Top Ki Flop: इस फिल्म के Brahmastra की तरह बनने थे तीन पार्ट, पहला ही ऐसा पिटा कि नहीं बने बाकी दो
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Top Ki Flop: इस फिल्म के Brahmastra की तरह बनने थे तीन पार्ट, पहला ही ऐसा पिटा कि नहीं बने बाकी दो

Anurag Kashyap Film: निर्देशक अनुराग कश्यप छोटे और मध्यम बजट की फिल्मों के मेकर रहे हैं. जब उन्हें करीब 100 करोड़ के बजट वाली बॉम्बे वेलवेट बनाने का मौका मिला तो वह कसौटियों पर खरे नहीं उतरे. रणबीर कपूर के करियर को भी फिल्म ने तगड़ा झटका दिया.

 

Top Ki Flop: इस फिल्म के Brahmastra की तरह बनने थे तीन पार्ट, पहला ही ऐसा पिटा कि नहीं बने बाकी दो

Ranbir Kapoor Film: बीते कुछ वर्षों में जब बॉलीवुड की बड़ी फ्लॉप फिल्मों के नाम आते हैं, तो उनमें निर्देशक अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) की बॉम्बे वेलवेट (2015) को जरूर जगह मिलती है. इसमें रणबीर कपूर लीड रोल में थे. डेब्यू फिल्म सांवरिया (2007) के बाद यह उनकी दूसरी डिजास्टर थी. बीच में हिट-फ्लॉप का सिलसिला चल रहा था. बॉम्बे वेलवेट को पहले इंटरनेशनल लेवल पर डिजाइन करने की योजना थी और 2008 में स्लमडॉग मिलेनियर के लिए आठ ऑस्कर जीतने वाले डैनी बॉयल इसे फॉक्स स्टार स्टूडियो के लिए बना रहे थे. अनुराग कश्पय भी फिल्म से जुड़े थे. फिल्म मुंबई फेबल्स नाम की किताब पर आधारित थी, जिसे ज्ञान प्रकाश ने लिखा था. फिल्म को आज ब्रह्मास्त्र (Brahmastra Trilogy) की तरह की तीन हिस्सों में बनाने की योजना बनी थी. लेकिन डैनी बॉयल (Danny Boyle) को कुछ बातें जमी नहीं और वह प्रोजेक्ट से हट गए. कमान अनुराग कश्यप के हाथों में आ गई.

प्यार और अंडरवर्ल्ड की कहानी
बॉम्बे वेलवेट को बहुत महंगे स्तर पर बनाया गया. इसकी ज्यादातर शूटिंग श्रीलंका (Sri Lanka) में हुई. वहां 1960 के दशक की मुंबई (Mumbai) के भव्य सैट लगाए गए. जम कर पैसा खर्च हुआ. शूटिंग के साथ ही फिल्म का प्रमोशन शुरू हुआ. मुंबई के कई फिल्म पत्रकारों को पानी के जहाजों में बैठा कर श्रीलंका ले जा के सैर कराई गई. फिल्म को लेकर जबर्दस्त शोर मचाया गया. लेकिन फिल्म रिलीज होते ही समीक्षकों और दर्शकों ने इसे खारिज कर दिया गया. इसकी दो वजहें थीं. एक तो औसत कहानी और खराब स्क्रिप्ट. दूसरा, निर्देशक का कहानी से ज्यादा फिल्म की स्टाइल पर ध्यान. कहानी 1960 के दशक में मुंबई में एक साधारण नौजवान की थी, जो एक लड़की के प्यार में पड़ने के बाद खूब पैसा कमाना चाहता है और अपराध की दुनिया में कदम रख देता है. वासन बाला और अनुराग कश्यप की लिखी फिल्म अमेरिकी गैंगस्टर फिल्मों जैसा लुक और फील दे रहे थी, जिसमें दर्शकों को मजा नहीं आया.

रणबीर कपूर का खराब दौर
फिल्म में कहानी से ज्यादा 1960 के मुंबई और तब के स्टाइल पर ज्यादा ध्यान दिया गया था. उस दौर के कपड़े, तबके क्लब, क्लबों में जैज संगीत, डांस. इन सब बातों के बीच इमोशंस खो गए थे. रणबीर कपूर को दर्शकों ने पूरी तरह खारिज कर दिया. 11 रुपये लेकर करण जौहर ने यह फिल्म साइन की थी और वह इसमें विलेन बने थे. वह भी दर्शकों को पसंद नहीं आए. उन दिनों ऑफबीट सिनेमा में संघर्ष कर रहे चेहरों को अनुराग ने इसमें लिया था और कोई दर्शकों को जमा नहीं. तीन ऑस्कर जीत चुकीं थेलेमा ऑस्कर भी फिल्म की एडिटिंग टीम में थी, लेकिन तब भी कहानी दर्शकों को पकड़ नहीं सकी. 90 से 100 करोड़ रुपये के बजट वाली यह फिल्म आधा पैसा भी नहीं निकाल सकी. अनुराग के करियर की आज तक की यह सबसे महंगी और सबसे बड़ी फ्लॉप फिल्म है. 2013 में अनुराग कश्यप के भाई अभिनव कश्यप के साथ रणबीर के करियर का जो खराब दौर शुरू हुआ था, वह एक दशक बाद भी आज लड़खड़ा रहा है. फिल्म इतनी बुरी तरह से पिटी कि इसके आगे के दो और पार्ट बनाने का खयाल निर्माताओं को सपने में भी नहीं आया. हालांकि अनुराग ने जब फिल्म शुरू की थी तो उन्होंने कहा था कि डैनी बॉयल के विपरीत पहले हिस्से पर ही उनका फोकस हैं. बाकी बाद में देखेंगे. लेकिन वह बाकी देखने का मौका नहीं आया.

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