GRAP In Delhi: दिल्ली में एयर पॉल्यूशन (Air Pollution) बढ़ने के साथ ही ग्रैप के चरण भी बढ़ने लगते हैं. ऐसा क्यों होता है और पॉल्यूशन बढ़ने पर क्या-क्या उपाय किए जाते हैं, आइए इसके बारे में जानते हैं.
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Air Pollution In Delhi: हर साल की तरह इस बार भी सर्दी के मौसम की आहट के साथ ही दिल्ली-NCR की हवा में पॉल्यूशन का जहर घुलना शुरू हो गया है. आज दिल्ली में AQI 306 तक पहुंच गया. दिल्ली का एक्यूआई ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया है. आज सुबह 7 बजे दिल्ली-NCR में ज्यादातर जगह AQI का स्तर खराब देखा गया. नोएडा में एक्यूआई 312, फरीदाबाद में एक्यूआई 346, गुरुग्राम में एक्यूआई 268 है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने आज दोपहर में एक हाई लेवल बैठक बुलाई है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि जरूरत हुई तो पाबंदियां बढ़ेंगी.
फिर डरा रहा दिल्ली का एयर पॉल्यूशन
जान लें कि दिल्ली में एयर पॉल्यूशन का स्तर फिर से बढ़ने लगा है. दिवाली से पहले ही दिल्ली की हवा बेहद खराब हो गई है. हरियाणा के गुरुग्राम में भी AQI खराब श्रेणी में है. यहां AQI 283 रिकॉर्ड किया गया है. वहीं, दिल्ली से सटे गाजियाबाद में AQI 239 रिकॉर्ड किया गया.
एयर पॉल्यूशन से बचने के लिए क्या करें?
दिल्ली और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग एयर पॉल्यूशन से बचने के लिए इन सावधानियों को बरत सकते हैं. सांस के मरीज सावधानी बरतें. निजी वाहनों का इस्तेमाल कम करें. बेवजह घर से बाहर ना निकलें. बच्चों और बुजुर्गों का खास ध्यान रखें. जरूरी हो तो दोपहर में निकलें. मॉर्निंग वॉक के लिए घर से बाहर ना निकलें. इसके अलावा फल, सब्जी और पौष्टिक भोजन करें. पानी और अन्य लिक्विड पीते रहें. घर पर ही जरूरी एक्सरसाइज करें. सांस में तकलीफ होने पर डॉक्टर से मिलें. स्मॉग होने पर सुबह ना टहलें. बीमार लोग भीड़भाड़ से बचें. खुद से एंटीबायोटिक ना लें. दवाओं की ज्यादा डोज से बचें.
ग्रैप का कौन सा चरण कब होता है लागू?
बता दें कि दिल्ली में बढ़ते हुए एयर पॉल्यूशन को देखते हुए पहले ही ग्रैप-2 लागू किया जा चुका है. जान लें कि ग्रैप का पहला चरण AQI 201 से 300 तक रहता है. दूसरा चरण AQI 301 से 400 तक रहता है. फिर तीसरा चरण AQI 401 से 450 तक रहता है. अगर AQI 450 से ज्यादा हो गया तो ग्रैप-4 लागू हो जाता है. आइए जानते हैं कि ग्रैप के अलग-अलग चरणों में क्या-क्या पाबंदियां होती हैं.
ग्रैप-1 में 500 स्क्वायर मीटर के बराबर या उससे ज्यादा जमीन पर निर्माण और तोड़फोड़ नहीं हो सकती है. अगर उसे धूल रोकने के उपायों की मॉनिटरिंग के लिए राज्य सरकार के पोर्टल पर रजिस्टर नहीं किया गया है. इसके अलावा दिल्ली के इर्द-गिर्द 300 किलोमीटर के इलाके में पॉल्यूशन फैलाने वाली इंडस्ट्रियल यूनिट्स और थर्मल पावर प्लांट्स के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. इसके अलावा होटल, रेस्टोरेंट और अन्य ढाबों आदि में तंदूर में कोयले के इस्तेमाल पर बैन लग जाता है.
ग्रैप-2 में प्राइवेट गाड़ियों के इस्तेमाल को कम करने के मकसद से पार्किंग फीस बढ़ाई जाती है. इससे सीएनजी, इलेक्ट्रिक बस और मेट्रो सर्विस को बढ़ावा देना भी होता है. ग्रैप-3 में दिल्ली, फरीदाबाद, गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद में पेट्रोल से चलने वाले बीएस-3 इंजन और डीजल से चलने वाली बीएस-4 इंजन वाली चार पहिया गाड़ियों पर रोक लगा दी जाती है. ग्रैप-4 में हर तरह की निर्माण और तोड़फोड़ की एक्टिविटीज पर बैन लग जाएगा. दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम लागू हो जाएगा. इसके अलावा बच्चे घर से बाहर ना निकलें इसलिए स्कूलों को ऑनलाइन क्लासेस कराने का आदेश दिया जाएगा.