Ravindra Kaushik Indian Spy: रविंद्र कौशिक एक रॉ एजेंट थे और ब्लैक टाइगर के तौर पर जाने जाते थे. उनका जन्म राजस्थान में हुआ था. उन्हें एक्टिंग का बहुत शौक था और यही शौक उनके जासूसी की दुनिया में आने का कारण बना.
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Story of Spy Ravindra Kaushik: भारत और पाकिस्तान के बीच जासूसी भिडंत तो आज भी जारी है. लेकिन भारतीय जासूस रविंद्र कौशिक की कहानी में कुछ ऐसा है कि बॉलीवुड की कई फिल्मों की कहानी कौशिक की जिंदगी से प्रेरित बताई जाती है. जानते हैं पाकिस्तान में जाकर कौशिक ने ऐसा क्या किया जो उनके कारनामे आज तक याद किए जाते हैं.
रविंद्र कौशिक एक रॉ एजेंट थे और ब्लैक टाइगर के तौर पर जाने जाते थे. उनका जन्म राजस्थान में हुआ था. उन्हें एक्टिंग का बहुत शौक था और यही शौक उनके जासूसी की दुनिया में आने का कारण बना.
बताते हैं कि एक बार किसी रॉ ऑफिसर ने उनका नाटक देखा था और कौशिक को पूरी तरह से किरदार में डूबा देख ऑफिसर ने सोचा कि लड़का जरूर पाकिस्तान जाकर एक नए किरदार को जी सकता है.
23 साल की उम्र में रॉ से जुड़े
रविंद्र कौशि ने 23 साल की उम्र में रॉ में काम करना शुरू कर दिया. पाकिस्तान में जान से पहले उन्होंने उर्दू सीखी और इस्लामी साहित्य का अध्ययन किया. उन्होंने अपना नाम भी नबी अहमद शकीर रख लिया.
पाकिस्तान में रविंद्र कौशिक ने अपना काम बाखूबी निभाया. उनकी पाक में एंट्री की किसी को खबर नहीं हुई.भारत में उनसे जुड़े सारे रिकॉर्ड खत्म कर दिए गए.
लॉ कॉलेज से सेना और शादी
पाकिस्तान में क्या किया कौशिक ने लाहौर यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया और वकालत की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने पाकिस्तान फौज में नौकरी कर ली. इस बीच उन्हें पाकिस्तानी फौज के एक बड़े अफसर की बेटी से प्यार हो गया. लड़की का नाम अमानत था. दोनों ने शादी कर ली और दोनों के एक बेटा भी हुआ.
कौशिक ने फौज में कई वर्षों तक नौकरी की. उन्होंने कई महत्वपूर्ण जानकारी भारत को दी. वह पाक सेना में तरक्की करते-करते मेजर के पद तक पहुंच गए. बताया जाता है कि उनकी पत्नी को भी उनका असली नाम नहीं पता था.
ऐसे खुला राज
पाक सरकार या खुफिया एजेंसियों को कौशिक पर शक नहीं हुआ लेकिन कहा जाता है कि पाकिस्तान में ही मौजूद एक जूनियर एजेंट ने गिरफ्तारी के बाद रविंद्र के बारे में सबकुछ बता दिया.
1983 में रविंद्र कौशिक को गिरफ्तार कर लिया गया। जेल में उन्हें बहुत यातनाएं दी गईं. रविंद्र कौशिक कुल 18 साल पाकिस्तानी जेल में बंद रहे. 2011 में जेल में ही उनकी मृत्यु हुई.
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