Manipur Violence Latest Updates: मणिपुर हिंसा मामले की जांच अब सीबीआई करेगी. सुप्रीम कोर्ट को सौंपे एफिडेविट में सरकार ने यह जानकारी दी है.
Trending Photos
Central Government fresh affidavit in Supreme Court on Manipur Violence: मणिपुर में हैवानियत के वायरल वीडियो की जांच अब CBI करेगी. सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने इस केस की जांच CBI को सौंप दी है. CBI जल्द ही इस मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू करेगी. साथ ही इस केस का ट्रायल मणिपुर से बाहर करने की सिफारिश करेगी. पुलिस ने हैवानियत का वीडियो बनाने वाले आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही वीडियो बनाने वाले फोन को भी बरामद कर लिया है. सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के वरिष्ठ प्रतिनिधियों से बात शुरू की है. अब तक इस मामले में अलग-अलग 6 दौर की बात हो चुकी है.
मणिपुर को लेकर केन्द्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दिया. इस एफिडेविट में केंद्र सरकार ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर केंद्र सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस की नीति है. केंद्र ने राज्य सरकार के साथ मशविरा करके मणिपुर केस (Manipur Violence) की जांच CBI को सौंपने का फ़ैसला लिया है. इसके साथ ही इस केस का ट्रायल मणिपुर से बाहर करवाने का SC से आग्रह किया है.
मणिपुर हिंसा पर SC में सुनवाई
मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) से जुड़ी सभी याचिकाओं पर SC सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में SC ने मणिपुर में 2 महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना पर SC ने स्वतः संज्ञान लिया था. कोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार से पूछा था कि इस मामले में गुनाहगारों की जवाबदेही सुनिश्चित करने और आगे इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या कदम उठा रही है.
सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई में सरकार अपने इस फैसले के बारे में बताएगी. उसके एफिडेविट में वीडियो के सिलसिले में पकड़े गए आरोपियों पर मामला (Manipur Violence) राज्य से बाहर असम में चले, इसकी भी सिफारिश है. प्रशासन को कथित वायरल वीडियो की कोई पूर्व सूचना नहीं थी. दो अन्य वीडियो जो संज्ञान में आए वो पुराने और म्यांमार के हैं. मणिपुर से ऐसा अन्य कोई अभी मामला सामने नहीं आया है.
दोनों समुदायों को साथ बिठाने की कोशिश
एफिडेविट के मुताबिक राज्य में शांति स्थापना के लिए कुकी और मैती समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ अब तक अलग अलग 6 दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं. सरकार दोनों समुदायों को एक साथ बैठाने का भी प्रयास कर रही है.
मणिपुर (Manipur Violence) जल रहा है यह नैरेटिव बनाया जा रहा है लेकिन स्थिति में पहले से काफी सुधार आया है. गत 17 जुलाई के बाद से मौत की कोई घटना नहीं हुई है. हिंसा की घटनाओं में भी जून के बाद से लगातार कमी आई है. शांति स्थापना के लिए कुकी और मैतेई बहुल आबादी वाले इलाकों के बीच सुरक्षा बलों ने बफर जोन बनाया है. इसमें दोनों समुदायों के रिटायर्ड अधिकारियों, जजों और अन्य गणमान्य लोगों की मदद ली जा रही है.
राज्य में जातीय तनाव का लंबा इतिहास
राज्य में केंद्र की तरफ से भेजे गए विशेष सुरक्षा सलाहकार की अगुवाई नें यूनिफाइड कमांड काम कर रही है. प्रधानमंत्री लगातार मणिपुर (Manipur Violence) के मुद्दे पर नज़र बनाए हुए थे. केंद्रीय गृहमंत्री और राज्य सरकार के साथ भी पीएम लगातार हालात और शांति व्यवस्था के प्रयासों का अपडेट लेते रहे हैं. राज्य में जातीय हिंसा का इतिहास रहा है. लेकिन 1993-1998 के बीच हुई हिंसा की घटनाओं और ताजा मामले में सरकार की प्रतिक्रिया का अंतर भी देखा जा सकता है.
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कोर्ट को बताया कि हालात को सम्भालने में कोई देरी हुई यह कहना गलत है. 3 मई से 7 मई के बीच ही 30 हज़ार से अधिक सुरक्षाबल जवान तैनात कर दिए गए थे. मणिपुर जाने (Manipur Violence) से किसी को रोका नहीं जा रहा. विपक्ष का प्रतिनिधि मंडल जाता है तो सुरक्षा के इंतजाम सुनिश्चित किए जाएंगे. मणिपुर में हिंसा की घटनाएं जातीय संघर्ष की हैं. इसको चर्च बनाम हिन्दू जैसा कोई धार्मिक रंग देना गलत है.
म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने की कोशिश
केंद्र ने कहा कि म्यांमार में सैन्य शासन आने के बाद से नारकोटिक्स के अवैध कारोबार में बढ़ोतरी हुई है. म्यांमार से लगी सीमा पर आवाजाही के नियमन के लिए नए प्रावधान का प्रयास हो रहा है. -भारत-म्यांमार के बीच 1643 किमी की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने के लिए सर्वे का काम चल रहा है.
म्यांमार से आने वाले लोगों का बायोमेट्रिक डेटा भी लिया जाएगा ताकि उसे नेगेटिव डेटा लिस्ट में डाला जा सके. इससे म्यांमार से आने वाला कोई भी शख्स भारत (Manipur Violence) में अपना आधार नहीं बनवा पाएगा.