इस IITian ने छोड़ी लाखों की नौकरी, किसानों के लिए किया काम और बना डाली 1250 करोड़ की कंपनी
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इस IITian ने छोड़ी लाखों की नौकरी, किसानों के लिए किया काम और बना डाली 1250 करोड़ की कंपनी

IITian Shashank Kumar Success Story: शशांक कुमार जब किसानों से मिलने गए तो किसानों समझ नहीं आता था कि एक 24 साल का लड़का खेती में कोई खास विशेषज्ञता कैसे हासिल कर सकता है.

इस IITian ने छोड़ी लाखों की नौकरी, किसानों के लिए किया काम और बना डाली 1250 करोड़ की कंपनी

IITian Shashank Kumar Success Story: जीडीपी के कॉन्टेक्स्ट में देखा जाए, तो भारत के मुख्य क्षेत्रों में से कृषि भी एक है. यहां नई टेक्नोलॉजी के साथ, अक्षमता (Inefficiency) और ट्रांस्पेरंसी की कमी को दूर करना काफी महत्वपूर्ण है और यह इस बाजार के दो अहम मुख्य मुद्दे भी हैं. ऐसे में देहात (DeHaat), भारतीय किसानों के लिए एक सर्वव्यापी प्रदाता है, जिसे इस मुद्दे को सुधारने के लिए एक IITian शशांक कुमार द्वारा स्थापित किया गया था. पिछले दस सालों से अधिक समय से, देहात ने निगमों और किसानों के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य किया है.

कौन हैं शशांक कुमार?
शशांक कुमार बिहार राज्य के छपरा जिले के मूल निवासी हैं; उनकी मां एक शिक्षक थीं और उनके पिता बिहार राष्ट्रीय विद्युत बोर्ड में कार्यरत थे. शशांक कुमार ने अपनी शिक्षा के लिए झारखंड के नेतरहाट आवासीय विद्यालय में पढ़ाई की है. फिर उन्होंने 2008 में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली से टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया और डिग्री हासिल कर ली.

उन्होंने IIT दिल्ली के मैनेजमेंट स्टडीज डिपार्टमेंट में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में माइनर भी पूरा किया. इसके बाद, शशांक कुमार ने बेकॉन एडवाइजरी सर्विसेज, मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म के लिए काम करना शुरू किया, जहां उन्होंने लगभग 2.5 साल बिताए.

कारोबार शुरू करने के लिए नौकरी छोड़ दी
इसके बाद शशांक कुमार ने अपनी नौकरी छोड़ दी और उन्होंने IIT खड़गपुर के अपने पुराने दोस्त मनीष कुमार के साथ मिलकर साल 2011 में नॉन प्रोफिट फाउंडेशन फर्म एंड फार्मर्स (Non-Profit Foundation Firm & Farmers) की स्थापना की, जिसका उद्देश्य कृषि उद्योग में सुधार करना था. इसके बाद देहात ने साल 2012 में सोशल इंटरप्राइज ग्रीन एग्रीवोल्यूशन की शुरुआत की. जब शशांक कुमार किसानों से मिलने गए तो किसानों समझ नहीं आया कि एक 24 साल का लड़का खेती में कोई खास विशेषज्ञता कैसे हासिल कर सकता है.

इसके बाद मनीषा कुमार के बिजनेस छोड़ने के बाद से आईआईटी दिल्ली, आईआईएम और एनआईटी के पूर्व छात्र अमरेंद्र सिंह, श्याम सुंदर, आदर्श श्रीवास्तव और शशांक कुमार वर्तमान में टीम के प्रभारी हैं. देहात बिजनेस, जिसके गुरुग्राम और पटना में कार्यालय हैं, वो किसानों को उनकी उपज बढ़ाने में मदद करने के लिए तकनीकी नवाचारों का उपयोग कराने का इरादा रखता है.

देहात (DeHaat) क्या है?
पटना स्थित देहात एक डिजिटल पोर्टल है जो स्मॉल स्केल फारमर्स को माइक्रो बिजनेस के मालिकों के एक समुदाय से जोड़ता है, जो विभिन्न कृषि इनपुट और उपकरण प्रदान करते हैं. ये आपूर्तिकर्ता बीज, उर्वरक और यहां तक कि मशीनरी जैसे इनपुट खरीदते हैं, साथ ही फसल सलाह सेवाएं और बाजार कनेक्शन भी प्रदान करते हैं.

कितनी है देहात की कमाई 
सीईओ शशांक कुमार के अनुसार, एग्रीटेक कंपनी देहात (DeHaat) की आय इस वित्त वर्ष में 80% से बढ़कर 2,300 करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है, जो कि किसानों को कृषि आदानों की बिक्री में सुधार और घरेलू व अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कृषि उत्पादों के व्यापार के कारण है. पीटीआई के मुताबिक, सीईओ शशांक कुमार के मुताबिक, 2022 में देहात का रेवेन्यू करीब 1,250 करोड़ रुपए था.

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