Haryana News: हरियाणा के रहने वाले शुभम और प्रीत अलग-अलग सड़क हादसे का शिकार हुए थे. डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया था. दोनों के परिजनों ने अंगदान का लिया था निर्णय.
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Organ Donation: हरियाणा के रहने वाले दो युवा शुभम (24) और प्रीत (24) अलग-अलग सड़क हादसे का शिकार हुए थे. डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया था. दुनिया से जाने के बाद भी वे 9 लोगों को नया जीवन देकर गए.
हिंद्स्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा के कैथल के पट्टी अफगान गांव का शुभम 7 मई को एक सड़क दुर्घटना में घायल गया था. गंभीर चोटों के कारण उसे अगले दिन PGIMER, चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया था.
शुभम को 9 मई को ब्रेन डेड घोषित किया गया
मेडिकल टीमों की कोशिश के बावजूद, शुभम को गंभीर स्थिति से नहीं निकाला जा सका और ब्रेन डेथ सर्टिफिकेशन कमेटी की दो बैठकों के बाद 9 मई को उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया.
रिपोर्ट के अनुसार मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम (टीएचओए) के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर्स ने अंग दान के विकल्प पर विचार करने के लिए परिवार से संपर्क किया और उनकी सहमति के बाद प्रक्रिया शुरू की गई.
PGIMER के चिकित्सा अधीक्षक और क्षेत्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (आरओटीटीओ) के नोडल अधिकारी डॉ. विपिन कौशल ने मामले के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, 'परिवार की सहमति के बाद, हमने शुभम के लीवर, किडनी, अग्न्याशय और कॉर्निया को सुरक्षित कर लिया.'
डॉ. कौशल ने कहा, चूंकि क्रॉस-मैचिंग से पता चला कि PGIMER में लिवर के लिए कोई संबंधित प्राप्तकर्ता नहीं है, इसलिए अंग को आईएलबीएस अस्पताल, नई दिल्ली में भर्ती एक 34 वर्षीय महिला को आवंटित किया गया था.
निकाले गए अंग को सुरक्षित और जल्द पहुंचाने के लिए, PGIMER से मोहाली के इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया.
किडनी लाभार्थियों में दो पुरुष शामिल हैं जिनमें से एक 39 वर्षीय पुरुष शामिल है जो लंबे समय से डायलिसिस पर था एक अन्य 34 वर्षीय पुरुष टाइप-1 मधुमेह से जूझ रहा था.
डोनर से प्राप्त कॉर्निया ने दो कॉर्निया ब्लांड रोगियों की दृष्टि बहाल कर दी. डॉ. कौशल ने कहा, इस तरह, शुभम के परिवार द्वारा अंग दान के उदार निर्णय से पांच जिंदगियां प्रभावित हुईं.
प्रीत ने दी चार लोगों को नई जिंदगी
हरियाणा की एक 18 वर्षीय प्रीत की दुखद मौत के बाद उसके परिवार ने उसके अंग दान करके चार गंभीर रूप से बीमार रोगियों की जान बचाई.
जोगिंदर पाल सिंह और पिंकी रानी ने अपनी बेटी प्रीत के अंगों को दान करने का फैसला किया, जो 29 अप्रैल को एक दुर्घटना का शिकार हो गई थी और शनिवार को अल्केमिस्ट अस्पताल, पंचकुला में उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था.
दान किया गया लीवर मैक्स अस्पताल, साकेत भेजा गया. अग्न्याशय और एक किडनी को पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ भेजा गया, और दूसरी किडनी अल्केमिस्ट अस्पताल में ही एक गंभीर किडनी विफलता वाले रोगी को दान की गई थी. अंगों के जल्द और समय पर ट्रांसपोर्ट के लिए रविवार को ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए.