बारिश से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिलती है तो वहीं इस मौसम में फंगल इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. यह इंफेक्शन बारिश के मौसम में कीड़े-मकोड़े, बैक्टीरिया, या इन्फेक्टेड लोगों के कॉन्टैक्ट में आने से होता है. फंगल इंफेक्शन किसी को भी हो सकता है और शरीर के कई हिस्सों में दिखाई दे सकता हैं.
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बारिश से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिलती है तो वहीं इस मौसम में फंगल इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. यह इंफेक्शन बारिश के मौसम में कीड़े-मकोड़े, बैक्टीरिया, या इन्फेक्टेड लोगों के कॉन्टैक्ट में आने से होता है. फंगल इंफेक्शन किसी को भी हो सकता है और शरीर के कई हिस्सों में दिखाई दे सकता हैं. फंगल इंफेक्शन से दाद-खाज या खुजली जैसी समस्या हो सकती है, जो काफी लंबे समय तक रहती हैं. फंगल इंफेक्शन को माइकोसिस के रूप में भी जाना जाता है. कई तरह के फंगस इंसानों के लिए हानिकारक नहीं होते, लेकिन उनमें से कुछ ऐसे होते हैं, जो रोग पैदा करने में सक्षम हैं. फंगल इंफेक्शन आपकी त्वचा, नाखूनों या फेफड़ों में फैल सकता है. फंगस आपके शरीर या स्किन में भी प्रवेश कर सकता है और पूरे इम्यून सिस्टम को भी खराब कर सकता है.
फंगल इंफेक्शन से बचाव
बारिश के मौसम में भीगने से बचें. यदि किसी कारण आप भीग गए हैं तो घर में जाकर साफ पानी से नहाएं. इस मौसम में ज्यादा देर तक अपने शरीर को गीला ना रखें. आपको रोजाना अपने कपड़े धोने चाहिए. कभी किसी और के कपड़े या तौलिये का इस्तेमाल ना करें.
फंगल इन्फेक्टेड लोग इन बातों का रखें ध्यान
- फंगल इंफेक्शन से पीड़ित लोग अपनी हाइजीन को अच्छी रखें.
- रोगी गीले कपड़े तो कतई न पहनें. हमेशा साफ तौलिये का इस्तेमाल करें और दूसरे का तौलिया बिलकुल भी यूज न करें.
- अपनी त्वचा को साफ और सूखा रखें.
- अपने हाथ अक्सर धोएं, खासकर जानवरों या अन्य लोगों को छूने के बाद.
- लॉकर रूम में जूते पहनें, सामुदायिक शॉवर व स्विमिंग पूल के इस्तेमाल से बचें.
- जिम में उपकरण का उपयोग करने से पहले और बाद में साफ करें.
- पीड़ित लोग स्किन स्पेशलिस्ट डॉक्टर को दिखाएं और उनके द्वारा बताई गई दवा व क्रीम का इस्तेमाल करें. दवा को बीच में न छोड़ें.
पीड़ित लोग इन घरेलू चीजों का भी कर सकते हैं इस्तेमाल
- एप्पल साइडर विनेगर में मजबूत एंटीफंगल गुण होते हैं, इसलिए यह प्रभावित क्षेत्र पर शीर्ष रूप से लगाने पर दाद के इलाज में मदद कर सकता है.
- टी ट्री ऑयल का यूज करें. मूल ऑस्ट्रेलिया के लोग पारंपरिक रूप से टी ट्री ऑयल को एक एंटी फंगल के रूप में इस्तेमाल करते थे और आज भी इसका उपयोग इसी उद्देश्य के लिए किया जाता है.
- बेकिंग सोडा में एंटी फंगल प्रॉपर्टीज होती है. पीड़ित लोग एक टब में थोड़ा पानी भरकर इसमें आधा कप बेकिंग सोडा डालें और फिर टब में 15-20 मिनट के लिए अपने पैरों को डुबोकर रखें.
- हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल के साथ ही एंटीफंगल गुण भी पाए जाते हैं. पीड़ित लोग इन्फेक्टेड पार्ट पर हल्दी का लेप लगा सकते हैं.
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