बंबई हाई कोर्ट का आया फैसला, गर्भवती लड़की को दी सरकारी जेजे अस्पताल में इलाज की अनुमति
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बंबई हाई कोर्ट का आया फैसला, गर्भवती लड़की को दी सरकारी जेजे अस्पताल में इलाज की अनुमति

Bombay High Court : बंबई हाई कोर्ट ने एक 17 वर्षीय गर्भवती लड़की को मुंबई के सरकारी जेजे अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दी है. लड़की को कुछ अस्पतालों के डॉक्टरों ने मदद देने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद अदालत का फैसला सामने आया है. 

 

Bombay High Court

Mumbai : बंबई हाई कोर्ट ने बुधवार ( 10 अप्रैल ) को एक 17 वर्षीय गर्भवती लड़की को मुंबई के सरकारी जेजे अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दी है. लड़की को कुछ अस्पतालों के डॉक्टरों ने मदद देने से इनकार कर दिया था. लड़की की मां ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की, और बताया कि अस्पतालों ने इसलिए उसका इलाज करने से इनकार कर दिया क्योंकि वह उस लड़के के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराना चाहते है, जिसके साथ उसके संबंध थे. 

 

मेडिकल इलाज से किया इनकार 

साथ ही याचिका में कहा गया है, कि लड़की और लड़के के बीच सहमति से संबंध थे. लड़के की उम्र भ्री 17 वर्ष है. याचिका में कहा गया है, कि मेडिकल इलाज के इनकार करने लड़की के उन मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है जो संविधान में दर्ज हैं. सरकारी वकील पूर्णिमा कंथारिया ने न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदोश पूनीवाला की खंडपीठ के समक्ष ने कहा कि लड़की यहां जेजे अस्पताल में इलाज करा सकती है. 

 

 हालांकि, वकील ने कहा कि लड़की को एक आपात पुलिस रिपोर्ट जमा करानी होगी जिसमें कहा गया हो कि वह लड़के के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज नहीं कराना चाहती है. 

 

लड़की गर्भपात नहीं कराना चाहती

याचिकाकर्ता की वकील ने अदालत को बताया कि लड़की गर्भपात नहीं कराना चाहती थी और बच्चे के जन्म के बाद उसे किसी को गोद दे दिया जाएगा. याचिका में कहा गया है, कि उपनगर अंधेरी में एक आश्रय गृह उसे प्रसव से पहले और बाद में सहायता और देखभाल के लिए भर्ती करने पर सहमत हो गया है.

 

पीठ ने अपने आदेश में कहा कि लड़की शुक्रवार ( 12 अप्रैल ) तक अपने वकील के माध्यम से आपात पुलिस रिपोर्ट के रूप में अपना बयान दर्ज करे. हाई कोर्ट ने कहा, पुलिस में बयान जमा कराने में कोई हर्ज नहीं है. 

 

 

 

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