English Learning: ऐसी कई क्लासेस हैं जो फर्राटेदार इंग्लिश बोलना सिखाने के बड़े-बड़े दावे तो करती हैं, लेकिन ये जरूरी नहीं है कि वहां जाकर आप अंग्रेजी सीख ही जाएं. ऐसे में आप की परेशानियों को भांपते हुए हम आपके लिए कुछ ऐसे शानदार टिप्स लेकर आए हैं, जिनकी हेल्प से आप इंग्लिश बोलने में सहज महसूस करेंगे.
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English Learning: अगर आप इंग्लिश बोलना सीखना चाहते हैं और लाख कोशिशों के बाद भी आपको सफलता नहीं मिल रही हो तो आपको तरीका बदल लेना चाहिए. दरअसल, फर्राटेदार इंग्लिश बोलने के लिए सबसे पहले आपको अपने अंदर से हेजिटेशन को दूर करना पडे़गा, तभी बात बनेगी. इंग्लिश भी किसी भी अन्य भाषा की तरह है.
ऐसा माना जाता है कि इसे बोलने, पढ़ने, लिखने और समझने के लिए ग्रामर जानने से ज्यादा आपके अंदर इसको लेकर कॉन्फिडेंस होना जरूरी और यही सच भी है. अगर सीखने पर आ जाए तो आप इंग्लिश बोलना केवल 15 दिनों में भी सीख सकते हैं और इसके लिए आपको किसी इंग्लिश स्पीकिंग क्लास जाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी.
केवल ग्रामर आ जाना ही सब कुछ नहीं
अगर आपसे कोई कहता है कि सिर्फ इंग्लिश ग्रामर या पार्ट्स ऑफ स्पीच की नॉलेज होने से आप इंग्लिश बोलना सीख जाएंगे तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. ऐसे में यह टिप्स आपके बड़े काम आने वाली है. आप अपना पूरा फोकस सिर्फ इंगलिश ग्रामर पर न रखें. हालांकि, हम आपसे यह भी नहीं कह रहे हैं कि आप ग्रामर पढ़ना ही छोड़ दें, लेकिन एक लिमिट में पढ़ें.
यहां रटना काम आएगा
कई बार हमने लोगों को कहते सुना है कि पढ़ाई करते समय चीजों को रटना नहीं समकझना चाहिए, लेकिन यहां रटने की आदत आपके बेहज काम आएगी. आप कुछ ऐसे वाक्य या फ्रेज़ रट लें, जिनका इस्तेमाल रोजमर्रा की जिंदगी में किया जा सकता है. इनमें गलती की भी कोई गुंजाइश नहीं रह जाती है. इन्हें बोलने से धीरे-धीरे आपके अंदर कॉन्फिडेंस आएगा. ऐसे में बेहतर रहेगा कि आप इनका इस्तेमाल की शुरुआत कर ही दें.
हिंदी से इंग्लिश ट्रांसलेशन पर न करें ज्यादा फोकस
हममे से ज्यादातर लोग ऐसे होते हैं जो बहुत सोच-सोच कर इंग्लिश में बात करते हैं. दरअसल, लोग कुछ भी कहने से पहले या इंग्लिश मेंअपनी बात रखने से पहले मन ही मन हिंदी से इंगलिश में अपने वाक्य ट्रांसलेशन कर रहे होते हैं. आपको बचा दें कि आपका यह तरीका बिल्कुल गलत है. इंग्लिश स्पीकिंग सीखने के लिए ट्रांसलेशन एक लंबा प्रोसेस है और इससे आपकी स्पीड कम हो सकती है.
हिंग्लिश में करें बातचीत की शुरुआत
अगर आप सोचते हैं कि कुछ ही दिनों में किसी एक्सपर्ट की तरह अंग्रेजी में बात करना सीख जाएंगे, तो आपको बता दें कि ऐसा करना आसान नहीं है. ऐसे में आपके लिए बेहतर रहेगा कि आप हिंग्लिश में बात करना शुरू करें. हिंग्लिश मतलब हिंदी और अंग्रेजी का मिश्रण. हालांकि, हिंग्लिश में बातचीत करते समय इस बात का ध्यान रखें कि यह बोलने में अजीब भी न लगे.