IAF Plane Crash: आसमान में कैसे भिड़ गए सुखोई-30 और मिराज 2000? चश्मदीद ने बताई आंखों देखी
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IAF Plane Crash: आसमान में कैसे भिड़ गए सुखोई-30 और मिराज 2000? चश्मदीद ने बताई आंखों देखी

Sukhoi-30 Crash: मुरैना (Morena) में लड़ाकू विमानों (Fighter Jets) के टकराने के बाद भयंकर मंजर देखने को मिला. चश्मदीद ने बताया कि हादसे के बाद उन्होंने क्या देखा? यह घटना कैसे हुई?

मुरैना प्लेन क्रैश कैसे हुआ

Sukhoi-30 And Miraj 2000 Clash: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुरैना (Morena) में इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) के 2 लड़ाकू विमान (Fighter Jet) शनिवार को दुर्घटनाग्रस्त हो दए. हादसे में दोनों लड़ाकू विमानों के परखच्चे उड़ गए. धमाके की आवाज काफी दूर तक सुनाई दी. टक्कर के बाद फाइटर जेट्स में आग लग गई. दो पायलटों को पैराशूट की मदद से जमीन पर उतरते हुए भी देखा गया. हालांकि, इस दुर्घटना में एक पायलट शहीद हो गया. ग्वालियर एयर बेस से दोनों लड़ाकू विमानों सुखोई-30 (Sukhoi-30) और मिराज 2000 (Miraj 2000) ने उड़ान भरी थी. दोनों लड़ाकू विमानों में टक्कर कैसे हुई, आइए जानते हैं कि चश्मदीदों ने इसके बारे में क्या बताया?

जमीन पर गिरे आग के गोले!

मुरैना विमान हादसे के चश्मदीदों के मुताबिक, एक तेज धमाके की आवाज उन्होंने सुनी. उन्होंने जमीन पर आग के गोले गिरते हुए देखे. इसके बाद उन्हें नजदीकी झाड़ियों में दो पायलट पैराशूट के जरिए उतरते भी दिखे. बता दें कि इंडियन एयरफोर्स के दो फाइटर जेट सुखोई-30 और एक मिराज 2000 ने सुबह एक्सरसाइज के लिए उड़ान भरी थी. मुरैना जिले में दोनों दुर्घटनाग्रस्त हो गए. इसमें दो पायलट घायल हो गए, जिनका इलाज जारी है.

घायल पायलटों को झाड़ियों से निकाला

जान लें कि टक्कर के बाद इन दोनों फाइटर जेट का मलबा मुरैना के पहाड़गढ़ क्षेत्र में गिरा. माना जा रहा है कि इनके मलबे का कुछ हिस्सा राजस्थान के भरतपुर में भी गिरा. वह मध्य प्रदेश के बॉर्डर से लगा हुआ है. चश्मदीदों ने कहा कि दुर्घटना के बाद मौके पर इकट्ठा हुए लोगों ने दोनों घायल पायलटों को झाड़ियों से निकाला. इसके बाद उनको जमीन पर लेटा दिया गया. फिर कुछ देर में भारतीय वायुसेना का हेलीकॉप्टर आया. फिर इलाज के लिए वो दोनों पायलटों को ग्वालियर ले गया.

मुरैना हादसे के बाद दिखा ऐसा मंजर

चश्मदीदों ने कहा कि पहाड़गढ़ इलाके से लगभग 4 किलोमीटर दूर 500-800 मीटर के इलाके में दोनों लड़ाकू विमानों का मलबा बिखरा था. मलबे में आग लग गई थी. इसे देखकर लोगों ने मलबे पर मिट्टी फेंकना शुरू कर दिया जिससे आग बुझ सके. दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद जल्द ही आसपास के गांवों के करीब 1,500 लोग वहां पहुंच गए.

पहाड़गढ़ के प्रधान शैलेंद्र शाक्य ने कहा कि कुछ लोगों के साथ मैं खड़ा था. बम विस्फोट की जैसी आवाज हमने सुनी. फिर आसमान में आग का गोला देखा, वो जमीन पर गिर रहा था. दुर्घटनाग्रस्त विमान पहाड़गढ़ के जंगली क्षेत्र में गिर गए.

(इनपुट- भाषा)

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