Oscar Trophy Price: भारत की झोली में एक और ऑस्कर आ गया है. नाटू- नाटू को ये सम्मान मिलते ही पूरा भारत इस गाने पर फिर से झूम उठा है. लेकिन हम बात आरआरआर के गाने को मिले अवॉर्ड की नहीं करेंगे बल्कि बल्कि चर्चा होगी.
Trending Photos
Oscar Award 2023: कहते हैं सिनेमा जगत का सबसे बडा सम्मान है ऑस्कर अवॉर्ड (Oscar Award) जिसे एक बार हासिल करने की इच्छा हर कलाकार की होती है लेकिन जिसके नसीब में होता है उसे ये सौगात मिल ही जाती है. फिलहाल ये सौगात मिली है राजामौली (Rajamouli) और आरआरआर (RRR) की पूरी टीम को जो इस वक्त खुशी से फूले नहीं समां रहे. नाटू नाटू सॉन्ग (Natu-Natu Song) बेस्ट ऑरिजिनल सॉन्ग कैटेगरी में चुना गया और ये अवॉर्ड अपने नाम भी कर लिया. यानि भारत की झोली में आ गई है ऑस्कर की एक और ट्रॉफी. चलिए आज इस ट्रॉफी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बात आपको बताते हैं.
3 महीनों में बनकर होती है तैयार
ऑस्कर की ये ट्रॉफी लगभग 3 महीनों में बनकर तैयार होती है जी हां...इसे बनाने का प्रोसेस काफी लंबा है लिहाजा इसमें काफी समय के साथ साथ अच्छा खासा पैसा भी लगता है. 13.5 इंच लंबी और 8.5 पाउंड वजनी इस ट्रॉफी को बनाने में आज तकनीक का सहारा लिया जाता है. 3 डी प्रिटंर से तैयार इस ट्रॉफी पर वैक्स लपेटी जाती है. जिसे 1600 डिग्री F पर तपाकर लिक्विड ब्रॉन्ज में तब्दील किया जाता है जिसक बाद इस पर गोल्ड का पानी चढ़ता है. इस प्रोसेस पर लगभग 32 हजार रूपए खर्च होते हैं. इस तरह एक ट्रॉफी की कीम 32 हजार के आसपास मानी जा सकती है. लेकिन अगर आप इस ट्रॉफी को आप बेचना चाहें तो आपको सिर्फ 1 डॉलर ही मिलेगा.
जी हां...दुनिया के सबसे बड़े अवॉर्ड्स में से एक इस अवॉर्ड को बेचने की यूं तो सख्त मनाही है. इसे दुनिया के किसी भी कोने में बेचा नहीं जा सकता. यहां तक कि जिस व्यक्ति को ये सम्मान मिलता है उनके जाने के बाद उनके परिवार के लोग भी इसे नहीं बेच सकते. लेकिन अगर कोई इसे नहीं रखना चाहता तो ऑस्कर एकेडमी को इसे लौटाया जा सकता है. लेकिन इसके बदले में महज 1 डॉलर ही मिलता है.
हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे