Education Loan: हायर एजुकेशन के लिए लोन लेने का बना रहे हैं मन, तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान
Advertisement
trendingNow11398147

Education Loan: हायर एजुकेशन के लिए लोन लेने का बना रहे हैं मन, तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान

Loan for Students: क्या आप भी घर बैठकर हायर एजुकेशन के लिए लोन लेना चाहते हैं. अगर हां, तो हम आपको बताएंगे कि आखिर आप कैसे अपने लिए या अपने बच्चे के लिए आसान तरीके से एजुकेशन लोन लेकर उनके सपनों को उड़ाने दे सकते हैं. आइए फिर जानते हैं प्रोसेस.

एजुकेशन लोन

How to Apply for Education Loan: भारत में मौजूदा समय में हायर एजुकेशन या प्रोफेशनल कोर्स को करना किसी चुनौत से कम नहीं है. इसकी बड़ी वजह है अधिकतर कोर्स की मोटी फीस. ऐसे में कई पैरेंट्स फीस की वजह से अपने बच्चे को चाहकर भी हायर स्टडी नहीं करा पाते. हालांकि कई लोग अब एजुकेशन लोन का सहारा लेने लगे हैं. अगर आप भी इस तरीके से अपने बच्चों को पढ़ाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो इस खबर को पढ़ें. यहां हम बताने जा रहे हैं एजुकेशन लोन से जुड़ी हर जानकारी जो आपके लिए उपयोगी होगी.

किन्हें मिल सकता है लोन

एजुकेशन लोन उन स्टूडेंट्स को मिलता है, जो या तो इंडिया में या फिर इंडिया से बाहर हायर एजुकेशन लेना चाहते हैं. इन कोर्सेज में इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, मेडिकल, होटल मैनेजमेंट, आर्किटेक्चर और दूसरे प्रोफेशनल कोर्सेज शामिल हैं. कुल मिलाकर लोन लेने का मकसद स्टडी ही होना चाहिए.

आवेदन की प्रक्रिया

एजुकेशन लोन के लिए स्टूडेंट्स अप्लाई को अप्लाई करना होता है. उसके माता-पिता, भाई-बहन या पत्नी (अगर हो) को को-एप्लिकेंट के रूप में रहते हैं. स्टूडेंट्स की ओर से अप्लाई किए गए लोन में स्टूडेंट्स के पाठ्यक्रम और अन्य संबंधित दूसरे खर्चे जैसे हॉस्टल और अन्य खर्च शामिल होते हैं

आवेदन करने वाले के लिए ये योग्यता जरूरी

एजुकेशन लोन के लिए स्टूडेंट्स को कुछ एलिजिबिलिटी पूरी करनी होती है. यह पात्रता होने के बाद ही लोन मिल सकता है. स्टूडेंट्स के लिए भारत की नागरिकता जरूरी है. भारत या विदेश में जिस विश्वविद्यालय में प्रवेश लेना है वहां के किसी सक्षम अधिकारी से मान्यता प्राप्त, साथ ही कोर्स की पूरी डिटेल और कॉलेज की फीस स्ट्रक्चर मुहैया करानी होती है. इसके अलावा सह-आवेदक को इनकम टैक्स रिटर्न जैसे डॉक्युमेंट्स जमा कराने होते हैं.

इस तरह मिल जाएगा लोन अमाउंट

आपका आवेदन मिलने और सारी योग्यता पास करने के बाद बैंक अमाउंट के आधार पर लोन को 100% तक पैसा दे देती है. इंडिया में पढ़ाई के लिए जरूरी फंड का 5% ऐप्लिकेंट को ही मैनेज करना होता है, बाकी 95 प्रतिशत बैंक फाइनेंस कर देता है. वहीं, विदेशों में पढ़ाई के लिए आवेदक को 15% फंड खुद देना होता है, जबकि 85 प्रतिशत तक बैंक उपलब्ध कराता है. यहां इस बात का ध्यान रखें कि बैंक कर्ज के लिए जमानत भी मांगते हैं. भारत में 4 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये के लोन पर थर्ड पार्टी की जरूरत होती है. बैंक मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) का उपयोग करते हैं, साथ ही ब्याज दर निर्धारित करने के लिए अतिरिक्त स्प्रेड का उपयोग करते हैं. सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद लोन पास कर दिया जाता है जिसके बाद बैंक डायरेक्ट कॉलेज को ही फीस जमा कर देता है.

ऐसे चुकाना होता है लोन

आपने जिस कोर्स के लिए लोन लिया है, उसके कंप्लीट होते ही आपको लोन चुकाने की प्रक्रिया से गुजरना होता है. हालांकि कुछ बैंक कोर्स कंप्लीट होने के 1 साल बाद से या छात्र के नौकरी लग जाने के बाद से लोन के भुगतान के लिए कहते हैं. आमतौर पर लोन पेमेंट का टेन्योर 5-7 साल का होता है.  

ये स्टोरी आपने पढ़ी देश की सर्वश्रेष्ठ हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

Trending news