कपिल शर्मा के शो में रामानंद सागर की 'रामायण' की स्टारकास्ट पहुंची तो उनका जोरदार स्वागत होना ही था. इस शो में राम (अरुण गोविल), सीता (दीपिका चिखलिया) और लक्ष्मण (सुनील लहरी) पहुंचे थे. इन तीनों ने उस दौर के बारे में बताया, जब इन्हें भगवान की तरह पूजा जाने लगा था.
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नई दिल्ली : कपिल शर्मा के शो में रामानंद सागर (Ramanand Sagar) की 'रामायण' की स्टारकास्ट पहुंची थी. इन्हें देखकर उन सभी लोगों की यादें जरूर ताजा हो गईं, जिन्होंने उस दौर की रामायण को टीवी पर देखा था. ये वो दौर था, जब लोग इतने भावुक हो गए थे कि टीवी के सामने अगरबत्ती और माला चढ़ाने लगे थे. यही नहीं बहुत जगह तो लोग चप्पलों को उतारकर और सिर पर कपड़ा रखकर ये देखा करते थे. रामायण का इतना क्रेज था कि सड़कें खाली हो जाती थीं और दुकानों पर सन्नाटा पसरा रहता था.
खैर, कपिल शर्मा के शो में रामानंद सागर की 'रामायण' की स्टारकास्ट पहुंची तो उनका जोरदार स्वागत होना ही था. इस शो में राम (अरुण गोविल), सीता (दीपिका चिखलिया) और लक्ष्मण (सुनील लहरी) पहुंचे थे. इन तीनों ने उस दौर के बारे में बताया, जब इन्हें भगवान की तरह पूजा जाने लगा था.
इस शो में आए अरुण गोविल (Arun Govil) और दीपिका (सीता) ने बताया कि जब रामायण शुरू हुआ तो उन्हें कुछ अंदाजा नहीं था. मुंबई से दूर उमरगांव में शूटिंग होती थी. कॉन्टेक्ट के लिए उस समय मोबाइल वगैरह नहीं थे. उन्हें कुछ समय तक तो ये अंदाजा ही नहीं था कि लोगों को रामायण इतना पसंद आ रहा है. इसके बाद जब उन्हें उस समय पीएम रहे राजीव गांधी ने दिल्ली बुलाया और स्वागत हुआ तो उन्हें पता चला कि उनकी फैन फॉलोइंग कितनी बढ़ चुकी है. अरुण गोविल ने बताया कि वो जहां जाते लोग भावुक हो जाते. मालाएं पहनाते. पैर छूते. कुछ समय तक तो हमें भी समझ नहीं आ रहा था कि ये हो क्या रहा है?
लोगों का गुस्सा देख सिगरेट छोड़ी
अरुण गोविल ने उस समय के एक किस्से को बताया कि मैं एक बार साउथ में शूटिंग कर रहा था. उस समय सिगरेट बहुत पीता था. मैं एक कोने में जाकर परदे के पीछे कुर्सी डाल चुपचाप सिगरेट पी रहा था कि तभी कुछ लोग आकर दक्षिण भारतीय भाषा में जोर-जोर से चिल्लाने लगते हैं. फिर मैंने शूटिंग से जुड़े एक आदमी को बुलाया और कहा कि मुझे लग रहा है कि ये आदमी मुझे गाली दे रहे हैं, क्या आप बता सकते हैं कि ये लोग क्या कह रहे हैं. तभी वह कहता है कि आप सही कह रहे हैं कि ये लोग आपको गाली दे रहे हैं कि हम आपको भगवान समझते हैं और आप इस तरह के काम करते हैं. इसके साथ अरुण गोविल ने ये भी बताया कि उस दिन के बाद उन्होंने कभी सिगरेट नहीं पी, क्योंकि राम का किरदार निभाकर उनके कंधों पर एक नैतिक जिम्मेदारी भी आ गई है.
पैसे कमाने के ऐसे ऑफर ठकुराये
एक दूसरे किस्से को शेयर करते हुए अरुण गोविल ने बताया कि रामायण के दौरान उनके पास पैसे कमाने के कई ऑफर्स थे. उन्हें कई मैगजीन्स ने ऑफर दिया था कि आप मैगजीन के कवर पर गिलास लेकर खड़े हो जाए, बेशक उसमें पानी ही हो (एल्कोहल न हो). लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया. इस रोल को एक जिम्मेदारी भी मानकर निर्वहन किया.
निर्माता नहीं दे पाए हीरो का रोल
राम की भूमिका करके इतना फेमस हो गया था कि किसी ओर रोल के लिए मुझे निर्माता अप्रोच नहीं कर पाए. निर्माताओं को लगता था कि मुझे कमर्शियल फिल्म में देखना पब्लिक को अच्छा नहीं लगेगा. आज तक भी लोग मुझे 'राम' के रूप में ही जानते और समझते हैं.
खुलेआम घूमना हो गया था मुश्किल
अरुण गोविल ने ये भी बताया कि वह एक बार अपनी फैमिली के साथ विदेश छुट्टियां मनाने गए थे. वह सड़क पर थे कि तभी एक गाड़ी रुकी और उसमें से दो लोग निकलकर उनकी तरफ दौड़ने लगे. मेरी पत्नी को लगा कि मेरे पति ने ऐसा क्या कर दिया जो लोग ऐसे दौड़ रहे हैं. इसके बाद वो सड़क पर भी लेटकर प्रणाम करने लगे. खुलेआम घूमना भी उस दौर में आसान नहीं था. लोगों की भावनाएं चरम पर थीं.