National Film Awards: कल घोषित हुए राष्ट्रीय फिल्म अवार्ड्स के बाद तमिल फिल्म जय भीम (Jai Bhim) चर्चा में है. कई लोगों का कहना था कि यह फिल्म पुरस्कार (National Film Awards) की प्रबल दावेदार थी. क्यों नहीं मिला इसे अवार्डॽ सोशल मीडिया (Social Media) में इस पर बातें हो रही है...
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Jai Bhim In Hindi OTT: गुरुवार को 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों (69th National Film Awards) की घोषणा की गई. हिंद समेत देश की अलग-अलग भाषाओं, एक्टरों, डायरेक्टरों तथा तकनीशियों को नेशनल अवार्ड मिले हैं. लेकिन सोशल मीडिया में जिस फिल्म को लेकर चर्चा छिड़ी है, उसे पुरस्कार नहीं मिला है. खास तौर पर तमिल सिने-प्रेमी (Tamil Films) इस बात से दुखी हैं. फिल्म है, सूर्या (Actor Suriya) स्टारर जय भीम (Jai Bhim). इस बात पर चर्चा हो रही है कि गरीब आदिवासियों पर होने वाले अत्याचारों तथा न्याय के लिए संघर्ष दिखाने वाली यह महत्वपूर्ण फिल्म आखिर क्यों राष्ट्रीय अवार्ड पाने से चूक गई. इसे लेकर तमाम तरह की बातें हो रही हैं. मगर सवाल यह भी उठ कहा है कि क्या मात्र एक डायलॉग की वजह से इस फिल्म को पुरस्कार नहीं दिया गयाॽ
डायलॉग का विरोध
सोशल मीडिया में कहा जा रहा है कि फिल्म में यह एक दृश्य है जिसके परिणामस्वरूप फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार नहीं मिल सका. यह वह दृश्य है जहां प्रकाश राज (Actor Prakash Raj) एक आदमी को हिंदी में बोलने के लिए थप्पड़ मारते हैं और उसे तमिल में बोलने के लिए कहते हैं. सोशल मीडिया में कहा जा रहा है कि यह विवादास्पद दृश्य फिल्म (Film Controversy) के लिए समस्या बन गया. इस सीन के बावजूद फिल्म को नेशनल अवार्ड मिलने से कई लोग नाराज हो सकते थे. उल्लेखनीय है कि जब यह फिल्म रिलीज हुई थी, तब इस सीन को लेकर काफी विवाद हुआ था.
सच्ची घटना की कहानी
उस वक्त प्रकाश राज ने भी इस पर सफाई भी दी थी. तब उठे विवाद में कहा गया था कि फिल्म में हिंदी के प्रति विरोध (Anti Hindi) दिखाया गया है और यह राजनीति से प्रेरित सीन है. मगर मेकर्स ने कहा था कि इसका राजनीति से कोई संबंध नहीं है. फिल्म का निर्देशन टी.जे. ज्ञानवेल ने किया है. फिल्म में सूर्या, प्रकाश राज, राजिशा विजयन, लिजोमोल जोस, राव रमेश और के. मणिकन्दन लीड रोल में हैं. फिल्म 1993 की एक सच्ची घटना पर आधारित है. जय भीम की कहानी एक आदिवासी पति-पत्नी के जीवन और उन पर पुलिस की ज्यादतियों पर पर आधारित है. पुलिस झूठे मामले में आदिवासी युवक को पकड़कर उस पर अत्याचार करती है. तब उसकी पत्नी वकील चंद्रू की सहायता लेती है. लेकिन न्याय की लड़ाई आसान नहीं होती. यह फिल्म हिंदी में भी डब हुई. डब वर्जन को यूट्यूब और अमेजन प्राइम वीडियो (Amazon Prime Video) पर देखा जा सकता है.