Kissa Kursi Ka: CM बनने के अगले ही दिन देना पड़ा इस्तीफा, PM राजीव गांधी के आदेश ने अर्जुन सिंह को कर दिया था दंग
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Kissa Kursi Ka: CM बनने के अगले ही दिन देना पड़ा इस्तीफा, PM राजीव गांधी के आदेश ने अर्जुन सिंह को कर दिया था दंग

Rajniti ka Kissa: मध्य प्रदेश में 1985 में हुए असेंबली चुनाव में प्रचंड जीत के बाद अर्जुन सिंह ने सीएम पद की शपथ ली लेकिन अगले ही दिन उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया था. आखिर तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने उनके साथ ऐसा खेल क्यों किया था.

 

Kissa Kursi Ka: CM बनने के अगले ही दिन देना पड़ा इस्तीफा, PM राजीव गांधी के आदेश ने अर्जुन सिंह को कर दिया था दंग

Lok Sabha Election 2024 Hindi News: बात 1985 की है. देश में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की बर्बर हत्या के बाद देश में गुस्से और गम की लहर थी. इसके बाद लोकसभा के साथ जिन राज्यों में असेंबली के चुनाव हुए, वहां कांग्रेस एकतरफा तरीके से जीत हासिल कर रही थी. मध्य प्रदेश में भी इसी लहर के दौरान असेंबली के इलेक्शन हुए. पार्टी के सीनियर लीडर और तत्कालीन सीएम अर्जुन सिंह की लीडरशिप में कांग्रेस ने जोरदार तरीके से चुनाव लड़ा और 320 विधानसभा सीटों में से 250 पर उसे जीत हासिल की. सब मानकर चल रहे थे कि अर्जुन सिंह को उनकी इस मेहनत का इनाम मिलेगा और ऐसा हुआ भी. वे सीएम बने लेकिन उनके साथ एक बड़ा खेल भी हो गया. उन्होंने 11 मार्च 1985 को मध्य प्रदेश के नए सीएम पद की शपथ ली और अगले ही दिन उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ गया. 

हाईकमान के फैसले से दंग रह गए अर्जुन सिंह

अपने साथ हुए इस खेल से अर्जुन सिंह सिंह हैरान और परेशान थे. उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि उन्हें कुर्सी देकर 24 घंटे बाद ही क्यों छीन ली गई. लेकिन उनके लिए असली सरप्राइज अभी बाकी था. राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने उन्हें एमपी के सीएम पद से इस्तीफा दिलवाकर पंजाब का राज्यपाल बना दिया. जबकि उनके स्थान पर मोती लाल वोरा को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया गया. अर्जुन सिंह इस बात से नाराज थे कि अगर उन्हें गवर्नर ही बनाना था तो उन्हें राज्य के सीएम पद की शपथ क्यों दिलवाई गई. 

अर्जुन सिंह का बढ़ता कद नहीं आ रहा था रास

इस फैसले से दंग अर्जुन सिंह ने विरोध करने के बजाय हाईकमान के सामने सरेंडर कर दिया और चुपचाप पंजाब के राज्यपाल पद की शपथ ले ली. लेकिन वे फैसले की असल वजह कभी नहीं जान पाए. पार्टी के कई पुराने दिग्गजों के मुताबिक अर्जुन सिंह लगातार दूसरी बार बड़ी जीत के साथ मध्य प्रदेश के सीएम बने थे. जिससे उनका राजनीतिक कद काफी बढ़ गया था. उनकी यह तरक्की कांग्रेस के कई सीनियर नेताओं को पसंद नहीं आई, जिन्होंने तत्कालीन पीएम राजीव गांधी के कान भर दिए. जिसके चलते उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के अगले दिन ही इस्तीफा देने को मजबूर कर दिया गया. 

मध्य प्रदेश में 5 साल में बने 5 मुख्यमंत्री

अर्जुन सिंह के हटने के बाद मोतीलाल वोरा करीब 3 साल तक मध्य प्रदेश के सीएम रहे. वहीं अर्जुन सिंह का मन राज्यपाल पद में नहीं लग रहा था. आखिरकार कांग्रेस ने मोतीलाल वोरा को केंद्र में मंत्री बनाकर अर्जुन सिंह को 1988 में फिर से मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया. हालांकि उनकी खुशी ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सकी. एक घोटाले में नाम आने पर अर्जुन सिंह को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया. इसके बाद फिर से मोतीलाल वोरा को राज्य का सीएम बनाया गया. पार्टी में अंदरुनी विवाद बढ़ने पर वोरा को फिर हटा दिया गया और श्यामाचरण शुक्ल मध्य प्रदेश के नए सीएम बने. इसके चलते मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार में राज्य को 5 साल में 5 सीएम देखने पड़ गए. 

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