BJP-AIADMK Alliance: पलानीस्वामी ने शुक्रवार को कहा कि हर एक नेता चाहता है कि उनकी पार्टी सत्तारूढ़ सेक्युलर प्रोग्रेसिव अलायंस के विपरीत बढ़े, जहां भागीदारों ने डीएमके की ग्रोथ पर ज्यादा ध्यान दिया.
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NDA Allies: ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के अंतरिम महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी ने शुक्रवार को कहा कि बीजेपी के साथ अन्नाद्रमुक का गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनाव तक जारी रहेगा. बीजेपी के साथ AIADMK के संबंध सौहार्दपूर्ण होने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टियां 2024 का चुनाव एक साथ लड़ेंगी. इरोड पूर्व विधानसभा उपचुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए प्रचार करने के बाद तिरुनेलवेली में पलानीस्वामी ने मीडिया से बात की. उन्होंने AIADMK और BJP नेताओं के सोशल मीडिया पर एक-दूसरे पर हमला करने के विवादों को तवज्जो नहीं दी. उन्होंने आगे कहा कि हर एक नेता चाहता है कि उनकी पार्टी सत्तारूढ़ सेक्युलर प्रोग्रेसिव अलायंस के विपरीत बढ़े, जहां भागीदारों ने डीएमके की ग्रोथ पर ज्यादा ध्यान दिया.
27 फरवरी को उपचुनाव
रिपोर्ट के अनुसार, इरोड ईस्ट में उपचुनाव 27 फरवरी को होना है. पलानीस्वामी ने कहा कि वह 24 और 25 फरवरी को फिर से उम्मीदवार के लिए प्रचार करेंगे. उपचुनाव में एआईएडीएमके की जीत का भरोसा जताते हुए उन्होंने कहा कि जीत की गूंज लोकसभा चुनाव में भी सुनाई देगी. उन्होंने आरोप लगाया कि डीएमके सरकार ने इरोड ईस्ट (पूर्व) के लोगों के लिए कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की सरकार ने अपने 21 महीने के कार्यकाल में निर्वाचन क्षेत्र के निवासियों के लिए उचित पेयजल तक सुनिश्चित नहीं किया है. उन्होंने दावा किया कि जब AIADMK सत्ता में थी, तब उसने कावेरी नदी से इरोड के लिए 484 करोड़ रुपये की लागत से एक विशेष एकीकृत पेयजल परियोजना शुरू की थी.
डीएमके के कारण बिगड़ी कानून-व्यवस्था
ट्रायल रन के बाद जब योजना को चालू किया जाना था तो मई 2021 में आम चुनाव की घोषणा की गई. AIADMK नेता ने कहा कि जहां भी DMK नेता प्रचार कर रहे थे लोग उनसे सवाल कर रहे थे. उन्होंने आरोप लगाया कि डीएमके सरकार की अक्षमता के कारण राज्य में कानून व्यवस्था बिगड़ गई है.
उन्होंने कहा, पूरे राज्य में नशे का कारोबार फैला हुआ है. हम अपनी आंखों के सामने युवाओं और छात्रों का जीवन खराब होते देख रहे हैं. उन्होंने बताया कि कई पर्यावरणविदों, कार्यकर्ताओं और मछुआरों ने समुद्र में कलम की मूर्ति बनाने के सरकार के फैसले का विरोध किया है.
उन्होंने कहा, हम कलम की मूर्ति के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम सरकार से इसे स्मारक के पास बनाने और समुद्र में नहीं बनाने के लिए कह रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि सरकार को उस पर 81 करोड़ रुपये खर्च करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार 2 करोड़ रुपये से इसका निर्माण कर सकती है और बाकी पैसों का उपयोग छात्रों को मुफ्त पेन बांटने में कर सकती है.
(इनपुट-IANS)
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