ही आगमन में 1 घंटे 10 मिनट लेट चल रही थी फ्लाइट
रात 11:14 बजे लैंडिंग के लिए अप्रोच किया, रात 11:41 बजे लैंड हो सकी
इंडिगो की चंडीगढ़ से जयपुर की फ्लाइट 6E-7413, रात 11 बजे होना था लैंड
चंडीगढ़ से आगमन में ही 45 मिनट लेट चल रही थी फ्लाइट
रात 11:17 बजे लैंडिंग के लिए अप्रोच किया, रात 11:50 बजे हो सकी लैंड